बेतिया: चमकी बुखार से सैकड़ों बच्चों की मौत के मामला ने पूरे प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग का पोल खोल दिया है. प्रदेश के कई जिलों में स्वास्थ्य केंद्र अपनी बदहाली का आंसू बहा रहा है. जिले के अनुमंडलीय अस्पताल में दो वर्ष पहले पोस्टमार्टम भवन बनकर तैयार है. लेकिन अभी तक उद्घाटन का इंतजार कर रहा है. इससे पीड़ितों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
मामला जिले के बगहा स्थित कमलनाथ तिवारी अनुमंडलीय अस्पताल का है. बताया जा रहा है कि इस अस्पताल में लाखों के लागत से दो वर्ष पहले एक पोस्टमार्टम भवन का निर्माण हुआ था. लेकिन इसमें मेडिकल उपकरण और संसाधनों के अभाव में आज तक यह भवन के रूप में ही अस्पताल में शोभा बढ़ा रहा है.
पोस्टमार्टम के लिए घंटों इंतजार करना पड़ता है
इस अस्पताल के एक छोटा से कमरे में पोस्टमार्टम किया जाता है. इसमें एक बार में सिर्फ एक ही शव का पोस्टमार्टम हो पाता है. इससे यहां शवों को पोस्टमार्टम के लिए लोगों को घंटों इंतजार करना पड़ता है. इस अस्पताल में पोस्टमार्टम करने के लिए कोई कर्मी तक नहीं है. यहां प्राइवेट कर्मी के भरोसे शवों का पोस्टमार्टम किया जाता है.
यहां उपकरणों और संसाधनों का अभाव है
इस मामले को लेकर अस्पताल उपाधीक्षक ए के अग्रवाल का कहना है कि इस नये भवन में पोस्टमार्टम करने के लिए कोई भी संसधान की व्यवस्था नहीं किया गया है. इस भवन में न बिजली, न पानी और न शव को ठंडा करने वाला यंत्र की यहां व्यवस्था किया गया है. इसमें पोस्टमार्टम करने वाला मेडिकल यंत्र भी नहीं है. यह पोस्टमार्टम भवन उपकरणों और संसाधनों के अभाव में ही अधर में लटका हुआ है.