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बेतिया: मेडिकल कॉलेज की खस्ता हालत, ठंड में इलाज कराने को मजबूर मरीज - health Department

अस्पताल उपाधीक्षक श्रीकांत दुबे ने कहा कि ठंड से मरीजों के बचाव के लिए बेड पर चादर, कंबल और दवा उपलब्ध कराई जा रही है. जबकि इलाज कराने आए मरीज और उनके परिजनों का कहना है कि ठंड से बचने के लिए वह अपने साथ कंबल लाए हैं.

Medical college
मेडिकल कॉलेज की खस्ता हालत
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Published : Jan 3, 2020, 5:26 AM IST

बेतियाः जिले में भारी ठंड का प्रकोप जारी है. ऐसे में ठंड से पीड़ित मरीजों की संख्या अस्पतालों में बढ़ने लगी है. मेडिकल कॉलेज में मरीजों को ठंड से बचने के लिए किसी भी प्रकार का कोई व्यवस्था नहीं की गई है.

दयनीय स्थिति में मेडिकल कॉलेज
गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज अपनी बदहाली पर आंसू बहाने को मजबूर है. अस्पताल की खिड़कियां टूटी हुई है. जिससे इलाज कराने आए मरीजों को ठंड में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. मरीजों को ठंड से बचाव के लिए कोई व्यवस्था नहीं कि गई है. इसके अलावा यहां इलाज कराने आए मरीजों को दवा भी बाहर से खरीदना पड़ रहा है.

Bettiah
टुटे बेड और खिड़कियां

ठंड में मरीज परेशान
वहीं, अस्पताल उपाधीक्षक श्रीकांत दुबे ने कहा कि ठंड से मरीजों के बचाव के लिए बेड पर चादर, कंबल और दवा उपलब्ध कराई जा रही है. जबकि इलाज कराने आए मरीज और उनके परिजनों का कहना है कि ठंड से बचने के लिए वह अपने साथ कंबल लाए है. बहरहाल जो भी हो लेकिन इस ठंड में मरीज और उनके परिजन परेशान हो रहे है.

Bettiah
अस्पताल परिसर में फैली गंदगी

अस्पताल में गंदगी का अंबार
वहीं, अगर बात करे साफ-सफाई की तो अस्पताल परिसर में गंदगी का अंबार लगा हुआ है. इसके साथ ही यहां आवारा पशु डेरा लगाए रहते है. अस्पताल में फैली गंदगी को देखकर यह कहना मुश्किल है, कि मरीज कितना स्वस्थ होकर अपने घर लौटता होगा.

देखें पूरी रिपोर्ट

बेतियाः जिले में भारी ठंड का प्रकोप जारी है. ऐसे में ठंड से पीड़ित मरीजों की संख्या अस्पतालों में बढ़ने लगी है. मेडिकल कॉलेज में मरीजों को ठंड से बचने के लिए किसी भी प्रकार का कोई व्यवस्था नहीं की गई है.

दयनीय स्थिति में मेडिकल कॉलेज
गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज अपनी बदहाली पर आंसू बहाने को मजबूर है. अस्पताल की खिड़कियां टूटी हुई है. जिससे इलाज कराने आए मरीजों को ठंड में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. मरीजों को ठंड से बचाव के लिए कोई व्यवस्था नहीं कि गई है. इसके अलावा यहां इलाज कराने आए मरीजों को दवा भी बाहर से खरीदना पड़ रहा है.

Bettiah
टुटे बेड और खिड़कियां

ठंड में मरीज परेशान
वहीं, अस्पताल उपाधीक्षक श्रीकांत दुबे ने कहा कि ठंड से मरीजों के बचाव के लिए बेड पर चादर, कंबल और दवा उपलब्ध कराई जा रही है. जबकि इलाज कराने आए मरीज और उनके परिजनों का कहना है कि ठंड से बचने के लिए वह अपने साथ कंबल लाए है. बहरहाल जो भी हो लेकिन इस ठंड में मरीज और उनके परिजन परेशान हो रहे है.

Bettiah
अस्पताल परिसर में फैली गंदगी

अस्पताल में गंदगी का अंबार
वहीं, अगर बात करे साफ-सफाई की तो अस्पताल परिसर में गंदगी का अंबार लगा हुआ है. इसके साथ ही यहां आवारा पशु डेरा लगाए रहते है. अस्पताल में फैली गंदगी को देखकर यह कहना मुश्किल है, कि मरीज कितना स्वस्थ होकर अपने घर लौटता होगा.

देखें पूरी रिपोर्ट
Intro:एंकर : बेतिया गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज अपनी बदहाली पर रो रहा है,अस्पताल की खिड़कियां टूटी हुई है और मरीज ठंड से बेहाल है, ठंड से बचाव के लिए मरीज के बेड पर ना ही चादर है और ना ही कंबल, और तो और दवा भी बाहर से खरीदना पड़ रहा है, अस्पताल में भर्ती मरीज बेवस हैं।


Body:बेतिया गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज की प्रत्येक वार्ड की खिड़कियां टूटी हुई है, जिससे ठंड में मरीज व उनके परिजनों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, मरीज के बेड पर चादर नहीं है, दवा बाहर से खरीदना पड़ रहा है, ऐसे में अस्पताल उपाधीक्षक के वह सारे दावें खोखले साबित हो रहे हैं, जिसमें अस्पताल उपाधीक्षक श्रीकांत दुबे दावा करते हैं कि ठंड से मरीजों के बचाव के लिए बेड पर चादर, कंबल, मरीजों के लिए दवा उपलब्ध कराई जा रही है।

बाइट- डॉ. श्रीकांत दुबे, अस्पताल उपाधीक्षक

बेतिया गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज में पहुंचे मरीजों की मानें तो यह अस्पताल स्वास्थ्य महकमे के सारे पोल खुलती नजर आ रही है, ठंड इतनी है कि अस्पताल में मरीज आ नहीं रहे हैं और जो मरीज ठंड में अभी रहे हैं तो उन्हें बेड पर बिछाने के लिए चादर तक नहीं मिल पा रही, कंबल तो दूर की बात है। मरीजों को लेकर आए परिजनों की मानें तो घर से ही चादर और कंबल लेकर आना पड़ रहा है, अस्पताल में कुछ नहीं मिल रहा, यहां तक की दवा भी बाहर से खरीदनी पड़ रही है।

बाइट- विनय कुमार, मरीज के परिजन
बाइट- पूनम कुमारी, मरीज के परिजन
बाइट - आकाश, मरीज के परिजन

अब जरा अस्पताल में फैली इस गंदगी को देख लीजिए, यहां मरीज इस उम्मीद से आते हैं कि उनकी तबीयत ठीक हो जाएगी लेकिन इस अस्पताल से मरीज कितने स्वस्थ होकर अपने घर लौटते होंगे इसका अंदाजा आप लगा सकते हैं।

बाइट- मोतीलाल, मरीज के परिजन


Conclusion:बहरहाल जो भी हो लेकिन इस ठंड में मरीज व उनके परिजन परेशान हो रहे हैं, ठंड के इस मौसम में अस्पताल की व्यवस्था पर उंगली उठना लाजमी है, एक तरफ दावा किया जा रहा है कि ठंड से बचाव के लिए अस्पताल में पर्याप्त सुविधा है, ऐसे में सुविधाओं के नाम पर हो रही खानापूर्ति साफ साफ दिखाई दे रही है।

जितेन कुमार गुप्ता
ईटीवी भारत, बेतिया
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