बेतिया: जाति आधारित जनगणना (Caste Based Census) के लिए राजद नेताओं (RJD Leader) ने बेतिया नगर में प्रदर्शन किया. इस दौरान उन्होंने बढ़ती महंगाई के खिलाफ नारेबाजी भी की. राजद नेता व कार्यकर्ता नगर के महाराजा पुस्तकालय में एकत्रित हुए. वहां से राजद जिलाध्यक्ष इफ्तेखार अहमद उर्फ मुन्ना त्यागी के नेतृत्व में शहर में प्रदर्शन और नारेबाजी करते हुए समाहरणालय गेट पर पहुंचे.
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समाहरणालय गेट पर जाति आधारित जनगणना के लिए जमकर नारेबाजी की गयी. इसके बाद राजद नेताओं ने प्रधानमंत्री के नाम लिखा एक ज्ञापन जिला पदाधिकारी को सौंपा। राजद के जिलाध्यक्ष इफ्तेखार अहमद उर्फ मुन्ना त्यागी ने कहा कि आजादी के पहले 1931 में भारत में जातीय जनगणना हुई थी. आजादी के बाद 1947 में देश के बंटवारा होने पर कुछ लोग इधर से उधर हुए. इसके बाद जातीय जनगणना के लिए लगातार मांग होती रही लेकिन नहीं की गयी.
'मंडल कमीशन की सिफारिश को पूरी तरह लागू करने के लिए जरूरी है कि सरकार जाति आधारित जनगणना कराए. ताकि पता चल सके कि देश में किस जाति के कितने लोग रहते हैं. इससे उनके लिए योजनाएं बनाने में भी सहूलियत होगी.' : इफ्तेखार अहमद उर्फ मुन्ना त्यागी, राजद जिलाध्यक्ष
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इस दौरान प्रदर्शन में पूर्व मंत्री राम प्रसाद यादव, शंभू तिवारी, इंद्रजीत यादव, विवेक चौबे, प्रभु यादव सहित राजद के कई नेता और कार्यकर्ता शामिल हुए. गौरतलब है कि मंडल कमीशन (Mandal Commission) लागू करने के लिए राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) ने अपने राजनीतिक जीवन में काफी संघर्ष किया था. पूर्व प्रधानमंत्री वीपी सिंह (Former Prime Minister VP Singh) द्वारा 7 अगस्त 1990 में मंडल की सिफारिश कर दी गई थी. 7 अगस्त यानि शनिवार को आरजेडी (RJD) द्वारा 7 मंडल दिवस मनाया गया.
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