पश्चिम चंपारण(बेतिया): इंडो नेपाल सीमा (Indo Nepal Border) पर स्थित भिखनाठोरी गांव में पीने के पानी (Water Problem) की समस्या बढ़ने लगी है. नल का जल (Nal Jal Scheme) इन लोगों को आज तक नसीब नहीं हुआ.
आकाश में काले बादल छाते ही सोलर आधारित वॉटर पंप ने पानी देना बंद कर दिया है. पानी नहीं मिलने के कारण लोग नदी के गंदे पानी को छानकर पी रहें हैं.
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8 किमी दूर से लाया जा रहा पानी
सोलर आधारित बोरिंग बंद होने से आधी से अधिक अबादी आठ किलोमीटर दूर सहोदरा से पानी लाकर अपनी प्यास बुझा रही है.
क्या कहना है पूर्व मुखिया का
पूर्व मुखिया दयानंद सहनी ने बताया कि उनके घर के पीछे पंचायती राज से निर्मित वॉटर पंप का कंट्रोल बॉक्स खराब होने के कारण पंप तीन वर्षों से पानी नहीं दे रहा है. वहीं बरसात के समय आकाश में छाये बादल के कारण पीएचईडी से निर्मित अन्य दो वाटर पंप का सोलर पैनल भी काम नहीं कर रहा हैं जिसके कारण लोगों को परेशानी हो रही है.
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पानी मिलने के सभी श्रोत बंद
भिखनाठोरी से पानी लेने सहोदरा पहुंचे पिंकु कुमार, लक्ष्मण प्रसाद, मोती पासवान, मदन साह, विजय गुप्ता, अजय गुप्ता, विसाल कुमार आदि लोगों ने बताया कि भिखनाठोरी में पानी मिलने के सभी श्रोत बंद हो गए हैं. तीनो सोलर आधारित वॉटर पंप बंद हैं. सीमा सील होने के कारण नेपाल के झरनों से भी पानी नहीं मिल रहा है.
'टैंकर से लाइफटाइम तक पानी नहीं भेजा जा सकता है. गर्मी के समय में पानी भेजा जा रहा था. अभी बरसात का मौसम है. 120 दिनों तक पानी भेजा गया है. आगे टैंकर से पानी भेजने के लिए उच्चाधिकारियों से बात किया जा रहा है.'- राजेश प्रसाद सिन्हा, कार्यपालक अभियंता पीएचईडी बेतिया
टैंकर से नहीं भेजा जा रहा पानी
बताया जा रहा है कि नाला भी नेपालियों ने बंद कर दिया है. वहीं, सरकार की महत्वपूर्ण योजना टैंकर से पानी भेजने का कार्य भी बंद हो गया है. लोगों ने बताया कि मजबूरी में नदी में बहता पानी शाम को लाकर एक बर्तन में रख देते हैं. सुबह साफ होने पर छानकर नहाने, खाना बनाने और पीने के काम में लाते हैं.
सात निश्चय का हाल
मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना के तहत लगाए गये सोलर प्लांट का लाभ भिखनाठोरी गांव के लोगों को पहले भी मिलने में काफी समय लगा था. वर्ष 2018 मे मुख्यमंत्री आगमन को लेकर पीएचईडी विभाग द्वारा भिखनाठोरी स्टेशन के समीप सोलर आधारित बोरिंग कर 190 फीट गहरा पाईप लगाया गया था. ताकि नल का पाईप बिछा कर पूरे गांव के लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराया जा सके.
3 साल बाद भी नहीं बदले हालात
विभाग द्वारा टिमर टोला के 61 घरों मे नल का पाईप भी बिछा दिया गया. परन्तु 3 साल बीत जाने के बाद भी लोगों को नल का जल नहीं मिला.
गर्मी में टैंकर से पानी की व्यवस्था
लोगों को नल का जल नहीं मिल रहा है. पीने के पानी की कोई व्यवस्था नहीं है. गर्मी के दिनों में जब टैंकर पानी लेकर पंहुचता है तो लोग पानी के लिए टूट पड़ते हैं. लेकिन अभी बारिश में समस्या थोड़ी अलग है. धूप नहीं होने से सोलर बोरिंग बंद पड़ा है. ऐसे में प्यास बुझाने के लिए लोगों को 8 किमी का सफर तय करना पड़ रहा है.