पश्चिम चंपारण: बिहार के पश्चिम चंपारण के मजदूरों को बंधक (Labour of West Champaran Taken Hostage in Karnatak) बनाने का मामला सामने आया है. इंडो-नेपाल सीमा (Indo Nepal Border) के तराई क्षेत्र से दलालों द्वारा कर्नाटक भेजे गए एक दर्जन से अधिक मजदूरों को बंधक बनाए जाने का मामला उजागर हुआ है. जिनको एक समाजसेवी संगठन ने कर्नाटक पुलिस को सूचना देकर बंदी बनाए गए सभी 14 मजदूरों को मुक्त करा लिया है. बंदी बनाए गए मजदूरों की सकुशल घर वापसी हो गई है. जिला के सीमाई क्षेत्र से होली के पहले कर्नाटक गए मजदूरों को बंदी बना लिया गया था.
ये भी पढ़ें- 'ईरान में बंधक बने हैं बिहार के मजदूर, विदेश मंत्रालय से बात करेंगे डिप्टी CM'
कर्नाटक गए मजदूरों को बंदी बनाया गया: मिली जानकारी के अनुसार, जिला के एक आईएएस अधिकारी और बापू धाम ट्रस्ट के निदेशक एपी पाठक के सहयोग से कर्नाटक में बंदी बनाए गए मजदूरों को मुक्त कराया गया है. बताया जा रहा है कि पश्चिम चंपारण जिला के चम्पापुर गोनौली के नंदी भौजी निवासी दलाल सुरेंद्र यादव ने इन 14 मजदूरों का 7 लाख 60 हजार में सौदा कर कर्नाटक से फरार हो गया था. जिसके बाद सरकार के सहयोग से प्रशासन की निगरानी में आज इन सभी मजदूरों को सकुशकल कर्नाटक से बिहार लाया गया.
दलाल ने मजदूरों को फंसाया: दरअसल इंडो-नेपाल सीमा अंतर्गत चम्पापुर, गोनौली और मिश्रौली समेत अन्य इलाकों से दर्जनों मजदूरों को मजदूरी के लिए छठ के बाद कर्नाटक ले जाया गया था. जहां वे दिन-रात मजदूरी करते थे, लेकिन जब होली में मजदूरों ने मजदूरी मांगना शुरू किया तो मालिक ने बताया कि जिस ठेकेदार के द्वारा उनको मजदूरी के लिए भेजा गया था. उस ठेकेदार ने पहले ही 7 लाख 60 हजार रुपया भुगतान ले लिया है. ऐसे में जब मजदूर घर जाने की बात करने लगे तो इन्हें बंधक बना लिया गया.
पैसे मांगने पर मजदूरों को बनाया बंधक: बंधक बनाए जाने की सूचना मजदूरों ने अपने परिजनों को दी. जिसके बाद घरवालों ने वाल्मीकिनगर थाना पुलिस से शिकायत की. लेकिन जब थाना पुलिस ने उनके इस बात को गम्भीरता से नही लिया तो ग्रामीणों ने रिटायर्ड अधिकारी और सामाजिक कार्यकर्ता एपी पाठक को इसकी सूचना दी. उन्होंने कर्नाटक पुलिस को संपर्क कर सारी जानकारी दिया. जिसके बाद कर्नाटक पुलिस ने मजदूरों को मुक्त कराकर, खुद से भाड़ा खर्चा देकर इन्हें घर भेजा है. फिलहाल ये मजदूर RPF और बगहा पुलिस की निगरानी में अपने परिजनों के साथ हैं.
सामाजिक कार्यकर्ता से मजदूरों को छुड़ाया: जानकारी के मुताबिक चम्पापुर निवासी सुरेंद्र यादव नामक ठेकेदार ने इन मजदूरों को वहां भेजा था जो इन मजदूरों का सौदा कर, वहां से फरार हो गया था. बंधक से मुक्त इन मजदूरों का कहना है कि उन्हें तकरीबन 5 माह की मजदूरी नहीं दी गई है जबकि दिन-रात इनसे जबरन काम लिया गया था. इसकी पुष्टि करते हुए RPF के एसआई गोविंद सिंह ने बगहा में मामले का खुलासा किया. कर्नाटक में बंधक बने 14 मजदूरों को अपनों का साथ मिलने से शकुन मिला है तो वहीं पुलिस प्रशासन को भी राहत मिली है. लेकिन ये पीड़ित मजदूर अब एसपी किरण गोरख जाधव से दलाली करने वाले सुरेंद्र यादव पर केस दर्ज कर उसकी गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं. ताकि उन्हें बकाया मजदूरी के साथ इंसाफ मिल सके.
ये भी पढ़ें- सिकंदराबाद भीषण अग्निकांडः बोले मृत सत्येंद्र के भाई- होली में घर आते तो बच जाती जान
नोट: इस तरह की किसी भी शिकायत के लिए आप इस नंबर्स पर संपर्क कर सकते हैं.- POLICE CONTROL ROOM 100 / 0612-2201977-78
ऐसी ही विश्वसनीय खबरों को देखने के लिए डाउनलोड करें ETV BHARAT APP