बेतियाः परिवहन विभाग और जिला प्रशासन की नाक के नीचे ऑटो, जीप और बस ओवर लोडिंग कर बेलगाम दौड़ रहे हैं. इन्हें रोकने-टोकने वाला कोई नहीं है. सवारी ढोने वाली ये गाड़ियां जिले के किसी भी सड़क पर दिख जाती है. जबकि डीएम, एसपी और डीटीओ के अधिकारी भी इन्हीं सड़कों पर चलते हैं.
नहीं है नियम-कानूनों का खौफ
जिले में ऑटो, जीप और बसों पर क्षमता से अधिक सवारी बैठाना बहुत आम हो गया है. तमाम नियम-कानून के बावजूद ड्राइवरों को प्रशासन या परिवहन विभाग का कोई खौफ नहीं है. ये लोग सीट पर तो तय मापदंडों से अधिक सवारी बैठाते ही हैं. साथ ही गाड़ी की हुड़ों पर यानी छतों पर भी सवारी लाद लेते हैं. उसके बाद गति सीमा का उल्लघंन करते सड़कों पर जिस तरह फर्राटे भरते हैं कि कभी भी बड़ी दुर्घटना हो जाए.
पुलिस-प्रशासन है बेसुध
जिले के दूर-दराज के इलाते की छोड़ दीजिए जिला मुख्यालय की सड़कों पर भी गाड़ी वाले प्रशासन को चुनौती देते दिख जाते हैं. हद तो तब जब थानों के बगल से ओवर लोडिंग कर हाई स्पीड से निकलते हैं. सड़कों पर पुलिस वाले खड़े होते हैं, उनके सामने से गाड़ी गुजरती है लेकिन उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता. जैसे सबकुछ सामान्य चल रहा हो.
'ओवर लोडिंग के खिलाफ चल रहा अभियान'
डीटीओ राजेश कुमार सिंह ने कहा कि ओवर लोडिंग के खिलाफ विभागीय अधिकारी लगातार जांच अभियान चला रहे हैं. जो भी नियमों का उल्लघंन करते पाए जाते हैं उनके खिलाफ कार्रवाई की जाती है.