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Bagaha News: गण्डक बराज से छोड़ा गया 2 लाख क्यूसेक से अधिक पानी, कई गांव जलमग्न

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Published : Jun 15, 2021, 4:58 PM IST

मॉनसून (Monsoon) की पहली बारिश ही आफत साबित हो रही है. इससे बगहा पुलिस बैरक (Bagaha Police Barracks) समेत वाल्मीकि टाइगर रिजर्व (Valmiki Tiger Reserve) के मध्य बसे गोनौली और नौरंगिया दरदरी गांव में पहाड़ी नदी का पानी भर गया है. लिहाजा ग्रामीणों के खाने पर भी आफत आ गई है.

बगहा
कई गांव हुए जलमग्न

बगहा: बिहार में मॉनसून (Monsoon) की पहली बरसात में ही बाढ़ (Flood) जैसी भयावह स्थिति देखने को मिल रही है. 2017 में राज्य में भयानक बाढ़ आई थी. इस बार भी नेपाल (Nepal) के साथ-साथ उत्तर बिहार में लगातार बारिश के कारण नदियों के जलस्तर में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है.

वाल्मिकी नगर गंडक बराज (Valmiki Nagar Gandak Barrage) से छोड़े गए 2 लाख 10 हजार क्यूसेक पानी के बाद कई जगहों पर बांध टूट गया है और कई इलाकों में बाढ़ का पानी फैल गया है.

ये भी पढ़ें- बेतिया में कटहा नदी पर बने पुल का एप्रोच पथ ध्वस्त, कई इलाकों में बाढ़ जैसे हालात

कई गांव हुए जलमग्न
बरसात ने अपना ऐसा रंग दिखाया है कि कई गांव और शहर के मुहल्लों में जलजमाव की स्थिति उत्पन्न हो गयी है. बगहा में पुलिस बैरक (Police Barracks, Bagaha) में बरसात का पानी घुस गया है. वाल्मीकि टाइगर रिज़र्व (Valmiki Tiger Reserve)के बीचों-बीच बसे गोनौली और नौरंगिया दरदरी गांव में पहाड़ी नदी का पानी घुस गया है. लिहाजा ग्रामीण परेशान हैं. कई घरों में पानी भर जाने से खाने पर भी आफत है.

ये भी पढ़ें- दरभंगा न्यूज: जल संसाधन मंत्री ने बांधों का किया निरीक्षण, बाढ़ पूर्व निर्माण कार्य कराने के दिए आदेश

'गोनौली गांव में दशकों बाद इस तरह की नौबत आई है. पिछले बाढ़ के समय ही पहाड़ी नदी का बांध टूटा था. इसके मरम्मती के लिए जलसंसाधन विभाग को सूचना दी लेकिन विभाग के अधिकारी वाल्मीकिनगर और जिला मुख्यायल बेतिया पर अपनी जिम्मेवारी थोपते रहे. जिसका नतीजा यह हुआ है कि ग्रामीणों के घर में बाढ़ का पानी बह रहा है'.- मोतीलाल साह, जिला पार्षद

पहाड़ी नदियों का बढ़ रहा जलस्तर
लगातार हो रही बारिश के कारण अधिकांश नदियों का जलस्तर बढ़ने लगा है. नदियों ने रौद्र रूप धारण कर लिया है. कई इलाकों में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं. ग्रामीणों को डर सता रहा है कि अभी मानसून की पहली बारिश ही हुई है. जबकि अभी पूरा मॉनसून बाकी है. हालात ऐसे ही रहे तो कटाव और बाढ़ के खतरों के बीच जिंदगी कैसे चलेगी?

BAGAHA
पुलिस बैरक भी पानी-पानी

तेजी से बढ़ रहा मॉनसून
इधर, बंगाल की खाड़ी (Bay of Bengal) में सक्रिय चक्रवाती हवा और निम्न हवा के दबाव के क्षेत्र के साथ नमी की वजह से काफी तेजी से मानसून (Monsoon) आगे बढ़ रहा है.

बिहार के साथ नेपाल के तराई क्षेत्रों में लगातार हो रही बारिश के कारण नदियों का जलस्तर बढ़ने लगा है. गंडक नदी (Gandak River) के जलस्तर में भारी वृद्धि हुई है. इससे तराई क्षेत्रों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है.

ये भी पढ़ें- दरभंगा: DM ने बागमती के तटबंध का किया निरीक्षण, बाढ़ पूर्व तैयारियों को लेकर दिए कई निर्देश

गण्डक बराज से छोड़ा गया 2 लाख क्यूसेक से अधिक पानी
इधर, नेपाल के तराई क्षेत्रों में हो रहे भारी बारिश की वजह से भी प्रशासन अलर्ट पर है. बता दें कि गण्डक बराज द्वारा गण्डक नदी में दोपहर तक 2 लाख 10 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया जो कि इस साल के पहली बरसात में सर्वाधिक है.

यदि मौसम का मिजाज ऐसे ही बना रहा तो गण्डक नदी के जलस्तर में और वृद्धि देखने को मिलेगी और निचले इलाकों में एक मर्तबा फिर बाढ़ आने का अंदेशा है. नतीजतन प्रशासन ने निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने का आदेश भी दिया है.

दरअसल, बिहार में बाढ़ की स्थिति लगातार भयावह होती जा रही है. 2017 में राज्य में भयानक बाढ़ आई थी. इस बार भी नेपाल के साथ-साथ उत्तर बिहार में लगातार बारिश के कारण नदियों के जलस्तर में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है. वाल्मिकी नगर गंडक बराज (Valmiki Nagar Gandak Barrage) से छोड़े गए 4 लाख 36 हजार क्यूसेक पानी के बाद कई जगहों पर बांध टूट गया है और कई इलाकों में बाढ़ का पानी फैल गया है.

ये भी पढ़ें- Muzaffarpur News: मानसून के साथ ही बागमती का कटाव शुरू, विधायक ने सरकार को कोसा

गंडक का डिस्चार्ज लेवल 1 लाख के पार
मॉनसून की दस्तक की वजह से लगातार हो रही बारिश कई इलाकों के लिए खतरे की घंटी है. गंडक नदी (Gandak River) समेत पहाड़ी नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. वहीं इसे लेकर वाल्मीकिनगर गंडक बराज से गंडक नदी में 108900.00 (एक लाख आठ हजार नौ सौ) क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. तराई क्षेत्रों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है. वहीं इसके बाद गंडक का डिस्चार्च लेवल 1 लाख के पार हो गया है. इसे लेकर आसपास के इलाकों में अलर्ट जारी कर दिया गया है.

गण्डक बराज से छोड़ा गया 2 लाख क्यूसेक से ऊपर पानी

लगभग सभी जिलों में बारिश का अलर्ट
इधर, बिहार में मॉनसून (Monsoon In Bihar) के कारण सूबे के अधिकांश हिस्सों में बारिश हो रही है. मौसम विज्ञान केंद्र (Meteorological Department) पटना ने बिहार के कई जिलों के लिए तात्कालिक अलर्ट जारी किया है.

मौसम वैज्ञानिकों ने राज्य के अधिकांश हिस्सों में गरज के साथ तेज बारिश होने की संभावना जताई है. पटना, गया, जहानाबाद, अरवल, भोजपुर, सीवान, सारण, गोपालगंज, वैशाली, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, नालंदा, नवादा के लिए तात्कालिक अलर्ट जारी किया है.

बगहा: बिहार में मॉनसून (Monsoon) की पहली बरसात में ही बाढ़ (Flood) जैसी भयावह स्थिति देखने को मिल रही है. 2017 में राज्य में भयानक बाढ़ आई थी. इस बार भी नेपाल (Nepal) के साथ-साथ उत्तर बिहार में लगातार बारिश के कारण नदियों के जलस्तर में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है.

वाल्मिकी नगर गंडक बराज (Valmiki Nagar Gandak Barrage) से छोड़े गए 2 लाख 10 हजार क्यूसेक पानी के बाद कई जगहों पर बांध टूट गया है और कई इलाकों में बाढ़ का पानी फैल गया है.

ये भी पढ़ें- बेतिया में कटहा नदी पर बने पुल का एप्रोच पथ ध्वस्त, कई इलाकों में बाढ़ जैसे हालात

कई गांव हुए जलमग्न
बरसात ने अपना ऐसा रंग दिखाया है कि कई गांव और शहर के मुहल्लों में जलजमाव की स्थिति उत्पन्न हो गयी है. बगहा में पुलिस बैरक (Police Barracks, Bagaha) में बरसात का पानी घुस गया है. वाल्मीकि टाइगर रिज़र्व (Valmiki Tiger Reserve)के बीचों-बीच बसे गोनौली और नौरंगिया दरदरी गांव में पहाड़ी नदी का पानी घुस गया है. लिहाजा ग्रामीण परेशान हैं. कई घरों में पानी भर जाने से खाने पर भी आफत है.

ये भी पढ़ें- दरभंगा न्यूज: जल संसाधन मंत्री ने बांधों का किया निरीक्षण, बाढ़ पूर्व निर्माण कार्य कराने के दिए आदेश

'गोनौली गांव में दशकों बाद इस तरह की नौबत आई है. पिछले बाढ़ के समय ही पहाड़ी नदी का बांध टूटा था. इसके मरम्मती के लिए जलसंसाधन विभाग को सूचना दी लेकिन विभाग के अधिकारी वाल्मीकिनगर और जिला मुख्यायल बेतिया पर अपनी जिम्मेवारी थोपते रहे. जिसका नतीजा यह हुआ है कि ग्रामीणों के घर में बाढ़ का पानी बह रहा है'.- मोतीलाल साह, जिला पार्षद

पहाड़ी नदियों का बढ़ रहा जलस्तर
लगातार हो रही बारिश के कारण अधिकांश नदियों का जलस्तर बढ़ने लगा है. नदियों ने रौद्र रूप धारण कर लिया है. कई इलाकों में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं. ग्रामीणों को डर सता रहा है कि अभी मानसून की पहली बारिश ही हुई है. जबकि अभी पूरा मॉनसून बाकी है. हालात ऐसे ही रहे तो कटाव और बाढ़ के खतरों के बीच जिंदगी कैसे चलेगी?

BAGAHA
पुलिस बैरक भी पानी-पानी

तेजी से बढ़ रहा मॉनसून
इधर, बंगाल की खाड़ी (Bay of Bengal) में सक्रिय चक्रवाती हवा और निम्न हवा के दबाव के क्षेत्र के साथ नमी की वजह से काफी तेजी से मानसून (Monsoon) आगे बढ़ रहा है.

बिहार के साथ नेपाल के तराई क्षेत्रों में लगातार हो रही बारिश के कारण नदियों का जलस्तर बढ़ने लगा है. गंडक नदी (Gandak River) के जलस्तर में भारी वृद्धि हुई है. इससे तराई क्षेत्रों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है.

ये भी पढ़ें- दरभंगा: DM ने बागमती के तटबंध का किया निरीक्षण, बाढ़ पूर्व तैयारियों को लेकर दिए कई निर्देश

गण्डक बराज से छोड़ा गया 2 लाख क्यूसेक से अधिक पानी
इधर, नेपाल के तराई क्षेत्रों में हो रहे भारी बारिश की वजह से भी प्रशासन अलर्ट पर है. बता दें कि गण्डक बराज द्वारा गण्डक नदी में दोपहर तक 2 लाख 10 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया जो कि इस साल के पहली बरसात में सर्वाधिक है.

यदि मौसम का मिजाज ऐसे ही बना रहा तो गण्डक नदी के जलस्तर में और वृद्धि देखने को मिलेगी और निचले इलाकों में एक मर्तबा फिर बाढ़ आने का अंदेशा है. नतीजतन प्रशासन ने निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने का आदेश भी दिया है.

दरअसल, बिहार में बाढ़ की स्थिति लगातार भयावह होती जा रही है. 2017 में राज्य में भयानक बाढ़ आई थी. इस बार भी नेपाल के साथ-साथ उत्तर बिहार में लगातार बारिश के कारण नदियों के जलस्तर में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है. वाल्मिकी नगर गंडक बराज (Valmiki Nagar Gandak Barrage) से छोड़े गए 4 लाख 36 हजार क्यूसेक पानी के बाद कई जगहों पर बांध टूट गया है और कई इलाकों में बाढ़ का पानी फैल गया है.

ये भी पढ़ें- Muzaffarpur News: मानसून के साथ ही बागमती का कटाव शुरू, विधायक ने सरकार को कोसा

गंडक का डिस्चार्ज लेवल 1 लाख के पार
मॉनसून की दस्तक की वजह से लगातार हो रही बारिश कई इलाकों के लिए खतरे की घंटी है. गंडक नदी (Gandak River) समेत पहाड़ी नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. वहीं इसे लेकर वाल्मीकिनगर गंडक बराज से गंडक नदी में 108900.00 (एक लाख आठ हजार नौ सौ) क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. तराई क्षेत्रों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है. वहीं इसके बाद गंडक का डिस्चार्च लेवल 1 लाख के पार हो गया है. इसे लेकर आसपास के इलाकों में अलर्ट जारी कर दिया गया है.

गण्डक बराज से छोड़ा गया 2 लाख क्यूसेक से ऊपर पानी

लगभग सभी जिलों में बारिश का अलर्ट
इधर, बिहार में मॉनसून (Monsoon In Bihar) के कारण सूबे के अधिकांश हिस्सों में बारिश हो रही है. मौसम विज्ञान केंद्र (Meteorological Department) पटना ने बिहार के कई जिलों के लिए तात्कालिक अलर्ट जारी किया है.

मौसम वैज्ञानिकों ने राज्य के अधिकांश हिस्सों में गरज के साथ तेज बारिश होने की संभावना जताई है. पटना, गया, जहानाबाद, अरवल, भोजपुर, सीवान, सारण, गोपालगंज, वैशाली, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, नालंदा, नवादा के लिए तात्कालिक अलर्ट जारी किया है.

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