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बेतिया: बाढ़ के कारण टापू बना गांव, रोते हुए बाढ़ पीड़ितों ने सुनाया अपना दर्द - village became an island due to flood in Betiya

मझौलिया प्रखंड के डुमरी पंचायत का दो गांव बाढ़ के कारण टापू बन गया है. वहां रह रहे लोगों को काफी परेशानी हो रही है. बाढ़ पीड़ितों ने अपना दुख-दर्द सुनाया और कहा कि किसी तरह कोई बाढ़ राहत उनलोगों को नहीं मिल रही है.

बाढ़ पीड़ित
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Published : Aug 1, 2019, 11:40 PM IST

बेतिया: जिला से मात्र 22 किलोमीटर की दूरी पर मझौलिया प्रखंड के डुमरी पंचायत का कोहड़ा बिन टोली और हरिजन टोली 2 गांव टापू बन गए हैं. उनकी सुध लेने कोई अधिकारी अभी तक नहीं पहुंचा है. जब ईटीवी भारत को इसकी जानकारी मिली तो संवाददाता उस गांव के लोगों का हाल और उनकी समस्या जानने दो किलोमीटर दूर नाव पर सवार होकर उनके पास पहुंचे.

लोगों का हाल बेहाल
जब ईटीवी भारत का संवाददाता इस गांव में पहुंचा तो पूरा गांव उमड़ गया. लोगों में उम्मीद जगी कि अब कहीं हमारी बात बिहार सरकार तक पहुंचेगी और उन्हें राहत मिलेगी. बाढ़ के कारण ग्रामीणों की हालत बद से बदतर है. यहां बाढ़ पीड़ितों को मदद के नाम पर कुछ नहीं मिला है.

बाढ़ पीड़ितों का है बुरा हाल

मुश्किल में बाढ़ पीड़ित
गौरतलब है कि पिछले 12 दिनों से इस गांव के लोग पानी से घिरे हुए हैं. 3 दिन तक खाना नसीब नहीं हुआ था. ग्रामीण महिलाएं अपनी आपबीती सुनाते हुए रोने लगी और कहा कि कोई भी हमलोगों की सुध लेने नहीं पहुंचा है. हमलोगों को काफी परेशानी हो रही है. सरकार सिर्फ घोषणा ही करती है लेकिन हमलोगों को कोई राहत नहीं मिल रही है.

सरकारी अधिकारी नहीं ले रहे सुध
डुमरी पंचायत के मुखिया पति सोनू राय ने बताया कि उन्होंने जिला से लेकर ब्लॉक तक के अधिकारियों को इस बात की जानकारी दी है. लेकिन कहीं से भी इन गांव वालों को कोई मदद नहीं मिल रही है. जिसके कारण ये लोग बहुत परेशान हैं.

बेतिया: जिला से मात्र 22 किलोमीटर की दूरी पर मझौलिया प्रखंड के डुमरी पंचायत का कोहड़ा बिन टोली और हरिजन टोली 2 गांव टापू बन गए हैं. उनकी सुध लेने कोई अधिकारी अभी तक नहीं पहुंचा है. जब ईटीवी भारत को इसकी जानकारी मिली तो संवाददाता उस गांव के लोगों का हाल और उनकी समस्या जानने दो किलोमीटर दूर नाव पर सवार होकर उनके पास पहुंचे.

लोगों का हाल बेहाल
जब ईटीवी भारत का संवाददाता इस गांव में पहुंचा तो पूरा गांव उमड़ गया. लोगों में उम्मीद जगी कि अब कहीं हमारी बात बिहार सरकार तक पहुंचेगी और उन्हें राहत मिलेगी. बाढ़ के कारण ग्रामीणों की हालत बद से बदतर है. यहां बाढ़ पीड़ितों को मदद के नाम पर कुछ नहीं मिला है.

बाढ़ पीड़ितों का है बुरा हाल

मुश्किल में बाढ़ पीड़ित
गौरतलब है कि पिछले 12 दिनों से इस गांव के लोग पानी से घिरे हुए हैं. 3 दिन तक खाना नसीब नहीं हुआ था. ग्रामीण महिलाएं अपनी आपबीती सुनाते हुए रोने लगी और कहा कि कोई भी हमलोगों की सुध लेने नहीं पहुंचा है. हमलोगों को काफी परेशानी हो रही है. सरकार सिर्फ घोषणा ही करती है लेकिन हमलोगों को कोई राहत नहीं मिल रही है.

सरकारी अधिकारी नहीं ले रहे सुध
डुमरी पंचायत के मुखिया पति सोनू राय ने बताया कि उन्होंने जिला से लेकर ब्लॉक तक के अधिकारियों को इस बात की जानकारी दी है. लेकिन कहीं से भी इन गांव वालों को कोई मदद नहीं मिल रही है. जिसके कारण ये लोग बहुत परेशान हैं.

Intro:बेतिया: जिला से मात्र 22 किलोमीटर की दूरी पर मझौलिया प्रखंड के डुमरी पंचायत का कोहड़ा बिन टोली और हरिजन टोली 2 गांव टापू बन गए हैं । उनकी सुध लेने कोई अधिकारी अभी तक नहीं पहुंचा। जब ईटीवी भारत को इसकी जानकारी मिली तो ईटीवी भारत उस गांव के लोगों का हाल और उनकी समस्या जानने दो किलोमीटर दूर नाव पर सवार होकर उनके पास पहुंचा।


Body:जब ईटीवी भारत इस गांव में पहुंचा तो पूरा गांव उमड़ गया कि कोई आया है, हमारे इस गांव के बदहाली को देखने। उनमें उम्मीद जगी कि, अब कहीं हमारी बात बिहार सरकार तक पहुंचेगी और उन्हें राहत मिलेगी।

डुमरी पंचायत का कोहड़ा बिन टोली और हरिजन टोली चारों तरफ से बाढ़ से घिर गया है। ग्रामीण की हालत बद से बदतर हो गए हैं। ग्रामीणों की स्थिति बेहाल है। यहां आने के बाद सरकार के सारे वादे खोखले साबित हो रहे हैं। जिसमें कहा जा रहा हैं कि बिहार सरकार बाढ़ पीड़ितों की मदद कर रही है। लेकिन इसके विपरीत इन हजारों ग्रामीणों को ना ही कोई पूछने वाला है और ना ही कोई देखने वाला। ग्रामीणों का दर्द देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि सरकार के यह सारे दावे खोखले साबित हो रहे हैं। पिछले 12 दिनों से इस गांव के लोग पानी से घिरे हुए हैं। 3 दिन तक खाना नसीब नहीं हुआ। ग्रामीण महिलाएं अपनी आपबीती सुनाते रोने लगी। इनके आंसू यह बात कह रहे हैं कि वह कितने बदहाल हैं। कोई अधिकारी नहीं पहुंचा, उनकी सुध लेने। सरकार सिर्फ घोषणा ही करती है।

इन ग्रामीणों का दर्द सुनने के बाद ईटीवी भारत ने सीधे पंचायत के मुखिया से बात की। डुमरी पंचायत के मुखिया पति सोनू राय ने बताया कि उन्होंने जिला से लेकर ब्लॉक तक के अधिकारियों को इस बात की जानकारी दी है। लेकिन कहीं से भी इन गांव वालों को कोई मदद नहीं मिली।


Conclusion:अब इसे क्या कहा जाए? जब पंचायत के मुखिया ने इस गांव की बदहाली से जिला प्रशासन से लेकर ब्लॉक अधिकारी तक को अवगत करा दिया है। इसके बावजूद भी उनकी सुध लेने कोई नहीं पहुंचा। जिले में ऐसे बहुत गांव हैं,जहां के ग्रामीण बाढ़ के पानी से बेहाल है और परेशान हैं । इसके बावजूद बाढ़ प्रभावित क्षेत्र घोषित नहीं किया गया।

जितेंद्र कुमार गुप्ता
ईटीवी भारत, बेतिया
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