ETV Bharat / state

बेतिया: पीपा पुल निर्माण में नाबालिग बच्चों से करायी जा रही मजदूरी

author img

By

Published : Jan 31, 2021, 5:07 PM IST

ठकराहा प्रखंड स्थित गंडक नदी के जगीरहा घाट पर पीपा पुल के पहुंच पथ निर्माण में बाल मजदूरी का मामला सामने आया है.

child labour in the construction of Pipa Bridge
child labour in the construction of Pipa Bridge

बेतिया (वाल्मीकिनगर): जिले के ठकराहा प्रखंड स्थित गंडक नदी के जगीरहा घाट पर पीपा पुल के पहुंच पथ निर्माण में बाल मजदूरी का मामला सामने आया है. यही नहीं, छोटे-छोटे बच्चे बिना किसी सुरक्षा के बालू से भरे बोरे लेकर नदी में उतर रहे हैं. जिससे कभी भी किसी अनहोनी होने से इनकार नहीं किया जा सकता है.

हर वर्ष बरसात के बाद शुरू होता है पुल निर्माण कार्य
बता दें कि ठकराहा प्रखंड से जिला मुख्यालय जाने के लिए 160 किमी की दूरी तय करनी पड़ती है. वहीं पीपा पुल का निर्माण हो जाने से यह दूरी 25 किमी में सिमट जाती है. इसको देखते हुए पुल निर्माण विभाग द्वारा हर साल बरसात का सीजन खत्म होने के बाद पीपा पुल का निर्माण कराया जाता है. इसके लिए सरकार की तरफ से पुल निर्माण विभाग को पांच लाख रुपये प्रति वर्ष दी जाती है.

ये भी पढ़ें:- दुकानदार ने सिपाही को बनाया बंधक, छुड़ाने पहुंचे एसआई को सीने पर मारी गोली

जांच कर होगी कार्रवाई
पीपा पुल का निर्माण हो जाने से आवागमन के साथ दियारा में खेती कार्य में भी सुविधा होती है. इसको देखते हुए पीपा पुल के संपर्क मार्ग का निर्माण कराया जा रहा है. जिसमें नाबालिग बच्चों से बालू बोरों में भरवाया जा रहा है. जानकारी के अनुसार, यहां बाल मजदूर बहुत कम पैसों में ही मिल जाते हैं. संवेदक नियम कानूनों को ताक पर रख कर छोटे बच्चों से मजदूरी करवा रहा है. वहीं पुल निर्माण विभाग के कनीय अभियंता लाल बहादुर शाह ने बताया कि बाल मजदूरी गैरकानूनी है. अगर ऐसा हो रहा है तो जांच कर कार्रवाई की जाएगी.

बेतिया (वाल्मीकिनगर): जिले के ठकराहा प्रखंड स्थित गंडक नदी के जगीरहा घाट पर पीपा पुल के पहुंच पथ निर्माण में बाल मजदूरी का मामला सामने आया है. यही नहीं, छोटे-छोटे बच्चे बिना किसी सुरक्षा के बालू से भरे बोरे लेकर नदी में उतर रहे हैं. जिससे कभी भी किसी अनहोनी होने से इनकार नहीं किया जा सकता है.

हर वर्ष बरसात के बाद शुरू होता है पुल निर्माण कार्य
बता दें कि ठकराहा प्रखंड से जिला मुख्यालय जाने के लिए 160 किमी की दूरी तय करनी पड़ती है. वहीं पीपा पुल का निर्माण हो जाने से यह दूरी 25 किमी में सिमट जाती है. इसको देखते हुए पुल निर्माण विभाग द्वारा हर साल बरसात का सीजन खत्म होने के बाद पीपा पुल का निर्माण कराया जाता है. इसके लिए सरकार की तरफ से पुल निर्माण विभाग को पांच लाख रुपये प्रति वर्ष दी जाती है.

ये भी पढ़ें:- दुकानदार ने सिपाही को बनाया बंधक, छुड़ाने पहुंचे एसआई को सीने पर मारी गोली

जांच कर होगी कार्रवाई
पीपा पुल का निर्माण हो जाने से आवागमन के साथ दियारा में खेती कार्य में भी सुविधा होती है. इसको देखते हुए पीपा पुल के संपर्क मार्ग का निर्माण कराया जा रहा है. जिसमें नाबालिग बच्चों से बालू बोरों में भरवाया जा रहा है. जानकारी के अनुसार, यहां बाल मजदूर बहुत कम पैसों में ही मिल जाते हैं. संवेदक नियम कानूनों को ताक पर रख कर छोटे बच्चों से मजदूरी करवा रहा है. वहीं पुल निर्माण विभाग के कनीय अभियंता लाल बहादुर शाह ने बताया कि बाल मजदूरी गैरकानूनी है. अगर ऐसा हो रहा है तो जांच कर कार्रवाई की जाएगी.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.