बगहा: बिहार के बगहा में दो अलग अलग घटनाओं में बंदर के हमले में तीन लोग घायल हो (Monkey Menace In Bagaha) गए. इन घायलों में एक 10 वर्षीय छात्र भी है जो स्कूल से पढ़कर लौट रहा था. वहीं दो अन्य बाइक सवार हैं. बताया जाता है की चलते बाइक पर बंदरों ने अचानक धावा बोल दिया जिस वजह से बाइक सवार गिर पड़े और उन्हें गंभीर चोट आई. वाल्मीकी टाइगर रिजर्व के आसपास के इलाके के लोग बंदरों के आतंक से परेशान तो थे हीं अब शहर के लोग भी बंदरों की धमा चौकड़ी से सकते में हैं.
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बंदर के काटने से लोगों में आतंक : दरअसल बंदरों का आतंक अब जानलेवा साबित होने लगा है. बगहा के अहिरानी टोला में बंदरों के झुंड ने एक 10 वर्षीय बच्चे पर हमला बोल दिया जिसमे बच्चा बुरी तरह जख्मी हो गया. बताया जाता है की बंदरों ने जब हमला किया तब स्थानीय लोगों के शोरगुल के बाद बंदरों ने बच्चे को छोड़ा. जिसके बाद घायल छात्र को स्थानीय लोगों के सहयोग से इलाज के लिए अनुमंडलीय अस्पताल में उसे भर्ती कराया गया. जहां चिकित्सक डॉ चंदन कुमार ने घायल छात्र का प्राथमिक उपचार किया. चिकित्सक ने कहा कि- "घायल छात्र के ललाट एवं चेहरा पर बंदर ने हमला कर काट लिया है. प्राथमिक उपचार के बाद घायल छात्र की स्थिति सामान्य है."
बंदरों के आतंक से लोगों परेशान : एक दूसरी घटना में वीटीआर वन क्षेत्र के नजदीक बाइक चला रहे युवकों पर बंदर ने हमला कर दिया. अचानक हुए हमले से बाइक सवार दुर्घटनाग्रस्त हो गया जिसमें बाइक पर बैठे दोनों लोग गंभीर रूप से घायल हो गए. बताया जाता है की वाल्मीकि नगर- बगहा मुख्य पथ पर भेडिहारी कम्पार्ट के नजदीक बगहा की ओर जा रही एक चलती मोटरसाइकिल के ऊपर जंगली बंदर के कूदने से दो युवक बुरी तरह जख्मी हो गए. दोनों घायल युवकों की पहचान उत्तर-प्रदेश के जिला कुशीनगर के खड्डा गांव निवासी अशोक प्रजापति उम्र लगभग 27 वर्ष एवं अजीत भर उम्र लगभग 30 वर्ष बताय जाता हैं.
घायलों का चल रहा इलाज : आनन-फानन में दोनों घायलों को ग्रामीणों व राहगीरों द्वारा स्थानीय स्तर पर एक निजी क्लिनिक में उपचार कराया गया. घायल युवकों ने बताया की वह वाल्मीकि नगर घूमने आए थे. वाल्मीकि नगर से घूमकर अपने घर उत्तर प्रदेश के जिला कुशीनगर के गांव खड्डा लौटने के क्रम में भेडिहारी कम्पार्ट के नजदीक अचानक जंगली बंदरों के झुंड ने चलती मोटरसाइकिल के ऊपर हमला बोल दिया. जिससे मोटरसाइकिल अनियंत्रित होकर दुर्घटनाग्रस्त हो गई. वन विभाग की मानें तो भोजन की तलाश में बंदर भटकते हुए रिहायशी इलाकों की तरफ चले जा रहे हैं. ऐसे में स्थानीय लोगों का कहना है कि बंदरों का रिहायशी इलाकों में आतंक इस कदर है की उन्हें अब बच्चों को लेकर सतर्क रहना पड़ रहा है. इतना हीं नहीं छत और आंगन में रखे अनाज भी बर्बाद कर दे रहे हैं. वन विभाग को कोई ठोस कदम उठाना चाहिए.