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बगहा में टूटी कच्ची सड़क में फंसी प्रसूता, दूसरे वाहन से पहुंचाया गया अस्पताल - Maternity stuck on the way due to road breaking

बगहा में बाढ़ (flood in bagha) के कारण लोगों को आवाजाही में काफी परेशानी हो रही है. खासकर अस्पताल जाने वाले लोगों को कच्ची सड़क से आवागमन करने में काफी परेशानी हो रही है. बाढ़ के कारण कई जगहों पर सड़कें टूट गई है. इस कारण सुदूरवर्ती कई गांव टापू में तब्दील हो गए हैं. पढ़ें पूरी खबर..

बगहा में बाढ़ से टूटी कच्ची सड़क
बगहा में बाढ़ से टूटी कच्ची सड़क
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Published : Oct 13, 2022, 3:26 PM IST

बगहा: बिहार में बगहा में बाढ़ से जनजीवन पूरी तरह से अस्त व्यस्त हो चुका है. यहां की कच्ची सड़कें टूट (Road Broken due to Flood in Bagaha ) चुकी है. इस कारण लोगों को आवाजाही में काफी परेशानी हो रही है. भारत-नेपाल सीमा पर बसे लक्ष्मीपुर-रमपुरवा पंचायत के चकदहवा, झंडू टोला व बीन टोली बाढ़ प्रभावित इलाके में जाने वाला मार्ग पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है. इस मार्ग पर गुरुवार की सुबह एक प्रसूता महिला को ले जा रहा ट्रैक्टर फंस (Maternity stuck on the way due to road breaking) गया. इसके बाद परिजनों को काफी परेशानी हुई. महिला को समय पर इलाज संभव नहीं हो पाया.

ये भी पढ़ेंः पहले बाघ और अब बाढ़ ने बढ़ाई बगहा में लोगों की चिंता, दर्जनों गांव जलमग्न

बाढ़ के कारण आवागमन चौपटः वाल्मीकिनगर से सटे लक्ष्मीपुर रमपुरवा पंचायत के बाढ़ग्रस्त क्षेत्र चकदहवा, बीन टोली और झंडू टोला में आवागमन का साधन बिल्कुल जर्जर हालत में पहुंच गया है. आलम यह है कि छात्र-छात्रा पढ़ने नहीं जा पाते हैं. साथ ही आम लोगों को भी आवाजाही में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. जब गण्डक नदी उफनाती है तो इस इलाके में सबसे पहले बाढ़ आती है. यहां झंडू टोला में एसएसबी का कैम्प भी है. लिहाजा एसएसबी जवानों को भी इसी रास्ते आना जाना पड़ता है.

प्रसूता को अस्पताल ले जा रहा ट्रैक्टर फंसाः गुरुवार की सुबह एक प्रसूता महिला की स्थिति उस समय चिंताजनक हो गई जब परिजन उसे ट्रैक्टर से लेकर अस्पताल जा रहे थे. आधे रास्ते में जंगल के बीच ट्रैक्टर टूटे हुए रास्ते में फंस गई. इसके बाद परिजनों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा. परिजनों द्वारा दूसरा ट्रैक्टर मंगवा कर फंसे हुए ट्रैक्टर को निकालना पड़ा. तब तक प्रसूता की स्थिति काफी बिगड़ने लगी. हालांकि, परिजनों ने दूसरी गाड़ी मंगा कर प्रसूता को समय रहते अस्पताल पहुंचा दिया. इससे प्रसूता की जान बच गई. बाद में ग्रामीणों के सहयोग से फंसे हुए ट्रैक्टर को निकाला गया.


कच्ची सड़क के कारण होती है परेशानीः इस इलाके में नेपाल के भी कुछ गांव बसे हैं जो अमूमन इसी रास्ते से आते जाते हैं, लेकिन रास्ता कच्चा होने के कारण आवाजाही में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. ग्रामीणों का कहना है कि रास्ता वन विभाग नहीं बनने देता है. लिहाजा वर्षों से इसी कच्चे रास्ते से आवागमन करने को मजबूर हैं. यहां तक कि बच्चे वाल्मीकिनगर पढ़ने भी नहीं जा पाते. पिछले हफ्ते आई बाढ़ में फसलों समेत अनाज बर्बाद हो गए. इससे उनको खाने के लाले पड़े हैं. कोई भी अधिकारी या जनप्रतिनिधियों द्वारा सुध नहीं लिया जा रहा है. इस रास्ते को भी काफी क्षति पहुंची है लेकिन प्रशासन उदासीन बना हुआ है.

"रास्ता खराब होने की वजह से पढ़ाई चौपट हो गया है. स्कूल काॅलेज नहीं जा पा रहे हैं. बाढ़ के कारण कच्ची सड़कें टूट गई है. लोगों को मरीज को अस्पताल ले जाने में परेशानी होती है. लोगों की फसल भी बाढ़ के कारण चौपट हो गई" - श्रवण बीन, ग्रामीण, चकदहवा

बगहा: बिहार में बगहा में बाढ़ से जनजीवन पूरी तरह से अस्त व्यस्त हो चुका है. यहां की कच्ची सड़कें टूट (Road Broken due to Flood in Bagaha ) चुकी है. इस कारण लोगों को आवाजाही में काफी परेशानी हो रही है. भारत-नेपाल सीमा पर बसे लक्ष्मीपुर-रमपुरवा पंचायत के चकदहवा, झंडू टोला व बीन टोली बाढ़ प्रभावित इलाके में जाने वाला मार्ग पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है. इस मार्ग पर गुरुवार की सुबह एक प्रसूता महिला को ले जा रहा ट्रैक्टर फंस (Maternity stuck on the way due to road breaking) गया. इसके बाद परिजनों को काफी परेशानी हुई. महिला को समय पर इलाज संभव नहीं हो पाया.

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बाढ़ के कारण आवागमन चौपटः वाल्मीकिनगर से सटे लक्ष्मीपुर रमपुरवा पंचायत के बाढ़ग्रस्त क्षेत्र चकदहवा, बीन टोली और झंडू टोला में आवागमन का साधन बिल्कुल जर्जर हालत में पहुंच गया है. आलम यह है कि छात्र-छात्रा पढ़ने नहीं जा पाते हैं. साथ ही आम लोगों को भी आवाजाही में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. जब गण्डक नदी उफनाती है तो इस इलाके में सबसे पहले बाढ़ आती है. यहां झंडू टोला में एसएसबी का कैम्प भी है. लिहाजा एसएसबी जवानों को भी इसी रास्ते आना जाना पड़ता है.

प्रसूता को अस्पताल ले जा रहा ट्रैक्टर फंसाः गुरुवार की सुबह एक प्रसूता महिला की स्थिति उस समय चिंताजनक हो गई जब परिजन उसे ट्रैक्टर से लेकर अस्पताल जा रहे थे. आधे रास्ते में जंगल के बीच ट्रैक्टर टूटे हुए रास्ते में फंस गई. इसके बाद परिजनों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा. परिजनों द्वारा दूसरा ट्रैक्टर मंगवा कर फंसे हुए ट्रैक्टर को निकालना पड़ा. तब तक प्रसूता की स्थिति काफी बिगड़ने लगी. हालांकि, परिजनों ने दूसरी गाड़ी मंगा कर प्रसूता को समय रहते अस्पताल पहुंचा दिया. इससे प्रसूता की जान बच गई. बाद में ग्रामीणों के सहयोग से फंसे हुए ट्रैक्टर को निकाला गया.


कच्ची सड़क के कारण होती है परेशानीः इस इलाके में नेपाल के भी कुछ गांव बसे हैं जो अमूमन इसी रास्ते से आते जाते हैं, लेकिन रास्ता कच्चा होने के कारण आवाजाही में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. ग्रामीणों का कहना है कि रास्ता वन विभाग नहीं बनने देता है. लिहाजा वर्षों से इसी कच्चे रास्ते से आवागमन करने को मजबूर हैं. यहां तक कि बच्चे वाल्मीकिनगर पढ़ने भी नहीं जा पाते. पिछले हफ्ते आई बाढ़ में फसलों समेत अनाज बर्बाद हो गए. इससे उनको खाने के लाले पड़े हैं. कोई भी अधिकारी या जनप्रतिनिधियों द्वारा सुध नहीं लिया जा रहा है. इस रास्ते को भी काफी क्षति पहुंची है लेकिन प्रशासन उदासीन बना हुआ है.

"रास्ता खराब होने की वजह से पढ़ाई चौपट हो गया है. स्कूल काॅलेज नहीं जा पा रहे हैं. बाढ़ के कारण कच्ची सड़कें टूट गई है. लोगों को मरीज को अस्पताल ले जाने में परेशानी होती है. लोगों की फसल भी बाढ़ के कारण चौपट हो गई" - श्रवण बीन, ग्रामीण, चकदहवा

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