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GMCH Bettiah: जिले के सबसे बड़े अस्पताल में पानी के लिए हाहाकार, मरीज खरीदकर पी रहे पानी, किडनी पेशेंट परेशान

बेतिया जीएमसीएच में पिछले तीन चार दिनों से पानी के लिए हाहाकार (Water Shortage In Bettiah GMCH) मचा है. सबसे अधिक परेशानी डायलिसिस कराने वाले मरीजों को हो रही है. फिलहाल इन मरीजों के लिए पानी का प्रबंध किया गया है. दूसरे मरीज और उनके परिजन अब भी हलकान और परेशान हैं.

बेतिया जीएमसीएच में पानी के लिए हाहाकार
बेतिया जीएमसीएच में पानी के लिए हाहाकार
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Oct 6, 2023, 7:29 PM IST

Updated : Oct 6, 2023, 7:47 PM IST

बेतिया जीएमसीएच में पानी के लिए हाहाकार

बेतिया: जिले में 850 करोड़ रुपए की लागत से बनी जीएमसीएच बेतिया में तीन- चार दिनों से पानी की एक बूंद तक नहीं है. जीएमसीएच के मरीज पानी की बूंद-बूंद के लिए तरस रहे हैं. मरीज के परिजन पानी के लिए दर दर भटक रहे हैं. इतना ही नहीं परिजन अस्पताल के बाहर से पानी खरीदने को मजबूर हैं.

पढ़ें- Bihar Health: स्टोर रूम में मरीज, वार्डों में अंधेरा.. देख लीजिए स्वास्थ्य मंत्री जी अपने अस्पताल का हाल

बेतिया जीएमसीएच में पानी के लिए हाहाकार: इस पूरे मामले में अस्पताल प्रशासन मौन है. खानापूर्ति के लिए सिर्फ 20 लीटर के गलन से पानी टंकी में पानी भरा जा रहा है. वह भी सिर्फ डायलिसिस सेंटर के मरीजों के लिए उपलब्ध है. मरीज के परिजन चार दिनों से पानी के लिए बेहाल हैं. उनका कहना है कि "तीन- चार दिनों से पानी की यहां पर कोई सुविधा नहीं है और अस्पताल प्रशासन अभी तक पानी की कोई व्यवस्था तक नहीं करा पाया है."

परिजन अस्पताल के बाहर से पानी खरीदने को मजबूर
परिजन अस्पताल के बाहर से पानी खरीदने को मजबूर

डायलिसिस कराने आए मरीज परेशान: जिले के इतने बड़े अस्पताल में मरीज के परिजन व मरीज पानी की एक-एक बूंद के लिए तरस रहे हैं. अस्पताल का पूरा पानी टंकी खाली पड़ा हुआ है लेकिन अभी तक पानी की व्यवस्था के लिए मोटर तक नहीं बन पाया. बेतिया जीएमसीएच में डायलिसिस सेंटर भी है, जहां पर मरीजों का डायलिसिस किया जाता है. यह हैदराबाद की नेफ्रोकेयर हेल्थ सर्विसेज, पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मोड पर सिर्फ डायलिसिस मरीजों के लिए काम करती है.

'कंपनी से मरीजों ने मांगी मदद': कंपनी के क्लस्टर मैनेजर कुमार भास्कर ने बताया कि मरीज के परिजन के द्वारा उनके कंपनी में और उनके पास लगातार फोन आ जा रहा था कि यहां पर डायलिसिस करने के लिए पानी नहीं है. अस्पताल में तीन-चार दिनों से पानी नहीं है. जिसके बाद उन्होंने अस्पताल प्रशासन, अधीक्षक से बात की तो बोला गया कि मोटर खराब है. जल्दी बन जाएगा और मरीजों को पानी की सुविधा मिलेगी. लेकिन तीन दिन बीत जाने के बाद भी पानी की कोई व्यवस्था नहीं हुई.

खानापूर्ति के लिए सिर्फ 20 लीटर के गलन से पानी टंकी भरी जा रही
खानापूर्ति के लिए सिर्फ 20 लीटर के गलन से पानी टंकी भरी जा रही

"कंपनी के द्वारा मुझे यहां पर भेजा गया ताकि पानी की व्यवस्था मैं कर सकूं. ताकि डायलिसिस के जो मरीज हैं उनका इलाज अच्छी तरह से हो सके. एक मरीज पर 200 लीटर पानी डायलिसिस में 1 दिन में खर्च होता है. मरीज यहां के परेशान थे और लगातार हमारे कंपनी में उनका फोन आ रहा था कि यहां पर पानी की सुविधा नहीं है."- कुमार भास्कर, क्लस्टर मैनेजर, नेफ्रोकेयर हेल्थ सर्विसेज

जिले के सबसे बड़े अस्पताल में नहीं पानी का कोई इंतजाम
जिले के सबसे बड़े अस्पताल में नहीं पानी का कोई इंतजाम

20 से 25 मरीज का प्रतिदिन होता है डायलिसिस : कुमार भास्कर ने बताया कि प्रतिदिन इस अस्पताल में 20 से 25 मरीज का डायलिसिस होता है. अस्पताल प्रशासन के द्वारा जब पानी की व्यवस्था नहीं की गई तो यहां से लोकल स्तर से हमें पानी खरीदना पड़ा और सिर्फ अपने डायलिसिस मरीजों के लिए टंकी में पानी भरा गया ताकि मरीजों का इलाज किया जा सके उन्हें किसी प्रकार की कोई परेशानी ना हो.

बेतिया जीएमसीएच में पानी के लिए हाहाकार

बेतिया: जिले में 850 करोड़ रुपए की लागत से बनी जीएमसीएच बेतिया में तीन- चार दिनों से पानी की एक बूंद तक नहीं है. जीएमसीएच के मरीज पानी की बूंद-बूंद के लिए तरस रहे हैं. मरीज के परिजन पानी के लिए दर दर भटक रहे हैं. इतना ही नहीं परिजन अस्पताल के बाहर से पानी खरीदने को मजबूर हैं.

पढ़ें- Bihar Health: स्टोर रूम में मरीज, वार्डों में अंधेरा.. देख लीजिए स्वास्थ्य मंत्री जी अपने अस्पताल का हाल

बेतिया जीएमसीएच में पानी के लिए हाहाकार: इस पूरे मामले में अस्पताल प्रशासन मौन है. खानापूर्ति के लिए सिर्फ 20 लीटर के गलन से पानी टंकी में पानी भरा जा रहा है. वह भी सिर्फ डायलिसिस सेंटर के मरीजों के लिए उपलब्ध है. मरीज के परिजन चार दिनों से पानी के लिए बेहाल हैं. उनका कहना है कि "तीन- चार दिनों से पानी की यहां पर कोई सुविधा नहीं है और अस्पताल प्रशासन अभी तक पानी की कोई व्यवस्था तक नहीं करा पाया है."

परिजन अस्पताल के बाहर से पानी खरीदने को मजबूर
परिजन अस्पताल के बाहर से पानी खरीदने को मजबूर

डायलिसिस कराने आए मरीज परेशान: जिले के इतने बड़े अस्पताल में मरीज के परिजन व मरीज पानी की एक-एक बूंद के लिए तरस रहे हैं. अस्पताल का पूरा पानी टंकी खाली पड़ा हुआ है लेकिन अभी तक पानी की व्यवस्था के लिए मोटर तक नहीं बन पाया. बेतिया जीएमसीएच में डायलिसिस सेंटर भी है, जहां पर मरीजों का डायलिसिस किया जाता है. यह हैदराबाद की नेफ्रोकेयर हेल्थ सर्विसेज, पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मोड पर सिर्फ डायलिसिस मरीजों के लिए काम करती है.

'कंपनी से मरीजों ने मांगी मदद': कंपनी के क्लस्टर मैनेजर कुमार भास्कर ने बताया कि मरीज के परिजन के द्वारा उनके कंपनी में और उनके पास लगातार फोन आ जा रहा था कि यहां पर डायलिसिस करने के लिए पानी नहीं है. अस्पताल में तीन-चार दिनों से पानी नहीं है. जिसके बाद उन्होंने अस्पताल प्रशासन, अधीक्षक से बात की तो बोला गया कि मोटर खराब है. जल्दी बन जाएगा और मरीजों को पानी की सुविधा मिलेगी. लेकिन तीन दिन बीत जाने के बाद भी पानी की कोई व्यवस्था नहीं हुई.

खानापूर्ति के लिए सिर्फ 20 लीटर के गलन से पानी टंकी भरी जा रही
खानापूर्ति के लिए सिर्फ 20 लीटर के गलन से पानी टंकी भरी जा रही

"कंपनी के द्वारा मुझे यहां पर भेजा गया ताकि पानी की व्यवस्था मैं कर सकूं. ताकि डायलिसिस के जो मरीज हैं उनका इलाज अच्छी तरह से हो सके. एक मरीज पर 200 लीटर पानी डायलिसिस में 1 दिन में खर्च होता है. मरीज यहां के परेशान थे और लगातार हमारे कंपनी में उनका फोन आ रहा था कि यहां पर पानी की सुविधा नहीं है."- कुमार भास्कर, क्लस्टर मैनेजर, नेफ्रोकेयर हेल्थ सर्विसेज

जिले के सबसे बड़े अस्पताल में नहीं पानी का कोई इंतजाम
जिले के सबसे बड़े अस्पताल में नहीं पानी का कोई इंतजाम

20 से 25 मरीज का प्रतिदिन होता है डायलिसिस : कुमार भास्कर ने बताया कि प्रतिदिन इस अस्पताल में 20 से 25 मरीज का डायलिसिस होता है. अस्पताल प्रशासन के द्वारा जब पानी की व्यवस्था नहीं की गई तो यहां से लोकल स्तर से हमें पानी खरीदना पड़ा और सिर्फ अपने डायलिसिस मरीजों के लिए टंकी में पानी भरा गया ताकि मरीजों का इलाज किया जा सके उन्हें किसी प्रकार की कोई परेशानी ना हो.

Last Updated : Oct 6, 2023, 7:47 PM IST
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