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Bettiah Flood: हलतलबी नदी ने मचाई तबाही, पुल टूटने से चौथे दिन भी आवागमन रहा ठप

बेतिया के नरकटियागंज-बल्थर मुख्य मार्ग पर हलतलबी नदी ( Haltalbi River ) पर बना पुल टूट गया है. पुल पर लगभग 4 फीट तक पानी भरा हुआ है. जिसके कारण आवागमन पूरी तरह ठप हो चुका है.

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Published : Jul 6, 2021, 6:11 PM IST

बाढ़ से सड़क क्षतिग्रस्त
बाढ़ से सड़क क्षतिग्रस्त

बेतिया: बिहार में बाढ़ ( Flood in Bihar ) से हालात बेकाबू होते जा रहे हैं. नेपाल में हो रही बारिश के बाद अब उत्तर बिहार की सभी नदियां उफान पर हैं. नरकटियागंज से बलथर जाने वाली मुख्य सड़क में हलतलबी नदी (Haltalbi River) पर बना पुल बाढ़ के कारण एक बार फिर से टूट चुका है. जिसके चलते आज चौथे दिन भी आवागमन पूरी तरह ठप रहा.

ये भी पढ़ें- Flood in Bihar: CM नीतीश के साथ मंत्री संजय झा हवाई सर्वेक्षण को निकले, हालात देखने के बाद लेंगे निर्णय

बाढ़ में मुख्य सड़क क्षतिग्रस्त
बताया जा रह है कि भसुरारी के बीच इसके पहले भी आने वाली बाढ़ में मुख्य सड़क क्षतिग्रस्त हो गई थी. जिस पर स्थानीय लोगों ने लोहे की चादर लगाकर आने जाने लायक बनाया था. इसके बदले चार दिनों तक नजराना की वसूली खूब चली. लेकिन मीडिया में खबर प्रकाशित होने के बाद प्रशासन हरकत में आई और उसकी मरमती कराई गई. वहीं, दूसरी बार बाढ़ ने फिर से उक्त सड़क को तोड़ दिया है. जिसके कारण चार दिनों से आवागमन ठप है. इस रास्ते के बंद हो जाने से नेपाल के साथ दर्जनों गाव का संपर्क अनुमंडल और प्रखंड मुख्यालय से टूट चुका है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

आवागमन पूरी तरह ठप
बरवा बरौली मुखिया प्रतिनिधि चंसुर आलम ने बताया कि चार दिन से आवागमन पूरी तरह ठप है. सड़क पर बाढ़ का पानी चढ़ जाने के कारण हमें आने जाने में काफी परेशानी हो रही है, लोग अपनी जान को जोखिम में डालकर बाढ़ की तेज धारा को पार करते है. लोग अपने भरोसे पर जी रहे हैं. चार दिन पहले बीडीओ सतीश कुमार को सूचना दी गई थी, लेकिन अभी तक कोई प्रशासनिक पहल नहीं की गई है.

बिहार बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने की बैठक
वहीं, बाढ़ के हालत को लेकर चनपटिया प्रखण्ड सह अंचल कार्यालय में मंगलवार को बिहार बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सह सांसद डॉ. संजय जायसवाल ने अंचलाधिकारी राकेश कुमार के साथ समीक्षा बैठक की. बैठक में उन्होंने अंचलाधिकारी राकेश कुमार को निर्देशित किया कि हर हाल में बाढ़ पीड़ितों की मदद जरूरी है.

Bettiah
बाढ़ से सड़क क्षतिग्रस्त

ये भी पढ़ें- Muzaffarpur Flood: उफान पर लखनदेई नदी, जान जोखिम में डालकर सड़क पार कर रहे लोग

"बाढ़ के पानी मे फंसे हर लोगों की मदद अंचलाधिकारी अपने स्तर से करें. साथ ही जरूरत पड़े तो उच्चाधिकारियों को भी अवगत कराएं. बाढ़ से हुई फसल क्षति के लिए सरकारी पोर्टल खुला है, किसान अपने नुकसान हुए फसल का अनुदान राशि पाने के लिए आवेदन कर सकते हैं. पोर्टल पर आवेदन के बाद उसका सत्यापन विभाग द्वारा किया जाएगा. सत्यापन में फसल क्षति का आकलन कर उन्हें अनुदान दिया जाएगा." - डॉ. संजय जायसवाल, प्रदेश अध्यक्ष, बीजेपी, बिहार

बाढ़ से भारी तबाही
बता दें कि बिहार में हर साल बाढ़ से भारी तबाही होती है. जिससे लाखों लोग प्रभावित होते हैं. कई लोगों के घर बाढ़ में बह जाते हैं तो कई लोगों को जान से हाथ धोना पड़ता है. अब स्थिति यह है कि राष्ट्रीय स्तर पर बिहार में बाढ़ प्रभावित इलाके भले ही कम हो लेकिन बाढ़ से होने वाली तबाही सबसे ज्यादा है. पिछले 42 साल से बिहार की बड़ी आबादी के लिए कहर बना है. इसमें एक बड़ा योगदान नेपाल से आने वाल पानी का है. जिसकी वजह से कोसी, कमला, बागमती, गंडक, महानंदा और गंगा मानसून के समय बेहद खतरनाक रूप ले लेती हैं. इस दौरान बिहार के आधे से ज्यादा जिले बुरी तरह प्रभावित होते हैं. इसमें ना सिर्फ लोगों के जानमाल बल्कि खेती का भी बड़ा नुकसान होता है.

बेतिया: बिहार में बाढ़ ( Flood in Bihar ) से हालात बेकाबू होते जा रहे हैं. नेपाल में हो रही बारिश के बाद अब उत्तर बिहार की सभी नदियां उफान पर हैं. नरकटियागंज से बलथर जाने वाली मुख्य सड़क में हलतलबी नदी (Haltalbi River) पर बना पुल बाढ़ के कारण एक बार फिर से टूट चुका है. जिसके चलते आज चौथे दिन भी आवागमन पूरी तरह ठप रहा.

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बाढ़ में मुख्य सड़क क्षतिग्रस्त
बताया जा रह है कि भसुरारी के बीच इसके पहले भी आने वाली बाढ़ में मुख्य सड़क क्षतिग्रस्त हो गई थी. जिस पर स्थानीय लोगों ने लोहे की चादर लगाकर आने जाने लायक बनाया था. इसके बदले चार दिनों तक नजराना की वसूली खूब चली. लेकिन मीडिया में खबर प्रकाशित होने के बाद प्रशासन हरकत में आई और उसकी मरमती कराई गई. वहीं, दूसरी बार बाढ़ ने फिर से उक्त सड़क को तोड़ दिया है. जिसके कारण चार दिनों से आवागमन ठप है. इस रास्ते के बंद हो जाने से नेपाल के साथ दर्जनों गाव का संपर्क अनुमंडल और प्रखंड मुख्यालय से टूट चुका है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

आवागमन पूरी तरह ठप
बरवा बरौली मुखिया प्रतिनिधि चंसुर आलम ने बताया कि चार दिन से आवागमन पूरी तरह ठप है. सड़क पर बाढ़ का पानी चढ़ जाने के कारण हमें आने जाने में काफी परेशानी हो रही है, लोग अपनी जान को जोखिम में डालकर बाढ़ की तेज धारा को पार करते है. लोग अपने भरोसे पर जी रहे हैं. चार दिन पहले बीडीओ सतीश कुमार को सूचना दी गई थी, लेकिन अभी तक कोई प्रशासनिक पहल नहीं की गई है.

बिहार बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने की बैठक
वहीं, बाढ़ के हालत को लेकर चनपटिया प्रखण्ड सह अंचल कार्यालय में मंगलवार को बिहार बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सह सांसद डॉ. संजय जायसवाल ने अंचलाधिकारी राकेश कुमार के साथ समीक्षा बैठक की. बैठक में उन्होंने अंचलाधिकारी राकेश कुमार को निर्देशित किया कि हर हाल में बाढ़ पीड़ितों की मदद जरूरी है.

Bettiah
बाढ़ से सड़क क्षतिग्रस्त

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"बाढ़ के पानी मे फंसे हर लोगों की मदद अंचलाधिकारी अपने स्तर से करें. साथ ही जरूरत पड़े तो उच्चाधिकारियों को भी अवगत कराएं. बाढ़ से हुई फसल क्षति के लिए सरकारी पोर्टल खुला है, किसान अपने नुकसान हुए फसल का अनुदान राशि पाने के लिए आवेदन कर सकते हैं. पोर्टल पर आवेदन के बाद उसका सत्यापन विभाग द्वारा किया जाएगा. सत्यापन में फसल क्षति का आकलन कर उन्हें अनुदान दिया जाएगा." - डॉ. संजय जायसवाल, प्रदेश अध्यक्ष, बीजेपी, बिहार

बाढ़ से भारी तबाही
बता दें कि बिहार में हर साल बाढ़ से भारी तबाही होती है. जिससे लाखों लोग प्रभावित होते हैं. कई लोगों के घर बाढ़ में बह जाते हैं तो कई लोगों को जान से हाथ धोना पड़ता है. अब स्थिति यह है कि राष्ट्रीय स्तर पर बिहार में बाढ़ प्रभावित इलाके भले ही कम हो लेकिन बाढ़ से होने वाली तबाही सबसे ज्यादा है. पिछले 42 साल से बिहार की बड़ी आबादी के लिए कहर बना है. इसमें एक बड़ा योगदान नेपाल से आने वाल पानी का है. जिसकी वजह से कोसी, कमला, बागमती, गंडक, महानंदा और गंगा मानसून के समय बेहद खतरनाक रूप ले लेती हैं. इस दौरान बिहार के आधे से ज्यादा जिले बुरी तरह प्रभावित होते हैं. इसमें ना सिर्फ लोगों के जानमाल बल्कि खेती का भी बड़ा नुकसान होता है.

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