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राखी बंधवाने के बाद SSB के जवान हुए भावुक, देश की सुरक्षा का लिया संकल्प

पश्चिमी चंपारण के नरकटियागंज में सरस्वती मंदिर की छात्राएं और महिलाएं ने रक्षाबंधन के अवसर पर एसएसबी के जवानों को राखियां बांधी. राखी बंधवाने के बाद जवान भावुक हो गये और कहा कि इन बहनों ने हमें घर की कमी नहीं खलने दी.

राखी
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Published : Aug 22, 2021, 4:47 PM IST

पश्चिमी चंपारण (बेतिया) : पूरे देश में भाई बहनों के अटूट प्रेम का त्योहार रक्षाबंधन (Festival of Rakshabandhan) पूरे उमंग और उत्साह के साथ मनाया जा रहा है. वहीं, बिहार के पश्चिमी चंपारण जिले के नरकटियागंज में एसएसबी के 44वीं वाहिनी के जवानों को छात्राओं और महिलाओं ने राखियां बांधी (Girls Student and Women Tie Rakhi) और उनसे देश की रक्षा का संकल्प लिया. देश की रक्षा के साथ पौधरोपण कर पर्यावरण सुरक्षा का संदेश भी दिया.

ये भी पढ़ें- CM नीतीश ने पीपल के पेड़ को बांधी राखी, कहा- नई पीढ़ी के लिए पर्यावरण की सुरक्षा जरूरी

नरकटियागंज में 100 से अधिक सरस्वती शिशु मंदिर की छात्राएं और महिलाओं ने एसएसबी की 44वीं वाहिनी के जवानों को राखी बांधी. स्कूली छात्राओं ने नगर के एसएसबी कैम्प के प्रांगण में जाकर जवानों को राखियां बांधी. इसके बाद उनसे सुरक्षा का वचन मांगा. घर से दूर होने के बाद भी राखी से सजी कलाई देख जवान भावुक हो गये. इस दौरान जवानों ने कहा कि सैकड़ों मील दूर यहां नौकरी करते हैं. इस पर्व पर बहनों से दूर रहना बहुत खलता है. लेकिन इन बहनों ने हमें यह कमी नहीं महसूस होने दी.

बता दें कि भाई बहनों के प्यार का पर्व रक्षाबंधन को लेकर बेतिया के बाजार पूरी तरह से गुलजार है. रविवार का दिन होने के कारण इस रक्षाबंधन का विशेष महत्व है. पंडित बताते हैं कि रविवार के अलावा सावन की आखिरी दिन होने के कारण भी रक्षाबंधन का पर्व का विशेष संयोग है. इस दौरान भाई बहनों पर भगवान शिव की भी कृपा बनी रहेगी.

ये भी पढ़ें- भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधने का जानें शुभ मुहूर्त, एक क्लिक में पूरी जानकारी

इस बार 474 साल बाद राखी पर महासंयोग बन रहा है. इस दौरान कुंभ राशि में गुरू की चाल वक्री रहेगी. इसके साथ ही चंद्रमा भी वहां मौजूद रहेंगे. गुरु और चंद्रमा की इस कॉम्बिनेशन से रक्षाबंधन पर गजकेसरी योग बन रहा है. यह योग मनुष्य की महत्वाकांक्षाएं पूरी करता है. धन, संपत्ति, मकान, वाहन जैसे सुखों की प्राप्ति होती है.

बता दें कि राखी बांधते समय भाई को पूर्व दिशा की तरफ मुख करके बैठना चाहिए और सिर पर रुमाल रखना चाहिए. बहन पहले अपने भाई के माथे पर टीका लगाएं और उसपर कुछ अक्षत लगाएं. कुछ अक्षत भाई पर आशीर्वाद के रूप में छींटें. इसके बाद बहन नजर उतारने के लिए दीपक जलाकर भाई की आरती उतारें. इसके बाद बहन भाई की दायीं कलाई पर राखी बांधे. इस दौरान बहन को मंत्र ‘ॐ येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबलः। तेन त्वामपि बध्नामि रक्षे मा चल मा चल।’ बोलना चाहिए.

पश्चिमी चंपारण (बेतिया) : पूरे देश में भाई बहनों के अटूट प्रेम का त्योहार रक्षाबंधन (Festival of Rakshabandhan) पूरे उमंग और उत्साह के साथ मनाया जा रहा है. वहीं, बिहार के पश्चिमी चंपारण जिले के नरकटियागंज में एसएसबी के 44वीं वाहिनी के जवानों को छात्राओं और महिलाओं ने राखियां बांधी (Girls Student and Women Tie Rakhi) और उनसे देश की रक्षा का संकल्प लिया. देश की रक्षा के साथ पौधरोपण कर पर्यावरण सुरक्षा का संदेश भी दिया.

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नरकटियागंज में 100 से अधिक सरस्वती शिशु मंदिर की छात्राएं और महिलाओं ने एसएसबी की 44वीं वाहिनी के जवानों को राखी बांधी. स्कूली छात्राओं ने नगर के एसएसबी कैम्प के प्रांगण में जाकर जवानों को राखियां बांधी. इसके बाद उनसे सुरक्षा का वचन मांगा. घर से दूर होने के बाद भी राखी से सजी कलाई देख जवान भावुक हो गये. इस दौरान जवानों ने कहा कि सैकड़ों मील दूर यहां नौकरी करते हैं. इस पर्व पर बहनों से दूर रहना बहुत खलता है. लेकिन इन बहनों ने हमें यह कमी नहीं महसूस होने दी.

बता दें कि भाई बहनों के प्यार का पर्व रक्षाबंधन को लेकर बेतिया के बाजार पूरी तरह से गुलजार है. रविवार का दिन होने के कारण इस रक्षाबंधन का विशेष महत्व है. पंडित बताते हैं कि रविवार के अलावा सावन की आखिरी दिन होने के कारण भी रक्षाबंधन का पर्व का विशेष संयोग है. इस दौरान भाई बहनों पर भगवान शिव की भी कृपा बनी रहेगी.

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इस बार 474 साल बाद राखी पर महासंयोग बन रहा है. इस दौरान कुंभ राशि में गुरू की चाल वक्री रहेगी. इसके साथ ही चंद्रमा भी वहां मौजूद रहेंगे. गुरु और चंद्रमा की इस कॉम्बिनेशन से रक्षाबंधन पर गजकेसरी योग बन रहा है. यह योग मनुष्य की महत्वाकांक्षाएं पूरी करता है. धन, संपत्ति, मकान, वाहन जैसे सुखों की प्राप्ति होती है.

बता दें कि राखी बांधते समय भाई को पूर्व दिशा की तरफ मुख करके बैठना चाहिए और सिर पर रुमाल रखना चाहिए. बहन पहले अपने भाई के माथे पर टीका लगाएं और उसपर कुछ अक्षत लगाएं. कुछ अक्षत भाई पर आशीर्वाद के रूप में छींटें. इसके बाद बहन नजर उतारने के लिए दीपक जलाकर भाई की आरती उतारें. इसके बाद बहन भाई की दायीं कलाई पर राखी बांधे. इस दौरान बहन को मंत्र ‘ॐ येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबलः। तेन त्वामपि बध्नामि रक्षे मा चल मा चल।’ बोलना चाहिए.

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