बेतिया: बिहार से यूपी को जोड़ने वाली मदनपुर-पनियहवा सड़क पर संवेदक की लापरवाही से ग्रहण लग गया है. इस सड़क के निर्माण के लिए वन विभाग ने 2 सालों के लिए एनओसी दिया था. लेकिन संवेदक ने 2 सालों में अपना काम पूरा नहीं किया. जिस कारण वन विभाग ने इस काम को बीच में ही बंद करने का आदेश दे दिया है. ऐसे में संवेदक की उदासीनता के कारण बरसात के दिनों में यूपी- बिहार के बीच आवागमन और वाहनों का परिचालन पूरी तरह ठप हो जाएगा.
सालों से जर्जर हालत में है सड़क
बता दें कि वाल्मीकि टाइगर रिजर्व जंगल से होकर गुजरने वाली एनएच-727 मदनपुर- पनियहवा सड़क बिहार-यूपी को जोड़ती है. कई सालों से जर्जर सड़क को लेकर कई बार टेंडर हुए. लेकिन उसे कैंसिल कर दिया गया. जिस वजह से इस सड़क की स्थिति जर्जर हो गई है. बरसात के मौसम में यूपी से बिहार जाने वाले लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. यहां तक कि बरसात के मौसम में यातायात पूरी तरह से बाधित हो जाता है और वाहनों का परिचालन ठप कर दिया जाता है.
समय सीमा खत्म होने पर निर्माण कार्य हुआ बंद
वहीं, लोगों की परेशानियों को देखते हुए वन विभाग ने पथ निर्माण विभाग और संवेदक को सड़क निर्माण के लिए 2 सालों के लिए एनओसी दिया था. ताकि 2 साल में सड़क का निर्माण कार्य पूरा हो जाए. लेकिन संवेदक की उदासीनता के कारण यह काम 2 साल में पूरा नहीं हो सका. जिसके बाद वन विभाग ने समय सीमा खत्म होने का हवाला देते हुए काम को बंद करने का आदेश दे दिया. वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के वन संरक्षक सह क्षेत्र निदेशक हेमकांत राय ने कहा मदनपुर- पनियहवा के बीच सड़क बनाने के लिए 2 सालों का समय दिया गया था.
बरसात के दिनों में आवागमन में होती है परेशानी
हेमकांत राय ने कहा सड़का बनाने का निर्धारित समय अप्रैल में ही खत्म हो चुका है. जिस वजह से बीच में ही काम को बंद करने का आदेश दिया गया. ऐसे में अगर संवेदक चाहे तो दुबारा एनओसी के लिए आवेदन दे सकता है. जिस पर वन विभाग विचार कर सकती है. वहीं, मानसून आने वाला है. ऐसे में बरसात के मौसम में मदनपुर पनियहवा सड़क पूरी तरह गड्ढे में तब्दील हो जाती है. जिस कारण वाहनों के आवागमन में काफी परेशानी होती हैं.