बेतिया: बिहार के पश्चिम चंपारण स्थित बेतिया जीएमसीएच में मंगलवार को कामकाज पूरी तरह से ठप रहा. डॉक्टरों की हड़ताल के कारण ओपीडी सेवा प्रभावित रही, जिससे मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा. इस दौरान जिले के कई बड़े डॉक्टरों ने झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. उन्होंने झोलाछाप डॉक्टरों पर जल्द कार्रवाई करने की मांग की. साथ ही कार्रवाई नहीं होने पर उग्र प्रदर्शन करने की भी चेतावनी दी.
ओपीडी विभाग को कराया गया बंद: दरअसल, मंगलवार को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के आह्वान पर डॉक्टर ने आए दिन चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मियों पर हो रहे हमले को लेकर नाराजगी जाहिर करते हुए बेतिया जीएमसीएच ओपीडी विभाग को बंद कराया. जिससे मरीजों व उनके परिजनों को अस्पताल से खाली हाथ लौटना पड़ा. वहीं, उन्होंने बेतिया जीएमसीएच ओपीडी के समक्ष प्रदर्शन किया. जहां जिले के प्रसिद्ध दर्जनों डॉक्टर मौजूद रहे.
झोलाछाप डॉक्टरों पर कार्रवाई की मांग: इस दौरान सभी ने सरकार से सुरक्षा और झोलाछाप डॉक्टरों पर कार्रवाई करने की मांग की. उन्होंने कहा कि अस्पताल के अगल-बगल झोलाछाप डॉक्टरों के दलाल घूमते हैं. मरीजों को बहला फुसला कर उनके क्लीनिक में ले जाते हैं. जहां पर उनका सही से उपचार नहीं होता, जिससे उनकी मौत हो जाती है. इसका खामियाजा अच्छे डॉक्टर को उठाना पड़ता है.
दलाल के चक्कर में होती है मौत: डॉक्टरों ने बताया कि दलाल के चक्कर में आकर परिजन अपने मरीज को झोलाछाप डॉक्टर के पास ले जाते हैं. जहां उनके इलाज से मरीज की स्थिति और खराब हो जाती है, जिसके बाद वह बड़े डॉक्टरों के पास इलाज करने के लिए ले आते हैं. तब तक मरीज की स्थिति काफी खराब हो चुकी होती है. जिससे उनकी मौत हो जाती है. इस बात का खामियाजा हम सभी डॉक्टरों को उठाना पड़ता है.
"झोलाछाप डॉक्टरों की लापरवाही का खामियाजा हम अच्छे डॉक्टरों को भुगतना पड़ता है. मरीज के परिजन हमारे क्लीनिक में तोड़फोड़ करते हैं. डॉक्टर के साथ मारपीट करते हैं. यह कहीं से उचित नहीं है. स्वास्थ्य विभाग व जिला प्रशासन को इस पर कार्रवाई करने की जरूरत है. अगर प्रशासन उनकी मांग नहीं मानती है और झोलाछाप डॉक्टरों पर कार्रवाई नहीं होती है तो हम उग्र प्रदर्शन करने के बाधित होंगे." - डॉ. मोहनीस कुमार सिन्हा, पूर्व सचिव, IMA.
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