बेतिया: जिला परिषद के कार्यकाल के 4 साल पूरे हो चुके हैं. वहीं, 14 महीने बाद अब जाकर जिला परिषद की सामान्य बैठक का आयोजन किया गया. लेकिन इस बैठक की शुरुआत हंगामे से हुई. पार्षदों ने जिला परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी सह उप विकास आयुक्त पर जिला परिषद की अनदेखी करने का आरोप लगाया है. पार्षदों ने इस बैठक में जमकर हंगामा किया.
पार्षदों ने लगाया आरोप
बता दें कि जिला परिषद के कार्यकाल के 4 साल पूरा होने के बाद आखिरकार जिला परिषद प्रशासन की नींद टूटी और 14 महीने बाद जिला परिषद की सामान्य बैठक आयोजित की गई. इस बैठक में पार्षदों ने जमकर हंगामा किया. पार्षदों का कहना है कि जिला परिषद में किसी भी पार्षद के सवाल का जवाब नहीं दिया जाता है. जबकि सभी पार्षद अपने-अपने क्षेत्र के 50 हजार जनता का प्रतिनिधित्व करते हैं. इसके बावजूद भी हर 3 महीने पर होने वाली सामान्य बैठक को 14 महीने बाद आयोजित किया जा रहा है. जिसकी वजह से जिला पार्षदों को जनता के बीच जाकर उनके सवालों का जवाब देना मुश्किल हो गया है.
महीनों से बाधित है विकास कार्य
जिला परिषद के सभागार में आयोजित बैठक में अध्यक्ष शैलेंद्र गढ़वाल भी मौजूद थे. जहां पार्षदों ने अपनी समस्या को उनके सामने रखते हुए जमकर हंगामा किया. हालांकि इस बारे में न तो जिला परिषद के अध्यक्ष कुछ बोल सके और न ही जिला परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी सह उप विकास आयुक्त ने कुछ कहा. जिससे यह समझा जा सकता है कि पश्चिमी चंपारण जिला परिषद की कार्रवाई की सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है. जिसकी वजह से जिला परिषद के तहत क्षेत्र में होने वाला विकास महीनों से बाधित है.