बेतिया: जिले के नौतन प्रखंड में स्थित राजकीय प्राथमिक रहीमपुर विद्यालय भूमिहीन और भवनहीन है. यह स्कूल सामुदायिक भवन में चल रहा है. इसमें लगभग 129 बच्चे हैं. बच्चे इस जर्जर भवन में अपनी जान जोखिम में डालकर आने को मजबूर हैं.
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तीन साल से सामुदायिक भवन में चल रहे इस स्कूल को भवन निर्माण के लिए अभी तक जमीन नहीं मिली है. जिस भवन में स्कूल चल रहा वो भी पूरी तरह से खंडहर में तब्दील हो चुकी है. सुबह शिक्षक आकर हाजिरी लगते है, और फिर समय पूरा होने वह अपने घर चले जाते है. बच्चे को पढ़ाने-लिखाने से इन्हें कोई मतलब नहीं होता है.
जल्द किया जाएगा भवन निमार्ण
इस स्कूल में संचालित रसोई का भी हाल बेहाल है. यहां जैसे-तैसे खाना बनता है, ताकि बच्चों को भोजन मिल सके. लेकिन इस स्कूल की बदहाली को देखने वाला कोई नहीं है. इस बदहाली पर स्कूल के प्रभारी ने बताया कि विद्यालय तीन साल से भूमिहीन है. इसके लिए जमीन अभी देखा गया है, और जल्द ही भवन निर्माण का कार्य शुरू हो जाएगा.
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वीडियो देखने में लगे हैं शिक्षक
यहां के शिक्षक अपने आप में मशगूल रहते हैं. कक्षा में बैठे बच्चों से इन्हें कोई मतलब नहीं होता है. उन्हें पढ़ाने के बजाए वह अपने मोबाइल में वीडियो देखते रहते हैं. जब उनसे पूछा गया कि स्कूल की हालत इतनी खराब है. तो उन्होंने भी स्कूल के प्रभारी की तरह रटा-रटाया बयान दे दिया.
भवन की समस्या को लेकर कोई भी व्यक्ति जिलाधिकारी मिलने को तैयार नहीं है. अपनी बदहाली पर रोते इस स्कूल में कक्षा एक से पांच तक पढ़ाई होती है. स्कूल की इस समस्या पर न तो जिला शिक्षा पदाधिकारी का ध्यान है और न ही डीएम का. ऐसे में इस जर्जर भवन में छात्र अपना जान जोखिम में डालकर स्कूल आने को मजबूर हैं.