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बेतिया: गांगुली नदी के कटाव से टहकौल निवासी परेशान, प्रशासन से लगाई मदद की गुहार - पूर्व सरपंच अशोक पटवारी

नेपाल के तराई में हुए भीषण बारिश के बाद सीमांचल की नदियां उफान पर हैं. गंगा, कोसी और महानंदा नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. जिसकी वजह से ग्रामीणों परेशान होकर प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है.

Ganguly river erosion
गांगुली नदी का कटाव
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Published : Aug 12, 2020, 3:38 PM IST

बेतिया: जिले के गौनाहा प्रखंड क्षेत्र में हुई मूसलाधार बारिश के कारण नदियां उफान पर हैं. लगातार कटाव का दंश झेल रहे मटियरिया पंचायत के टहकौल गांव के लोगों ने प्रखंड प्रशासन से मदद पहुंचाने की मांग की है. गांगुली नदी के कटाव से परेशान वार्ड सदस्य गीता देवी और पूर्व सरपंच अशोक पटवारी ने बताया कि नदी की धारा पूरी तरह से गांव की तरफ होकर बह रही है. एकाएक नदी का तेज बहाव आने से खेत में लगी धान और गन्ने की फसल नदी की धारा के साथ बह गई है.

बाढ़ की जद में हैं कई घर
स्थानीय लोगों ने बताया कि अभी तक आधे दर्जन से अधिक घर नदी के गर्भ में समाहित हो गये हैं. ग्रामीणों का कहना कि ससमय नदी के कटाव को रोकने के लिए कटाव रोधी कार्य नहीं किया गया तो पूरा गांव नदी के कटाव की चपेट में आ सकता हैं. सीओ अमित कुमार ने बताया कि नदी के कटाव की जानकारी हमें ग्रामीणों की ओर से फोन पर दिया गई है. राजस्व कर्मचारी को कटाव का जायजा लेने के लिए स्थल पर भेजा जा रहा है. इसकी रिपोर्ट की अंनुसंशा कर कटाव रोधी कार्य कराने के लिए डीएम को इसकी रिपोर्ट को भेजी जाएगी.

बारिश से उफान पर नदियां
नेपाल और उत्तर बिहार में हो रही भारी बारिश की वजह से गंगा, गंडक, बूढ़ी गंडक, बागमती और कोसी नदियां लाल निशान के आस-पास बह रही हैं. कई जिलों में बांध टूट गये हैं तो कई जिलों की सड़कें टूट गयी हैं. कई जिलों के सड़क सम्पर्क और रेल मार्ग भंग हो गये हैं और कई गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है. नेपाल के तराई में हुए भीषण बारिश के बाद सीमांचल की नदियां उफान पर हैं. गंगा, कोसी और महानंदा नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. जिससे क्षेत्र के ताल-तलैया पूरी तरह पानी से लबालब हैं.

बेतिया: जिले के गौनाहा प्रखंड क्षेत्र में हुई मूसलाधार बारिश के कारण नदियां उफान पर हैं. लगातार कटाव का दंश झेल रहे मटियरिया पंचायत के टहकौल गांव के लोगों ने प्रखंड प्रशासन से मदद पहुंचाने की मांग की है. गांगुली नदी के कटाव से परेशान वार्ड सदस्य गीता देवी और पूर्व सरपंच अशोक पटवारी ने बताया कि नदी की धारा पूरी तरह से गांव की तरफ होकर बह रही है. एकाएक नदी का तेज बहाव आने से खेत में लगी धान और गन्ने की फसल नदी की धारा के साथ बह गई है.

बाढ़ की जद में हैं कई घर
स्थानीय लोगों ने बताया कि अभी तक आधे दर्जन से अधिक घर नदी के गर्भ में समाहित हो गये हैं. ग्रामीणों का कहना कि ससमय नदी के कटाव को रोकने के लिए कटाव रोधी कार्य नहीं किया गया तो पूरा गांव नदी के कटाव की चपेट में आ सकता हैं. सीओ अमित कुमार ने बताया कि नदी के कटाव की जानकारी हमें ग्रामीणों की ओर से फोन पर दिया गई है. राजस्व कर्मचारी को कटाव का जायजा लेने के लिए स्थल पर भेजा जा रहा है. इसकी रिपोर्ट की अंनुसंशा कर कटाव रोधी कार्य कराने के लिए डीएम को इसकी रिपोर्ट को भेजी जाएगी.

बारिश से उफान पर नदियां
नेपाल और उत्तर बिहार में हो रही भारी बारिश की वजह से गंगा, गंडक, बूढ़ी गंडक, बागमती और कोसी नदियां लाल निशान के आस-पास बह रही हैं. कई जिलों में बांध टूट गये हैं तो कई जिलों की सड़कें टूट गयी हैं. कई जिलों के सड़क सम्पर्क और रेल मार्ग भंग हो गये हैं और कई गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है. नेपाल के तराई में हुए भीषण बारिश के बाद सीमांचल की नदियां उफान पर हैं. गंगा, कोसी और महानंदा नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. जिससे क्षेत्र के ताल-तलैया पूरी तरह पानी से लबालब हैं.

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