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बगहा: बढ़ने लगा है गंडक नदी का जलस्तर, युद्धस्तर पर चल रही कटावरोधी कार्यों की तैयारी

मॉनसून के दस्तक के साथ ही गंडक नदी के जलस्तर में लगातार वृद्धि देखी जा रही है. जिसको लेकर आपदा प्रबंधन विभाग सहित एसडीएम विशाल राज ने कई बार कटावरोधी क्षेत्रों का निरीक्षण किया. साथ ही संवेदकों को कई दिशा-निर्देश दिए.

कटावरोधी कार्यों की तैयारी
कटावरोधी कार्यों की तैयारी
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Published : Jun 20, 2020, 2:31 PM IST

बगहाः गंडक नदी के बढ़ते जलस्तर के मद्देनजर प्रशासन पूरी तरह चौकस है. गंडक नदी किनारे होने वाले कटाव को रोकने के लिए बेहतर तैयारी की जा रही है. प्रशासन और जल संसाधन विभाग के जरिए बाढ़ और कटाव को रोकने के लिए लाखों एमटी बैग और जी बैग पैकेट का भंडारण किया गया है.

कटाव को रोकने के लिए की जा रही तैयारी
कटाव को रोकने के लिए की जा रही तैयारी

बाढ़ पूर्व तैयारियों को ले प्रशासन ने कसी कमर
हिमालय की गोद से निकलने वाली नारायणी गण्डक का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. नेपाल में लगातार हो रही बारिश से इसके और तेजी से बढ़ने की संभावना है. ऐसे में गण्डक नदी के किनारे जिन इलाकों में कटाव की संभावना है, वहां मिट्टी (सिल्ट) का भंडारण कर एमटी बैग और जी बैग पैकेट तैयार किए जा रहे हैं. कटाव रोधी कार्यों को ले आपदा प्रबंधन विभाग और प्रशासन पूरी तरह चौकस है. संवेदनशील क्षेत्रों पर प्रशासन नजर बनाए हुए है.

एमटी बैग और जी बैग पैकेट
एमटी बैग और जी बैग पैकेट

गण्डक बराज से छोड़ा गया 82000 क्यूसेक पानी
इंडो-नेपाल सीमा स्थित गण्डक बराज से 82400 क्यूसेक पानी गण्डक नदी में छोड़ा गया है. जिसमें डाउन स्ट्रीम में 77600 क्यूसेक और सहायक नदियों में 4800 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. बता दें कि मॉनसून के दस्तक के साथ ही गण्डक नदी के जलस्तर में लगातार वृद्धि देखी जा रही है. जिसको लेकर आपदा प्रबंधन विभाग सहित एसडीएम विशाल राज ने कई बार कटावरोधी क्षेत्रों का निरीक्षण किया. एसडीएम ने कटावरोधी कार्य करा रहे संवेदकों को कई दिशा-निर्देश दिए हैं.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

ये भी पढ़ेंः नेपाल ने अब मोतिहारी की जमीन पर किया दावा, बांध के काम को रुकवाया

गण्डक दियारा में कई जगहों पर होता है कटाव
गण्डक दियारा पार भितहां, पिपरासी और ठकराहां प्रखंडों सहित बगहा के मंगलपुर, दीनदयाल नगर और पूअर हॉउस जैसे कई संवेदनशील स्थल हैं, जहा हर साल कटाव होता है. इसी के मद्देनजर पीपी तटबंध समेत कई संवेदनशील इलाकों में प्रशासन ने कटावरोधी कार्यों को युद्धस्तर पर शुरू कर दिया है. पिछले कई साल से पीपी तटबंध के भुंईधरवा पंचायत के पास कटाव हुआ था. जहां फ्लड फाइटिंग का कार्य किया गया था. इस बार भी उस इलाके में पूर्व से ही सिल्ट का भंडारण कर एमटी पैकेट और जी बैग पैकेट तैयार किए जा रहे हैं.

बगहाः गंडक नदी के बढ़ते जलस्तर के मद्देनजर प्रशासन पूरी तरह चौकस है. गंडक नदी किनारे होने वाले कटाव को रोकने के लिए बेहतर तैयारी की जा रही है. प्रशासन और जल संसाधन विभाग के जरिए बाढ़ और कटाव को रोकने के लिए लाखों एमटी बैग और जी बैग पैकेट का भंडारण किया गया है.

कटाव को रोकने के लिए की जा रही तैयारी
कटाव को रोकने के लिए की जा रही तैयारी

बाढ़ पूर्व तैयारियों को ले प्रशासन ने कसी कमर
हिमालय की गोद से निकलने वाली नारायणी गण्डक का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. नेपाल में लगातार हो रही बारिश से इसके और तेजी से बढ़ने की संभावना है. ऐसे में गण्डक नदी के किनारे जिन इलाकों में कटाव की संभावना है, वहां मिट्टी (सिल्ट) का भंडारण कर एमटी बैग और जी बैग पैकेट तैयार किए जा रहे हैं. कटाव रोधी कार्यों को ले आपदा प्रबंधन विभाग और प्रशासन पूरी तरह चौकस है. संवेदनशील क्षेत्रों पर प्रशासन नजर बनाए हुए है.

एमटी बैग और जी बैग पैकेट
एमटी बैग और जी बैग पैकेट

गण्डक बराज से छोड़ा गया 82000 क्यूसेक पानी
इंडो-नेपाल सीमा स्थित गण्डक बराज से 82400 क्यूसेक पानी गण्डक नदी में छोड़ा गया है. जिसमें डाउन स्ट्रीम में 77600 क्यूसेक और सहायक नदियों में 4800 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. बता दें कि मॉनसून के दस्तक के साथ ही गण्डक नदी के जलस्तर में लगातार वृद्धि देखी जा रही है. जिसको लेकर आपदा प्रबंधन विभाग सहित एसडीएम विशाल राज ने कई बार कटावरोधी क्षेत्रों का निरीक्षण किया. एसडीएम ने कटावरोधी कार्य करा रहे संवेदकों को कई दिशा-निर्देश दिए हैं.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

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गण्डक दियारा में कई जगहों पर होता है कटाव
गण्डक दियारा पार भितहां, पिपरासी और ठकराहां प्रखंडों सहित बगहा के मंगलपुर, दीनदयाल नगर और पूअर हॉउस जैसे कई संवेदनशील स्थल हैं, जहा हर साल कटाव होता है. इसी के मद्देनजर पीपी तटबंध समेत कई संवेदनशील इलाकों में प्रशासन ने कटावरोधी कार्यों को युद्धस्तर पर शुरू कर दिया है. पिछले कई साल से पीपी तटबंध के भुंईधरवा पंचायत के पास कटाव हुआ था. जहां फ्लड फाइटिंग का कार्य किया गया था. इस बार भी उस इलाके में पूर्व से ही सिल्ट का भंडारण कर एमटी पैकेट और जी बैग पैकेट तैयार किए जा रहे हैं.

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