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बगहा: इंडो-नेपाल सीमा से तीन करोड़ की चरस के साथ दो तस्कर गिरफ्तार

प. चंपारण के इंडो-नेपाल बॉर्डर से एसएसबी की टीम ने चरस के साथ दो तस्करों को गिरफ्तार किया है. देर रात एसएसबी की डी कम्पनी की स्पेशल नाका टीम ने धोबहा पुल के समीप से तस्करों को गिरफ्तार करने में कामयाबी पाई है.

पकड़े गए तस्कर
पकड़े गए तस्कर
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Published : Apr 20, 2021, 10:43 AM IST

Updated : Apr 20, 2021, 11:07 AM IST

प. चंपारण(बगहा): इंडो-नेपाल सीमा अंतर्गत वाल्मीकिनगर के धोबहा पुल के समीप एसएसबी 22वीं बटालियन के डी कंपनी ने तीन किलो चरस के साथ दो तस्करों को गिरफ्तार कर लिया. बाजार में जब्त चरस की अंतरराष्ट्रीय अनुमानित कीमत करोड़ों रुपये आंकी गई है. आशंका जताई जा रही है कि तस्कर नेपाल से चरस लेकर बिहार पहुंचे होंगे.

यह भी पढ़ें- बिहार में नशे के कारोबार पर NCB का वार, 'युवा हैं जद में तो इसके लिए समाज जिम्मेदार'

गुप्त सूचना के आधार पर हुई गिरफ्तारी
एसएसबी के हत्थे चढ़े चरस तस्करों को डी कंपनी रामपुरवा के इंस्पेक्टर अमित कुमार शर्मा के नेतृत्व में पकड़ा गया. गिरफ्तार तस्करों से तस्करी के सिंडिकेट के खुलासे के लिए गहन पूछताछ की जा रही है. इंस्पेक्टर अमित कुमार शर्मा ने बताया कि अंधेरे का लाभ लेकर चरस तस्कर वाल्मीकिनगर से बगहा जाने की फिराक में थे. इसी दौरान एसएसबी की विशेष टीम ने गुप्त सूचना के आधार पर धोबहा पुल के समीप से गिरफ्तार कर लिया.

बड़े सिंडिकेट का हो सकता है खुलासा
पकड़े गए तस्कर राजेश साह एवं विवेक कुमार हैं. एसएसबी ने पूछताछ के बाद गिरफ्तार तस्करों को वाल्मीकिनगर थाना को सौंप दिया है. माना जा रहा है कि पुलिस द्वारा पूछताछ के क्रम में मादक पदार्थों की तस्करी से जुड़े एक बड़े सिंडिकेट का खुलासा हो सकता है.

सीमा सील होने के बावजूद हो रही तस्करी
बता दें कि इंडो-नेपाल बॉर्डर पिछले 13 महीने से कोरोना वायरस को लेकर पूरी तरह बंद है. बावजूद इसके जंगल और गंडक नारायणी नदी के रास्ते एसएसबी को चकमा देकर अपराधी तस्करी जैसे कार्यों को अंजाम दे रहे हैं. ऐसे में इन तस्करों की गिरफ्तारी एसएसबी की बड़ी कामयाबी मानी जा रही है.

यह भी पढ़ें- मुजफ्फरपुर सेंट्रल जेल से भाग रहे दो कैदी गिरफ्तार, अन्य की तलाश जारी

प. चंपारण(बगहा): इंडो-नेपाल सीमा अंतर्गत वाल्मीकिनगर के धोबहा पुल के समीप एसएसबी 22वीं बटालियन के डी कंपनी ने तीन किलो चरस के साथ दो तस्करों को गिरफ्तार कर लिया. बाजार में जब्त चरस की अंतरराष्ट्रीय अनुमानित कीमत करोड़ों रुपये आंकी गई है. आशंका जताई जा रही है कि तस्कर नेपाल से चरस लेकर बिहार पहुंचे होंगे.

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गुप्त सूचना के आधार पर हुई गिरफ्तारी
एसएसबी के हत्थे चढ़े चरस तस्करों को डी कंपनी रामपुरवा के इंस्पेक्टर अमित कुमार शर्मा के नेतृत्व में पकड़ा गया. गिरफ्तार तस्करों से तस्करी के सिंडिकेट के खुलासे के लिए गहन पूछताछ की जा रही है. इंस्पेक्टर अमित कुमार शर्मा ने बताया कि अंधेरे का लाभ लेकर चरस तस्कर वाल्मीकिनगर से बगहा जाने की फिराक में थे. इसी दौरान एसएसबी की विशेष टीम ने गुप्त सूचना के आधार पर धोबहा पुल के समीप से गिरफ्तार कर लिया.

बड़े सिंडिकेट का हो सकता है खुलासा
पकड़े गए तस्कर राजेश साह एवं विवेक कुमार हैं. एसएसबी ने पूछताछ के बाद गिरफ्तार तस्करों को वाल्मीकिनगर थाना को सौंप दिया है. माना जा रहा है कि पुलिस द्वारा पूछताछ के क्रम में मादक पदार्थों की तस्करी से जुड़े एक बड़े सिंडिकेट का खुलासा हो सकता है.

सीमा सील होने के बावजूद हो रही तस्करी
बता दें कि इंडो-नेपाल बॉर्डर पिछले 13 महीने से कोरोना वायरस को लेकर पूरी तरह बंद है. बावजूद इसके जंगल और गंडक नारायणी नदी के रास्ते एसएसबी को चकमा देकर अपराधी तस्करी जैसे कार्यों को अंजाम दे रहे हैं. ऐसे में इन तस्करों की गिरफ्तारी एसएसबी की बड़ी कामयाबी मानी जा रही है.

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Last Updated : Apr 20, 2021, 11:07 AM IST
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