बेतिया(वाल्मीकिनगर): बिहार में बाढ़ की वजह से लोग बेघर हो गए हैं. ऐसे में बाढ़ पीड़ित अपना घर छोड़कर ऊचे स्थानों पर शरण लिये हुए हैं. बाढ़ में लोगों को खाने की किल्लत सता रही है. ऐसे में बाढ़ की त्रासदी झेल रहे लोगों के बीच सूखे राशन का वितरण किया गया. राजकीय उच्च विद्यालय कुमारबाग की शिक्षिका सह समाजसेवी मेरी आडलीन ने पिपरासी प्रखंड के सेमरा लेबदहा पंचायत के बाढ़ पीड़ितों के बीच राशन का वितरण किया.
निर्माणाधीन रेल बांध के टूटने से हुई थी क्षति
मेरी आडलीन ने बताया कि नदी के जलस्तर में ज्यादा बढ़ोतरी हो जाने की वजह से सेमरा लेबदहा पंचायत का निर्माणाधीन रेल बांध टूट गया था. इसके कारण पूरा गांव पानी मे डूबा हुआ है. लोगों का घर पूरी तरह से पानी में समाया हुआ है. आपदा की इस घड़ी में लोग बांध पर प्लास्टिक का टेंट बनाकर उसमें अपना गुजर बसर कर रहे है. लोगों का जनजीवन घर से बाहर सड़कों पर सिमट गया गया है. ऐसे में लोगों का जनजीवन न सिर्फ अस्त-व्यस्त हो गया है, बल्कि लोगों के पास खाने-पीने की सामग्री की भारी किल्लत है. मजबूरी में लोग कोरोना महामारी के प्रकोप के साथ-साथ बाढ़ से उत्पन्न भयावह स्थिति का भी सामना कर रहे है.
खाद्य सामग्री का होगा वितरण
आड्लिन ने बताया कि बाढ़ पीड़ितों के बीच सूखा राशन, खाद्य सामग्री चूड़ा, बिस्किट, चीनी आदि का वितरण किया गया है. वहीं, उनके साथ दिल्ली की मिल्स ऑफ हैपिनेस संस्था की फाउंडर आंचल शर्मा ने भी बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए अपना सहयोग देने का आश्वासन दिया. उन्होंने कहा कि वे बाढ़ पीड़ितों को सूखा खाद्य सामग्री के अलावा प्लास्टिक, जाजिम और आवश्यकता की सामग्री उपलब्ध कराएंगी.