बगहा: वैश्विक महामारी कोरोना से सिर्फ इंसान ही प्रभावित नहीं हुए हैं बल्कि जानवरों को भी इसका परिणाम भुगतना पड़ रहा है. सूबे के एकमात्र वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में गेस्ट हाउस के तरफ पर्यटकों के भरोसे जीवनयापन करने वाले बन्दर भी लॉकडाउन की चपेट में आए हैं और उन्हें भोजन की तलाश में रिहायशी इलाकों का रुख करना पड़ रहा है. यहां पहुंच कर ये बंदर काफी उत्पात मचा रहे हैं.
जानवर भी झेल रहे कोरोना की मार
इंडो-नेपाल सीमा अंतर्गत वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में एक नई तस्वीर सामने आई है. यहां कोरोना महामारी से जानवरों के भी भोजन पर आफत आ पड़ी है. दरअसल, पर्यटन नगरी वाल्मीकिनगर में अतिथिशालाओं की तरफ काफी ज्यादा तादाद में बन्दर रहते थे. पर्यटकों के आने से उन्हें उनका छोड़ा हुआ भोजन मिल जाता था. लेकिन जब से लॉकडाउन लगा है सैलानियों का बंद हो गया है. ऐसे में बंदरों के निवाले पर ही संकट आ गया है.
बंदरों के उत्पात से परेशान हैं ग्रामीण
रिहायशी इलाकों में बंदरों के उत्पात से ग्रामीण परेशान हैं. कई बार बंदर छोटे बच्चों के हाथ में खाने वाली चीजों को देख झपट्टा मारते हैं और उन्हें जख्मी कर देते हैं. ग्रामीण नसीम खान का कहना है कि हाल के दिनों में रिहायशी इलाकों में बंदरों की संख्या काफी बढ़ी है और ये बंदर घरों में घुसकर उनके खाद्यय सामग्रियों को नुकसान तो पहुंचाते ही हैं. साथ ही भगाने पर उनपर हमला भी बोल देते हैं और काट भी लेते हैं.