बेतिया: जिले के हरदी नदवा पंचायत में दूसरे राज्यों से लौटे मजदूरों ने वो कर दिखाया है, जो अब तक सरकार भी नहीं कर पाई थी. लॉक डाउन में इस गांव के एक व्यक्ति ने लोगों की आर्थिक मदद से 3 किमी तक कच्ची सड़क का निर्माण कर दिया. ग्रामीणों का कहना है कि इस इलाके की ये महत्वपूर्ण सड़क है, जो बगहा से रामनगर को जोड़ती है.
जिले के हरदी-नदवा पंचायत से होकर गुजरने वाली कच्ची सड़क वर्षों से गड्ढे में तब्दील हो गया था. जिसको ग्रामीणों ने चंदा और श्रम दान से एक पखवाड़े में बनाकर मिसाल कायम किया है. दरअसल, गांव के ही साकिर अली नाम का एक व्यक्ति इस गड्ढे वाली सड़क के वजह से कई बार दुर्घटना होने से बचे. इससे उन्होंने संकल्प लिया कि इस सड़क का निर्माण आवश्यक है, इसकी जिम्मेदारी खुद उठाकर सड़क निर्माण करने का निश्चय लिया.
प्रवासी मजदूरों के मदद से बनी सड़क
ग्रामीणों ने बताया कि बरसात के दिनों में इस रास्ते से आवाजाही बिल्कुल बंद हो जाता था. इसको लेकर हम लोग ने तय किया कि बरसात से पूर्व इस सड़क का निर्माण करेंगे. जिससे रामनगर और बगहा आने जाने में दर्जनों गांवों के लोगों को परेशानियां न उठानी पड़े. सड़क निर्माण के लिए साकिर अली ने जेसीबी भाड़ा पर लिया. क्वारंटाइन अवधि पूरा कर गांव में आए मजदूरों सहित लॉक डाउन से पहले लौटे मजदूरों ने इस काम में साथ दिया. अब इस रास्ते की तस्वीर बदल चुकी है. अर्थ और श्रमदान से तकरीबन पन्द्रह दिनों में सड़क बनकर तैयार है.
'किसी ने नहीं दिया ध्यान'
ग्रामीणों का कहना है कि इस पंचायत के अगल बगल के दर्जनों गांव जैसे रायबारी महुअवा, मुड़ीला, पुरुषोत्तमपुर इत्यादि के लोगों की वर्षों से ये मांग थी कि इस रास्ते को सुदृढ किया जाए. लेकिन जनप्रतिनिधि और सरकार ने कभी इस पर ध्यान ही नहीं दिया. इस रास्ते के मध्य में सांसद निधि से एक पुलिया का निर्माण हुआ है. वो भी अधूरा ही छोड़ दिया गया था, जिसे हम लोगों ने पूरा किया.
दर्जनों गांव को मिलेगा लाभ
बता दें कि हरदी-नदवा पंचायत को कच्ची सड़क रामनगर चीनी मिल से जोड़ता है. गन्ना के मौसम में इस रास्ते किसान गन्ना से भरे ट्रैक्टर बगहा और रामनगर लेकर जाते हैं. साथ ही ये रास्ता बगहा और रामनगर को जोड़ता है. शाकिर अली के निश्चय पर प्रवासी मजदूरों ने इसमें श्रमदान करने का फैसला लिया. इसके बाद सड़क पर मिट्टी भराई कर इसका निर्माण कार्य शुरू हो गया.