बेतिया: गांवों की सूरत बदलने के लिए पीएम मोदी ने सांसद आदर्श ग्राम योजना बनाई थी. इसके तहत उन्होंने सांसदों को एक-एक गांव गोद लेने का निर्देश दिया था. इस योजना के बनने के बाद स्थानीय सांसद सह बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने बैरिया प्रखंड के सिसवा सरेया पंचायत अंतर्गत मझरिया गांव को गोद लिया था. जिसके बाद स्थानीय लोगों में विकास की आस थी. लेकिन वर्तमान समय तक गांव में कोई विकास नहीं हुआ, जिस वजह से स्थानीय लोगों में काफी आक्रोश है.
'दूसरा गांव गोद लेने जा रहे हैं सांसद'
स्थानीय लोगों का कहना है कि सांसद संजय जायसवाल ने हमारे गांव को गोद लिया था. गांव को गोद लेने के बाद हम लोगों को गांव के विकास को लेकर काफी आशाएं थी. लेकिन आज तक गांव का विकास नहीं हुआ, जो दुर्भाग्यपूर्ण है. लोगों का कहना है कि सांसद अब दूसरे गांव को गोद लेने की तैयारी में हैं. स्थानीय महिलाओं ने सांसद से सवाल पूछते हुए कहा कि गोद लिए हुए गांव का विकास तो हुआ नहीं, ऐसे में जब सासंद दूसरे गांव को गोद लेने जा रहे हैं, तो उस गांव की विकास की क्या गारंटी है?
'गांव में मूलभूत सुविधाओं का अभाव'
लोगों का कहना है कि गांव में विकास के नाम पर कोई काम नहीं हुआ है. गांव में मूलभूत समस्या वर्तमान समय में भी परेशानी का सबब बना हुआ है. बता दें कि गांव में अधिकांश लोग बंगाली समुदाय के लोग रहते हैं. गांव में आज भी शौचालय, विद्यालय और पेयजल की समस्या बरकरार है.
'पंचायत चुनाव भी नहीं जीत पाएंगे सांसद'
ग्रामीणों में गांव के विकास को लेकर इतना आक्रोश है कि लोगों ने कहा कि सांसद के गोद लेने के बाद इस गांव के हालत और खराब हो गए. ग्रामीणों ने बताया कि अगर बीजेपी का नाम सांसद के आगे से हटा दिया जाए तो, वे पंचायत का चुनाव भी नहीं जीत पाएंगे. लोगों का कहना है कि गांव में सांसद के फंड से एक भी कार्य नहीं हुआ है. गांव का विकास बिहार सरकार की योजनाओं से हुआ है.
गौरतलब है कि सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत 62 योजनाओं से गोद लिए हुए गांव का विकास किया जाता है. इस गांव में कुल 19 सौ बंगाली समुदाय के वोटर हैं. गांव में एक माध्यमिक विद्यालय है, जिसमें वर्ग आठवीं तक पढ़ाई होती है. गांव में एक भी स्वास्थ्य केंद्र नहीं है. इसके अलावा गांव में नल-जल योजना का काम तो हुआ है. लेकिन ग्रामीणों को आज तक पेयजल की एक बूंद भी नसीब नहीं हुई है.