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प्राकृतिक विपदा ने तोड़ी किसानों की कमर, बारिश और ओलावृष्टि से आम की फसल नष्ट - ओलावृष्टि

बेतिया में बेमौसम बारिश के कारण आम के बगीचे पूरी तरह से नष्ट हो गया है. आम के पेड़ पर टिकोले भी नहीं बचे हैं.

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Published : May 12, 2020, 8:24 PM IST

Updated : May 12, 2020, 11:18 PM IST

बेतिया: एक तरफ कोरोना संक्रमण ने लोगगों की मुसीबत बढ़ा रखी है. वहीं, दूसरी तरफ प्राकृतिक विपदा ने किसानों की कमर तोड़ दी है. बेमौसम बारिश के कारण बेतिया में आम के बगीजों को काफी नुकसान पहुंचाया है. किसान और व्यपारी दोनों परेशान हैं. पिछले डेढ़ महीनों में कुछ दिनों के अंतराल पर तेज आंधी और ओलावृष्टि के साथ हो रही बारिश के कारण पेड़ों में लगे आम के टिकोले झड़ चुके हैं. जिससे किसान परेशान हैं.

किसानों की परेशानी के साथ-साथ ठेकेदार भी आफत आ पड़ी है. आम के बगीचे ठेके पर लेने वाले ठेकेदार परेशान हैं. ठेकेदार रामबाबू यादव कहना है कि इस बार कोई फायदा नहीं होने वाला. तेज आंधी और ओलावृष्टि ने पेड़ में लगे सारे आम के फल को गिरा दिया है. जिससे आम के पेड़ में सिर्फ टहनी ही बची है. उन्होंने कहा कि आम का पता ही नहीं है. ऐसे में एक तो लॉकडाउन की मार सहनी पड़ रही है. वहीं, अब दूसरी तरफ यह प्राकृतिक विपदा भी जीने नहीं दे रही है.

देखें रिपोर्ट

बेमौसम बारिश से किसान परेशान
बता दें कि वैश्विक महामारी कोरोना को लेकर 17 मई तक पूरे देश में लॉकडाउन है. ऐसे में हरेक तबके के लोग परेशान हैं. ऊपर से यह प्राकृतिक विपदा जो पिछले डेढ़ महीनों से किसानों पर आफत लेकर आ रही है. बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से सभी फल नष्ट हो गए हैं.

बेतिया: एक तरफ कोरोना संक्रमण ने लोगगों की मुसीबत बढ़ा रखी है. वहीं, दूसरी तरफ प्राकृतिक विपदा ने किसानों की कमर तोड़ दी है. बेमौसम बारिश के कारण बेतिया में आम के बगीजों को काफी नुकसान पहुंचाया है. किसान और व्यपारी दोनों परेशान हैं. पिछले डेढ़ महीनों में कुछ दिनों के अंतराल पर तेज आंधी और ओलावृष्टि के साथ हो रही बारिश के कारण पेड़ों में लगे आम के टिकोले झड़ चुके हैं. जिससे किसान परेशान हैं.

किसानों की परेशानी के साथ-साथ ठेकेदार भी आफत आ पड़ी है. आम के बगीचे ठेके पर लेने वाले ठेकेदार परेशान हैं. ठेकेदार रामबाबू यादव कहना है कि इस बार कोई फायदा नहीं होने वाला. तेज आंधी और ओलावृष्टि ने पेड़ में लगे सारे आम के फल को गिरा दिया है. जिससे आम के पेड़ में सिर्फ टहनी ही बची है. उन्होंने कहा कि आम का पता ही नहीं है. ऐसे में एक तो लॉकडाउन की मार सहनी पड़ रही है. वहीं, अब दूसरी तरफ यह प्राकृतिक विपदा भी जीने नहीं दे रही है.

देखें रिपोर्ट

बेमौसम बारिश से किसान परेशान
बता दें कि वैश्विक महामारी कोरोना को लेकर 17 मई तक पूरे देश में लॉकडाउन है. ऐसे में हरेक तबके के लोग परेशान हैं. ऊपर से यह प्राकृतिक विपदा जो पिछले डेढ़ महीनों से किसानों पर आफत लेकर आ रही है. बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से सभी फल नष्ट हो गए हैं.

Last Updated : May 12, 2020, 11:18 PM IST
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