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बेतिया में लाखों का कफन घोटाला, लाभुकों की शिकायत पर सामने आया मामला

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Published : Sep 15, 2020, 1:54 PM IST

Updated : Sep 16, 2020, 7:22 AM IST

मामले का खुलासा तब हुआ जब चनपटिया नगर पंचायत के लाभुकों ने ईओ के पास शिकायत दर्ज कराई. जानकारी मिलते ही ईओ ने पूर्व वित्तीय वर्ष की संचिकाओं की जांच की. जांच में हैरान करने वाले तथ्य सामने आए.

लाभुक
लाभुक

बेतिया: जिले के चनपटिया नगर पंचायत में कफन घोटाला हुआ है. भ्रष्टाचारियों ने गरीबों को मिलने वाली कफन की राशि को भी गबन कर लिया है. गरीब बीपीएल परिवार के सदस्य के निधन के बाद दी जाने वाली कबीर अंत्येष्टि योजना में लाखों के घोटाले का मामला सामने आया है.

बेहद ही गरीब परिवार में किसी के निधन होने पर दाह संस्कार के लिए कबीर अंत्येष्टि योजना के तहत मृतक के परिजनों को तीन हजार की राशि दी जाती है. ताकि वो मृत व्यक्ति का दाह संस्कार कर सकें. लेकिन भ्रष्टकर्मी और जनप्रतिनिधियों ने दाह संस्कार के नाम पर गरीबों को मिलने वाली कफन की राशि को भी नहीं छोड़ा.

कार्यपालक पदाधिकारी ने उजागर किया मामला
बेतिया के चनपटिया के नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारी शिवांशु शिवेश ने कबीर अंत्येष्टि योजना में घोटाले का मामला उजागर किया है. यह घोटाला 2017 से 2019 तक चला है. नप के प्रधान लिपीक और नप के चौदह वार्डों के पार्षदों के जाली हस्ताक्षर से बैंक से चेक के द्वारा लाखों की राशि गबन की गई है. मामला का खुलासा तब हुआ जब ईओ के पास लाभुक पहुंचे और बताया कि अभी तक उन्हें कबीर अंत्योष्टि योजना के तहत राशि नहीं मिली है.

शिवांशु शिवेश, कार्यपालक पदाधिकारी
शिवांशु शिवेश, कार्यपालक पदाधिकारी

गैर कानूनी तरीके से काटे गए हजारों रुपये के चेक
नगर पंचायत के प्रधान लिपीक को मात्र सात लाभुकों का 21 हजार तक का चेक काटने का अधिकार है. लेकिन प्रधान लिपीक और वार्ड पार्षदों के हस्ताक्षर से 80 हजार तक के चेक काटे गए हैं, जो की गैर कानूनी है. यही नहीं 2017 से 2019 तक 40 से 45 चेक जो काटे गए हैं, वो चालीस से लेकर अस्सी हजार तक के हैं.

अभी तक 14 लाख 53 हजार की राशि चेक के माध्यम से निकाली गई है, लेकिन ये रुपये लाभुकों के बीच नहीं पहुंचे. िना किसी के मरे ही यह राशि उठा ली गई है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

ये भी पढ़ेंः चुनाव में सुशांत केस बनेगा चुनावी मुद्दा! वोट बैंक साधने की कोशिश में राजनीतिक दल

वार्ड पार्षदों ने कहा नहीं किया कोई गबन
इस मामले में कार्यपालक पदाधिकारी ने वार्ड पार्षदों की बैठक बुलाई और राशि को वापस करने की बात कही. जिस पर वार्ड पार्षदों ने बताया कि उनलोगों ने किसी प्रकार का कोई हस्ताक्षर नहीं किया है और ना ही राशि उठाया है. फिर किस राशि को वापस करें. बोर्ड के बैठक के बाद प्रस्ताव लाया गया कि मामले की जांच कर दोषी के खिलाफ कार्रवाई की जाय.

आदेश की छाया प्रति
आदेश की छाया प्रति

जांच के बाद जेल भेजे जाएंगे दोषी
मामले की गम्भीरता को देखते हुए कार्यपालक पदाधिकारी शिवांशु शिवेश ने एक पत्र निर्गत किया है. प्रधान लिपीक मनोज कुमार से स्पष्टीकरण देने को कहा गया है. प्रधान लिपीक को कहा गया है कि सात दिन के अंदर कबीर अंत्येष्टि सम्बंधित खातों से की गई निकासी का ब्यौरा दें, नहीं देने पर इसे गबन का मामला मानकर आप पर कानूनी कार्रवाई की जायेगी. ईओ ने बताया है कि मामले में प्राथमिकी दर्ज कर दोषियों से राशि की वसूली के साथ साथ उन्हें जेल भी भेजा जाएगा.

बेतिया: जिले के चनपटिया नगर पंचायत में कफन घोटाला हुआ है. भ्रष्टाचारियों ने गरीबों को मिलने वाली कफन की राशि को भी गबन कर लिया है. गरीब बीपीएल परिवार के सदस्य के निधन के बाद दी जाने वाली कबीर अंत्येष्टि योजना में लाखों के घोटाले का मामला सामने आया है.

बेहद ही गरीब परिवार में किसी के निधन होने पर दाह संस्कार के लिए कबीर अंत्येष्टि योजना के तहत मृतक के परिजनों को तीन हजार की राशि दी जाती है. ताकि वो मृत व्यक्ति का दाह संस्कार कर सकें. लेकिन भ्रष्टकर्मी और जनप्रतिनिधियों ने दाह संस्कार के नाम पर गरीबों को मिलने वाली कफन की राशि को भी नहीं छोड़ा.

कार्यपालक पदाधिकारी ने उजागर किया मामला
बेतिया के चनपटिया के नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारी शिवांशु शिवेश ने कबीर अंत्येष्टि योजना में घोटाले का मामला उजागर किया है. यह घोटाला 2017 से 2019 तक चला है. नप के प्रधान लिपीक और नप के चौदह वार्डों के पार्षदों के जाली हस्ताक्षर से बैंक से चेक के द्वारा लाखों की राशि गबन की गई है. मामला का खुलासा तब हुआ जब ईओ के पास लाभुक पहुंचे और बताया कि अभी तक उन्हें कबीर अंत्योष्टि योजना के तहत राशि नहीं मिली है.

शिवांशु शिवेश, कार्यपालक पदाधिकारी
शिवांशु शिवेश, कार्यपालक पदाधिकारी

गैर कानूनी तरीके से काटे गए हजारों रुपये के चेक
नगर पंचायत के प्रधान लिपीक को मात्र सात लाभुकों का 21 हजार तक का चेक काटने का अधिकार है. लेकिन प्रधान लिपीक और वार्ड पार्षदों के हस्ताक्षर से 80 हजार तक के चेक काटे गए हैं, जो की गैर कानूनी है. यही नहीं 2017 से 2019 तक 40 से 45 चेक जो काटे गए हैं, वो चालीस से लेकर अस्सी हजार तक के हैं.

अभी तक 14 लाख 53 हजार की राशि चेक के माध्यम से निकाली गई है, लेकिन ये रुपये लाभुकों के बीच नहीं पहुंचे. िना किसी के मरे ही यह राशि उठा ली गई है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

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वार्ड पार्षदों ने कहा नहीं किया कोई गबन
इस मामले में कार्यपालक पदाधिकारी ने वार्ड पार्षदों की बैठक बुलाई और राशि को वापस करने की बात कही. जिस पर वार्ड पार्षदों ने बताया कि उनलोगों ने किसी प्रकार का कोई हस्ताक्षर नहीं किया है और ना ही राशि उठाया है. फिर किस राशि को वापस करें. बोर्ड के बैठक के बाद प्रस्ताव लाया गया कि मामले की जांच कर दोषी के खिलाफ कार्रवाई की जाय.

आदेश की छाया प्रति
आदेश की छाया प्रति

जांच के बाद जेल भेजे जाएंगे दोषी
मामले की गम्भीरता को देखते हुए कार्यपालक पदाधिकारी शिवांशु शिवेश ने एक पत्र निर्गत किया है. प्रधान लिपीक मनोज कुमार से स्पष्टीकरण देने को कहा गया है. प्रधान लिपीक को कहा गया है कि सात दिन के अंदर कबीर अंत्येष्टि सम्बंधित खातों से की गई निकासी का ब्यौरा दें, नहीं देने पर इसे गबन का मामला मानकर आप पर कानूनी कार्रवाई की जायेगी. ईओ ने बताया है कि मामले में प्राथमिकी दर्ज कर दोषियों से राशि की वसूली के साथ साथ उन्हें जेल भी भेजा जाएगा.

Last Updated : Sep 16, 2020, 7:22 AM IST
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