बगहा: इंडो-नेपाल सीमा के तराई क्षेत्र में बसे अतिपिछड़े इलाकों के दर्जनों गांवों के लोग कोरोना के प्रति जागरुकता फैला रहे हैं. इन गांवों के लोगों ने गांव से निकलने वाले और गांव में प्रवेश करने वाले रास्तों को पूरी तरह सील कर दिया है. ग्रामीणों ने अपरिचितों को गांव में घुसने पर पाबंदी लगा दी है. साथ ही बेवजह गांव से किसी भी ग्रामीण को बाहर जाने-आने पर रोक लगा दिया है.
शहर के मुकाबले गांवों में लॉक डाउन ज्यादा सफल
बता दें कि देश में लॉक डाउन का असली असर गांवों में ही दिख रहा है. कोरोना संक्रमण को लेकर जागरुकता की मिसाल ये ग्रामीण इलाके के लोग ही पेश कर रहे हैं. दरअसल बगहा अनुमंडल क्षेत्र के दर्जनों गांव खासकर थरुहट क्षेत्र में लोग लॉक डाउन का मिसाल पेश कर रहे हैं और गांव से बाहर जाने वाले और प्रवेश करने वाले सभी रास्ते को पूरी तरह से सील कर दिया है.
इन गांवों में जाने-आने की पाबंंदी
खजुरिया, भड़छी, जरार, कटहरवा, सोनगढ़वा, महदेवा, यमुना पुर टंडवलिया समेत पचास गांवों में पीएम के लॉक डाउन के आह्वान का ग्रामीण बखूबी से पालन कर रहे हैं. जमुनापुर के ग्रामीण ने बताया कि पीएम के संदेश को लेकर लॉक डाउन के साथ-साथ सोशल डिस्टेंसिंग का भी यहां शत-प्रतिशत पालन हो रहा है.
एसडीएम और चिकित्सा प्रभारी ने की सराहना
बगहा के चिकित्सा प्रभारी राजेश सिंह ने गांवो का दौरा किया और उन्होंने बताया कि शहर की तुलना में गांव के लोगों ने लॉक डाउन को सफल बनाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है, जो कि काबिले तारीफ है. वहीं, बगहा एसडीएम विशाल राज ने भी ग्रामीणों के इस शानदार पहल की सराहना करते हुए कहा कि अन्य लोगों को इनसे सीख लेकर जागरूक होना चाहिए.