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बेतिया: हंगामे की भेंट चढ़ा जिला परिषद की बैठक, कार्यपालक पदाधिकारी पर अनदेखी का आरोप

जिला परिषद के कार्यकाल के 4 साल पूरा होने के बाद आखिरकार जिला परिषद प्रशासन की नींद टूटी और 14 महीने बाद जिला परिषद की सामान्य बैठक आयोजित की गई. जिसमें पार्षदों ने जमकर हंगामा किया. पार्षदों ने कहा कि जिला परिषद में किसी भी पार्षद के सवाल का जवाब नहीं दिया जाता है.

Bettiah
जिला परिषद की बैठक
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Published : Dec 27, 2019, 8:05 PM IST

बेतिया: जिला परिषद के कार्यकाल के 4 साल पूरे हो चुके हैं. वहीं, 14 महीने बाद अब जाकर जिला परिषद की सामान्य बैठक का आयोजन किया गया. लेकिन इस बैठक की शुरुआत हंगामे से हुई. पार्षदों ने जिला परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी सह उप विकास आयुक्त पर जिला परिषद की अनदेखी करने का आरोप लगाया है. पार्षदों ने इस बैठक में जमकर हंगामा किया.

पार्षदों ने लगाया आरोप
बता दें कि जिला परिषद के कार्यकाल के 4 साल पूरा होने के बाद आखिरकार जिला परिषद प्रशासन की नींद टूटी और 14 महीने बाद जिला परिषद की सामान्य बैठक आयोजित की गई. इस बैठक में पार्षदों ने जमकर हंगामा किया. पार्षदों का कहना है कि जिला परिषद में किसी भी पार्षद के सवाल का जवाब नहीं दिया जाता है. जबकि सभी पार्षद अपने-अपने क्षेत्र के 50 हजार जनता का प्रतिनिधित्व करते हैं. इसके बावजूद भी हर 3 महीने पर होने वाली सामान्य बैठक को 14 महीने बाद आयोजित किया जा रहा है. जिसकी वजह से जिला पार्षदों को जनता के बीच जाकर उनके सवालों का जवाब देना मुश्किल हो गया है.

जिला परिषद की बैठक में हंगामा

महीनों से बाधित है विकास कार्य
जिला परिषद के सभागार में आयोजित बैठक में अध्यक्ष शैलेंद्र गढ़वाल भी मौजूद थे. जहां पार्षदों ने अपनी समस्या को उनके सामने रखते हुए जमकर हंगामा किया. हालांकि इस बारे में न तो जिला परिषद के अध्यक्ष कुछ बोल सके और न ही जिला परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी सह उप विकास आयुक्त ने कुछ कहा. जिससे यह समझा जा सकता है कि पश्चिमी चंपारण जिला परिषद की कार्रवाई की सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है. जिसकी वजह से जिला परिषद के तहत क्षेत्र में होने वाला विकास महीनों से बाधित है.

बेतिया: जिला परिषद के कार्यकाल के 4 साल पूरे हो चुके हैं. वहीं, 14 महीने बाद अब जाकर जिला परिषद की सामान्य बैठक का आयोजन किया गया. लेकिन इस बैठक की शुरुआत हंगामे से हुई. पार्षदों ने जिला परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी सह उप विकास आयुक्त पर जिला परिषद की अनदेखी करने का आरोप लगाया है. पार्षदों ने इस बैठक में जमकर हंगामा किया.

पार्षदों ने लगाया आरोप
बता दें कि जिला परिषद के कार्यकाल के 4 साल पूरा होने के बाद आखिरकार जिला परिषद प्रशासन की नींद टूटी और 14 महीने बाद जिला परिषद की सामान्य बैठक आयोजित की गई. इस बैठक में पार्षदों ने जमकर हंगामा किया. पार्षदों का कहना है कि जिला परिषद में किसी भी पार्षद के सवाल का जवाब नहीं दिया जाता है. जबकि सभी पार्षद अपने-अपने क्षेत्र के 50 हजार जनता का प्रतिनिधित्व करते हैं. इसके बावजूद भी हर 3 महीने पर होने वाली सामान्य बैठक को 14 महीने बाद आयोजित किया जा रहा है. जिसकी वजह से जिला पार्षदों को जनता के बीच जाकर उनके सवालों का जवाब देना मुश्किल हो गया है.

जिला परिषद की बैठक में हंगामा

महीनों से बाधित है विकास कार्य
जिला परिषद के सभागार में आयोजित बैठक में अध्यक्ष शैलेंद्र गढ़वाल भी मौजूद थे. जहां पार्षदों ने अपनी समस्या को उनके सामने रखते हुए जमकर हंगामा किया. हालांकि इस बारे में न तो जिला परिषद के अध्यक्ष कुछ बोल सके और न ही जिला परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी सह उप विकास आयुक्त ने कुछ कहा. जिससे यह समझा जा सकता है कि पश्चिमी चंपारण जिला परिषद की कार्रवाई की सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है. जिसकी वजह से जिला परिषद के तहत क्षेत्र में होने वाला विकास महीनों से बाधित है.

Intro:एंकर: जिला परिषद का कार्यकाल 4 वर्ष पूरा होने के बाद आखिरकार जिला परिषद प्रशासन की नींद टूटी और 14 माह बाद जिला परिषद की सामान्य बैठक आयोजित हुई, जिसमें पार्षदों ने जमकर हंगामा किया।


Body:जिला परिषद के कार्यकाल का 4 वर्ष पूरा हो चुका है और 14 माह बाद जिला परिषद की सामान बैठक का आयोजन किया गया, बैठक की शुरुआत हंगामे से हुई, पार्षदों ने जिला परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी सह जिले के उप विकास आयुक्त पर जिला परिषद की अनदेखी करने का आरोप लगाया और साथ ही आरोप लगाया कि जिला परिषद में किसी भी पार्षद के सवाल का जवाब नहीं दिया जाता है, जबकि प्रत्येक पार्षद अपने-अपने क्षेत्र के 50 हजार जनता का प्रतिनिधित्व करते हैं, बावजूद इसके हर 3 महीने पर होने वाली सामान्य बैठक को 14 माह बाद आयोजित किया जा रहा है, जिसके कारण जिला पार्षदों का जनता के बीच जवाब देना मुश्किल हो गया है ।

बाइट- अमर यादव, जिला पार्षद
बाइट- भोला चौहान, जिला परिषद


Conclusion:जिला परिषद के सभागार में आयोजित बैठक में अध्यक्ष शैलेंद्र गढ़वाल भी मौजूद थे और पार्षदों ने अपनी समस्या उठाते हुए जमकर हंगामा किया, हालांकि इस बारे में न तो जिला परिषद अध्यक्ष ही कुछ बोल सके और ना ही जिला परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी सह उप विकास आयुक्त, जिससे यह समझा जा सकता है कि पश्चिमी चंपारण जिला परिषद की कार्रवाई का सिर्फ कोरम पूरा किया जा रहा है, जिस कारण जिला परिषद के तहत क्षेत्र में होने वाला विकास महीनों से बाधित है।

जितेंद्र कुमार गुप्ता
ईटीवी भारत बेतिया
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