बेतिया(वाल्मीकिनगर): कोरोना काल से बंद भारत-नेपाल बॉर्डर को खोलने की मांग तेज होने लगी है. भारत-नेपाल सीमा पर स्थित वाल्मीकिनगर गंडक बराज के रास्ते आवागमन शुरू करने को लेकर जन आक्रोश बढ़ने लगा है. सीमा को खोलने के विषय को लेकर विधायक धीरेंद्र प्रताप सिंह उर्फ रिंकू सिंह ने गण्डक बराज एसएसबी 21वीं वाहिनी के सहायक कमांडेंट से मुलाकात की. उन्होंने कमांडेंट को लोगों की समस्या से अवगत कराया.
"बॉर्डर खोलने के मामले में सहायक कमांडेंट से बात हुई है. उन्हें समस्याओं से अवगत करवाया गया है. सीमा बंद होने की वजह से व्यवसाय सहित आम नागरिकों के जनजीवन पर असर पड़ रहा है. मजदूर भुखमरी के कगार पर आ गए हैं. इसलिए जल्द से जल्द बॉर्डर खोलने की प्रक्रिया की जाए. इस मामले में जिलाधिकारी से भी बात कर बॉर्डर खोलने का आग्रह करेंगे."- धीरेंद्र प्रताप सिंह उर्फ रिंकू सिंह, विधायक
'आदेश मिलते ही होगी अगली प्रक्रिया'
हालांकि 21वीं वाहिनी के सहायक कमांडेंट देवेन्द्र उपाध्याय ने बताया कि भारत-नेपाल सीमा के संबंध में नेपाल सरकार से कोई लिखित पत्र नहीं मिला है. वहीं, भारतीय अधिकारियों की ओर से भी कोई आदेश नहीं मिले हैं. इसी वजह से सीमा को नहीं खोला गया है. आदेश प्राप्त होते ही अगली प्रक्रिया की जाएगी.
नेपाली नागरिकों का प्रदर्शन जारी
बता दें कि आवागमन बंद होने से परेशान नेपाली क्षेत्र में नेपाली ग्रामीण लगातार गंडक बराज के 36 नम्बर फाटक पर प्रदर्शन कर रहे हैं. बताया जा रहा है कि भारत-नेपाल सीमा के कई बॉर्डर को दोनों देशों के नागरिकों के हित को ध्यान में रखते हुए खोल दिया गया है. इसी वजह से वाल्मीकि नगर से सटे नेपाल के ग्रामीण भी आवागमन के लिए बॉर्डर खोलने की मांग कर रहे हैं. लोगों का कहना है कि सीमा बंद होने की वजह से काफी परेशानी हो रही है.
ये भी पढ़ें- इंडो-नेपाल बॉर्डर खोलने की मांग पर वाल्मीकिनगर के व्यवसायियों का प्रदर्शन, सौंपा ज्ञापन
'सीमा खुलने तक होगा प्रदर्शन'
नेपाली क्षेत्र के समाजसेवी संतोष थापा ने बताया कि ग्रामीण हित में दोनों देशों की ओर से आवागमन शुरू कर दिया जाना चाहिए. अगर आवागमन शुरू नहीं किया गया तो सीमा खुलने तक प्रदर्शन जारी रहेगा.