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बेतिया: गौनाहा प्रखंड के नहरों में नही हैं पानी, पटवन के लिए परेशान किसान - Patwana for harvest in Bettiah

बेतिया के गौनाहा प्रखंड के नहरों में पानी नहीं हैं. किसान पटवन के लिए परेशान है. फसल का पटवन करने में किसानों के हजारों रुपये अतिरिक्त खर्च हो रहे हैं. इस ओर प्रशासन का कोई ध्यान नहीं जा रहा है.

नहर में पानी नहीं
नहर में पानी नहीं
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Published : Apr 9, 2021, 5:10 PM IST

बेतिया: जिले के गौनाहा प्रखंड क्षेत्र के अधिकांश किसान फसलों का पटवन करने के लिए नहर के पानी पर निर्भर हैं. नहर सुखा होने के कारण किसानों की परेशानी बढ़ गयी है. वहीं, किसानों को फसल के पटवन करने पर हजारों रुपए का अतिरिक्त भार वहन करना पड़ रहा है.

किसान को हमेशा नहर के पानी रहना पड़ता है निर्भर
गौनाहा प्रखंड में पछुआ हवा के कारण फसल झुलस रही है. सिचाई विभाग नहरों में पानी की आपूर्ति करने में विफल है. किसान महंगे वैकल्पिक साधनों से सिचाई करने को मजबूर हैं. इससे किसानों पर दोहरी मार पड़ रही है. क्षेत्र के किसान अपनी फसलों की समुचित सिंचाई के लिए नहर प्रणाली पर हमेशा निर्भर रहता हैं.

पढे़ं: PM के आह्वान पर आत्मनिर्भर बनी लालसा, कई महिलाओं के साथ मिलकर कर रही ये काम

आलम यह है कि गौनाहा प्रखंड क्षेत्र में दोनों नहरों में अब तक पानी नहीं आ पाया है. किसान अपने खेतों में गन्ना, मक्का की फसल के साथ सब्जियों की खेती भी कर रहे हैं. सभी फसलों को इस समय भरपूर पानी की जरूरत है पर पानी के अभाव में फसल सूख रही है.

समाजसेवी ने बताया कि "पंपसेट से सिंचाई मंहगी पड़ रही है और कारगर भी नहीं है. उत्पादन क्षमता प्रभावित हो रही है. जिस कारण से खेती इस बार घाटे का सौदा साबित होगी."

समय पर सिंचाई नहीं होने से पैदावार में होगी कमी
किसान ने बताया कि "समय से फसलों की सिंचाई नहीं होने के कारण उत्पादन पर भारी असर पड़ता हैं. फसल विकास नहीं हो पाते. जिसके कारण बेचने के समय उचित दाम नहीं मिल पाता हैं."

पढे़ं: बेतिया के GMCH में डॉक्टर ड्यूटी से नदारद, मरीज की तड़प-तड़पकर मौत, परिजनों का हंगामा

किसानों ने बताया कि नहर से सिंचाई करने का लगान सरकार को हर साल समय पर भुगतान करने के बाद भी समय पर नहरों में पानी नहीं छोड़ा जाता हैं. जिससे हर साल परेशानी बनी रहती है. ससमय नहर में पानी नहीं छोड़ा गया तो चरणबद्ध आंदोलन करेंगे.

बेतिया: जिले के गौनाहा प्रखंड क्षेत्र के अधिकांश किसान फसलों का पटवन करने के लिए नहर के पानी पर निर्भर हैं. नहर सुखा होने के कारण किसानों की परेशानी बढ़ गयी है. वहीं, किसानों को फसल के पटवन करने पर हजारों रुपए का अतिरिक्त भार वहन करना पड़ रहा है.

किसान को हमेशा नहर के पानी रहना पड़ता है निर्भर
गौनाहा प्रखंड में पछुआ हवा के कारण फसल झुलस रही है. सिचाई विभाग नहरों में पानी की आपूर्ति करने में विफल है. किसान महंगे वैकल्पिक साधनों से सिचाई करने को मजबूर हैं. इससे किसानों पर दोहरी मार पड़ रही है. क्षेत्र के किसान अपनी फसलों की समुचित सिंचाई के लिए नहर प्रणाली पर हमेशा निर्भर रहता हैं.

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आलम यह है कि गौनाहा प्रखंड क्षेत्र में दोनों नहरों में अब तक पानी नहीं आ पाया है. किसान अपने खेतों में गन्ना, मक्का की फसल के साथ सब्जियों की खेती भी कर रहे हैं. सभी फसलों को इस समय भरपूर पानी की जरूरत है पर पानी के अभाव में फसल सूख रही है.

समाजसेवी ने बताया कि "पंपसेट से सिंचाई मंहगी पड़ रही है और कारगर भी नहीं है. उत्पादन क्षमता प्रभावित हो रही है. जिस कारण से खेती इस बार घाटे का सौदा साबित होगी."

समय पर सिंचाई नहीं होने से पैदावार में होगी कमी
किसान ने बताया कि "समय से फसलों की सिंचाई नहीं होने के कारण उत्पादन पर भारी असर पड़ता हैं. फसल विकास नहीं हो पाते. जिसके कारण बेचने के समय उचित दाम नहीं मिल पाता हैं."

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किसानों ने बताया कि नहर से सिंचाई करने का लगान सरकार को हर साल समय पर भुगतान करने के बाद भी समय पर नहरों में पानी नहीं छोड़ा जाता हैं. जिससे हर साल परेशानी बनी रहती है. ससमय नहर में पानी नहीं छोड़ा गया तो चरणबद्ध आंदोलन करेंगे.

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