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बेतिया: बाढ़ के पानी में बहकर एक बच्चे की गई जान, 2017 से टूटा था बांध

जिस औराई नदी ने ब्रदही गांव में तांडव मचाया है. उसका बांध 2017 में ही टूट गया था. बावजूद इसके प्रशासन ने कभी इसकी सुध नहीं ली. जिसका नतीजा अब नजर आ रहा है.

बाढ़ के पानी में बहकर एक बच्चे की गई जान
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Published : Jul 15, 2019, 4:31 PM IST

बेतिया: जिले में हादसों के बाद प्रशासन की नींद टूटती है. पांच दिनों से लगातार हो रही बारिश से जिला बदहाल है. सिकटा प्रखंड के ब्रदही गांव में रास्ता पार करते समय एक बच्चे का पैर फिसल गया और वह तेज पानी के बहाव में बह गया. कई घंटे बाद एनडीआरएफ की टीम पहुंची और राहत के नाम पर बच्चे के शव की तलाश कर रही है.

अधिकारियों ने नहीं ली सुध
ग्रामीणों का आरोप है कि 3 दिनों से सिकटा प्रखंड के ब्रदही गांव के पास की नदी के तेज बहाव के कारण मुख्य सड़क पर पानी तेजी से बह रहा है. सड़क टूट चुकी है. गांव से बाजार जाने के लिए यही एक रास्ता है. उसके बावजूद भी स्थानीय अधिकारी से लेकर वरीय अधिकारी भी इस गांव का हाल जानने की कोशिश नहीं की. वहीं सिकटा के सीओ का कहना है कि रविवार से अभी तक लगातार राहत बचाव कार्य जारी है.

बाढ़ के पानी में बहकर एक बच्चे की गई जान

2017 से टूटा था बांध
दरअसल, जिस औराई नदी ने ब्रदही गांव में तांडव मचाया है. उसका बांध 2017 में ही टूट गया था. आज तक उसकी मरम्मत नहीं हो पायी. ये टूटा हुआ बांध और इस बाढ़ से बच्चे की हुई मौत का जिम्मेदार प्रशासन है. इसके अलावा ये घटना लापरवाह व्यवस्था की पोल खोलने के लिए काफी है.

बेतिया: जिले में हादसों के बाद प्रशासन की नींद टूटती है. पांच दिनों से लगातार हो रही बारिश से जिला बदहाल है. सिकटा प्रखंड के ब्रदही गांव में रास्ता पार करते समय एक बच्चे का पैर फिसल गया और वह तेज पानी के बहाव में बह गया. कई घंटे बाद एनडीआरएफ की टीम पहुंची और राहत के नाम पर बच्चे के शव की तलाश कर रही है.

अधिकारियों ने नहीं ली सुध
ग्रामीणों का आरोप है कि 3 दिनों से सिकटा प्रखंड के ब्रदही गांव के पास की नदी के तेज बहाव के कारण मुख्य सड़क पर पानी तेजी से बह रहा है. सड़क टूट चुकी है. गांव से बाजार जाने के लिए यही एक रास्ता है. उसके बावजूद भी स्थानीय अधिकारी से लेकर वरीय अधिकारी भी इस गांव का हाल जानने की कोशिश नहीं की. वहीं सिकटा के सीओ का कहना है कि रविवार से अभी तक लगातार राहत बचाव कार्य जारी है.

बाढ़ के पानी में बहकर एक बच्चे की गई जान

2017 से टूटा था बांध
दरअसल, जिस औराई नदी ने ब्रदही गांव में तांडव मचाया है. उसका बांध 2017 में ही टूट गया था. आज तक उसकी मरम्मत नहीं हो पायी. ये टूटा हुआ बांध और इस बाढ़ से बच्चे की हुई मौत का जिम्मेदार प्रशासन है. इसके अलावा ये घटना लापरवाह व्यवस्था की पोल खोलने के लिए काफी है.

Intro:बेतिया: यह पश्चिमी चंपारण की जिला प्रशासन है। यह हादसों के बाद जगती है। पांच दिनों से लगातार हो रही बारिश की खबर ईटीवी भारत दिखा रही थी। सिकटा प्रखंड के ब्रदही गांव की खबर ईटीवी भारत द्वारा दिखाया गया था। कैसे वहां के लोग जान जोखिम में डालकर इस रास्ते से आ रहे हैं। जिसका नतीजा रास्ता पार करते समय एक बच्चे का पैर फिसल गया और वह इस तेज पानी के बहाव में बह गया। जिसके कई घंटे बाद एनडीआरएफ की टीम पहुंची और राहत के नाम पर बच्चे के शव की तलाश कर रही है।


Body:ग्रामीणों का आरोप है कि 3 दिनों से सिकटा प्रखंड के ब्रदही गांव के पास की नदी के तेज बहाव के कारण मुख्य सड़क पर पानी तेजी से बह रहा है। सड़क टूट चुकी है। गांव से बाजार जाने के लिए यही एक रास्ता है। उसके बावजूद भी लोकल अधिकारी से लेकर जिला के वरीय अधिकारी भी इस गांव का हाल जानने की कोशिश नहीं की। वहीं सिकटा के सीओ का कहना है कि कल से अभी तक लगातार राहत बचाव कार्य चल रहा है।

बाइट- सीओ, सिकटा


Conclusion:दरअसल, जिस औराई नदी ने ब्रदही गांव में तांडव मचाया है। उसका बांध 2017 में ही टूट गया था। जो कि आज तक नहीं बन पाया। ये टूटे हुए बांध और इस गांव में बाढ़ से बच्चे की हुई मौत की जिम्मेदारी पश्चिमी चंपारण की लापरवाही और बेपरवाह व्यवस्था को उजागर करती है। क्योंकि 2017 में टूटे हुए बांध अगर बना दिए गए होते या दिखाए गए खबर को संज्ञान में ले कोई ठोस कार्रवाई जिला प्रशासन द्वारा की गई होती, तो आज एक मासूम की जान नहीं जाती।


जितेंद्र कुमार गुप्ता
ईटीवी भारत बेतिया
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