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बेतिया में कई दशकों पहले बना पुल जर्जर, जान जोखिम में डालकर आवागमन करने को लोग मजबूर - बेतिया में पुल की मांग को लेकर प्रदर्शन

Shabby Bridge In Bettiah: बेतिया में शिकारपुर से इनारवा बॉर्डर तक कई पंचायत से होकर गुजरने वाली मुख्य मार्ग के खाहर नदी पर बना पुल अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है. कई दशक पुराना ये पुल जर्जर अवस्था में है. पुल के नीचे का पीलर भी ध्वस्त हो गया है. जिससे हमेशा कोई बड़ा हादसा होने का खतरा बना रहता है.

बेतिया में जर्जर पुल को बनाने की मांग
बेतिया में जर्जर पुल को बनाने की मांग
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Dec 20, 2023, 7:53 AM IST

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बेतिया: बेतिया में खाहर नदी पर बना पुल लोगों के लिए परेशानी का शबब बन गया है. पुल पूरी तरह से जर्जर हो चुका है, जिससे लोगों को आवागमन करने में काफी डर लगा रहता है. दरअसल शिकारपुर पंचायत के मजौना मोहम्मदपुर वार्ड नंबर 9 और 10 के बीच मुख्य मार्ग है. इन दोनों वार्ड के बीच खाहर नदी पर बना पुल पूरी तरह से जर्जर हो चुका है. जिस कारण कोई ना कोई हादसा होता रहता है.

बेतिया में जर्जर पुल : बताया गया कि बरसात के समय पुल जर्जर होने के कारण यहां पर 5 से 6 फीट ऊपर पानी चलता है. जिस कारण आवागमन पूरी तरह से बाधित हो जाता है. पानी की चपेट में आने से कई लोगों की मृत्यु भी हो चुकी है. जिसे लेकर ग्रामीणों में रोष है. ग्रामीणों का कहना है कि यह शिकारपुर से इनरवा बॉर्डर तक जोड़ने वाली सड़क है.

पुल अपनी बदहाली पर बहा रहा आंसू
पुल अपनी बदहाली पर बहा रहा आंसू

पुल से बड़े वाहनों का आवागमन: ग्रामीणों ने बताया कि पुल से बड़े-बड़े वाहनों की आवाजाही होती है. गन्ना से लदा ट्रैक्टर आता है. जिस कारण कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है. उनकी मांग है कि इस जर्जर पुल को हटाकर एक बड़े पुल का निर्माण कराया जाए. उन्होंने कहा कि हर वक्त जनप्रतिनिधि इनसे वादा करते हैं और फिर चले जाते हैं, जिससे ग्रामीणों में नाराजगी है. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि इस बार अगर पुल नहीं बनेगा तो वो किसी को वोट नहीं देंगे.

पुल की मांग को लेकर प्रदर्शन: बेतिया में प्रशासन की लापरवाही का खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ रहा है. शिकारपुर पंचायत के मजौना मोहम्मदपुर वार्ड नंबर 9 और 10 के ग्रामीणों ने जल्द पुल का निर्माण कराने की मांग को लेकर नारेबाजी और प्रदर्शन किया. ग्रामीणों ने जल्द से जल्द पुल का निर्माण कराने की मांग की है, ताकि उनकी समस्या खत्म हो सके.

" पुल काफी जर्जर है. स्कूल भेजने में बच्चों को डर लगा रहता है. बरसात के समय लोग गांव में ही फंस जाते हैं. क्योंकि इस गांव से निकलने का यह पुल एक मात्र सहारा है. और यह भी पूरी तरह से जर्जर हो गया. अगर पुल अचानक ध्वस्त हो गया तो बहुत बड़ा हादसा हो सकता है"- ग्रामीण

पढ़ें: किशनजंग: ध्वस्त हुई बहादुरगंज-टेढ़ागाछ की लाइफलाइन, जान जोखिम में डालकर आवाजाही कर रहे लोग

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बेतिया: बेतिया में खाहर नदी पर बना पुल लोगों के लिए परेशानी का शबब बन गया है. पुल पूरी तरह से जर्जर हो चुका है, जिससे लोगों को आवागमन करने में काफी डर लगा रहता है. दरअसल शिकारपुर पंचायत के मजौना मोहम्मदपुर वार्ड नंबर 9 और 10 के बीच मुख्य मार्ग है. इन दोनों वार्ड के बीच खाहर नदी पर बना पुल पूरी तरह से जर्जर हो चुका है. जिस कारण कोई ना कोई हादसा होता रहता है.

बेतिया में जर्जर पुल : बताया गया कि बरसात के समय पुल जर्जर होने के कारण यहां पर 5 से 6 फीट ऊपर पानी चलता है. जिस कारण आवागमन पूरी तरह से बाधित हो जाता है. पानी की चपेट में आने से कई लोगों की मृत्यु भी हो चुकी है. जिसे लेकर ग्रामीणों में रोष है. ग्रामीणों का कहना है कि यह शिकारपुर से इनरवा बॉर्डर तक जोड़ने वाली सड़क है.

पुल अपनी बदहाली पर बहा रहा आंसू
पुल अपनी बदहाली पर बहा रहा आंसू

पुल से बड़े वाहनों का आवागमन: ग्रामीणों ने बताया कि पुल से बड़े-बड़े वाहनों की आवाजाही होती है. गन्ना से लदा ट्रैक्टर आता है. जिस कारण कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है. उनकी मांग है कि इस जर्जर पुल को हटाकर एक बड़े पुल का निर्माण कराया जाए. उन्होंने कहा कि हर वक्त जनप्रतिनिधि इनसे वादा करते हैं और फिर चले जाते हैं, जिससे ग्रामीणों में नाराजगी है. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि इस बार अगर पुल नहीं बनेगा तो वो किसी को वोट नहीं देंगे.

पुल की मांग को लेकर प्रदर्शन: बेतिया में प्रशासन की लापरवाही का खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ रहा है. शिकारपुर पंचायत के मजौना मोहम्मदपुर वार्ड नंबर 9 और 10 के ग्रामीणों ने जल्द पुल का निर्माण कराने की मांग को लेकर नारेबाजी और प्रदर्शन किया. ग्रामीणों ने जल्द से जल्द पुल का निर्माण कराने की मांग की है, ताकि उनकी समस्या खत्म हो सके.

" पुल काफी जर्जर है. स्कूल भेजने में बच्चों को डर लगा रहता है. बरसात के समय लोग गांव में ही फंस जाते हैं. क्योंकि इस गांव से निकलने का यह पुल एक मात्र सहारा है. और यह भी पूरी तरह से जर्जर हो गया. अगर पुल अचानक ध्वस्त हो गया तो बहुत बड़ा हादसा हो सकता है"- ग्रामीण

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