बगहा: जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में आतंकियों की गोलीबारी में रामनगर के दो युवक गंभीर रूप से घायल हो गए (Militants shot Bagaha laborer in Pulwama). जिनका इलाज पुलवामा के अस्पताल में चल रहा है. इधर परिजनों का रो रोकर बुरा हाल है. घटना शनिवार की रात साढ़े साथ बजे की है. युवक मजदूरी कर वापस लौट रहे थे, तभी आतंकियों ने उनपर ताबड़तोड़ गोलियां बरसा दी.
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बिहार के मजदूर को आतंकियों ने मारी गोली: जम्मू-कश्मीर के पुलवामा अंतर्गत खरपोरा रतनपुरा में आतंकवादियों ने दो बिहारी मजदूरों को गोली मारकर घायल कर दिया. दोनों का इलाज पुलवामा के अस्पताल में चल रहा है. जहां उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है. वहीं, एक मजदूर की हालत को गंभीर देखते हुए बेहतर इलाज के लिए श्रीनगर के अस्पताल में रेफर कर दिया गया है. जानकारी के मुताबिक उसे तीन गोलियां लगी हैं. एक मजदूर के कंधे को छूती हुई गोली निकल गई. मजदूरों ने फोन पर बताया कि एक साथ बिहार और नेपाल के कई मजदूर काम लर वापस लौट रहे थे तभी यह घटना घटी.
बगहा के रहने वाले हैं दोनों मजदूर: दोनों घायल मजदूर बिहार के पश्चिमी चंपारण जिला अंतर्गत रामनगर थाना के मन्गुराहा के रहने वाले हैं. जिनकी पहचान शमशाद पुत्र इस्लाम शेख और फैजान कादरी पुत्र फैयाज कादरी के रूप में की गई है. दरअसल बिहार के पश्चिम चंपारण जिला अंतर्गत रामनगर थाना क्षेत्र के मंगुरहा देवराज से करीब आधा दर्जन युवा मजदूरी करने पुलवामा गए थे, जो कल देर शाम काम कर वापस लौट रहे थे, तभी आतंकियों के गोली का निशाना बन गए. शमशाद और फैजान को गोली लग गई. जिन्हें गंभीर हालत में इलाज के लिए काश्मीर स्थित अस्पताल में भर्ती कराया गया. हालांकि फैजान की स्थिति फिलहाल खतरे से बाहर बताई जा रही है, लेकिन शमशाद कि हालत गंभीर है.
"यहां रोजगार नहीं मिलने के कारण बच्चे परिवार के भरण पोषण हेतु प्रदेश कमाने गए हैं, परिवार में पांच भाई है. पिता की वर्षों पहले मृत्यु हो चुकी है. जिसके चलते परिवार चलाने के लिए काश्मीर के पुलवामा में मजदूरी करने गया है. सोचा भी न था कि ऐसी घटना हो जाएगी जिसने सबको झकझोर कर रख दिया है."- मेहरून नेशा, फैजान की मां
परिजनों ने मांगी मदद: घायल की मां ने प्रशासन से मदद की मांग की है कि यहां के लोगों को रोजगार मुहैया कराई जाय ताकि लोगों को दूसरे प्रदेश न जाना पड़े और ऐसे हादसों का शिकार होने से लोग बच सके. वहीं शमशाद के परिजनों ने भी रोजगार नहीं मिलने के चलते मजदूरी करने गांव के अन्य लोगों के साथ पुलवामा जाने की बात कही है. क्योंकि काश्मीर में मजदूरी यहां के मुकाबले ज्यादा मिलती है. इसीलिए इस इलाके से आधा दर्जन से अधिक नौजवानों की टोली पलायन कर गई है.
परिजनों में मचा कोहराम: घटना की सूचना के बाद पीड़ितों के परिजनों में चीत्कार और कोहराम मचा है. ऐसे में देखने वाली बात होगी कि पुलवामा में हुए आतंकियों के इस गोलीबारी की घटना में जख्मी मजदूरों को सरकारी स्तर पर क्या सुविधाएं मुहैया कराई जाती है, क्योंकि जख्मी मजदूरों के साथ-साथ उनके आश्रितों को राहत और मुआवजे की दरकार है.
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