बेतिया: शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए केंद्र सरकार और राज्य सरकार के द्वारा कई कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं. एक तरफ सरकार विद्यालयों को हाईटेक कर स्मार्ट क्लास संचालित करने की बात कर रही है. वहीं, जिले के बगहा प्रखंड 2 के इंडो नेपाल सीमा पर स्थित राजकीय प्राथमिक उर्दू विद्यालय भरियानी, वाल्मीकिनगर में संसाधनों की भारी कमी है.
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स्कूल में संसाधनों का अभाव
राजकीय प्राथमिक उर्दू विद्यालय में संसाधनों का अभाव, सरकार के बेहतर शिक्षा व्यवस्था के दावों की पोल खोल रहा है. इस विद्यालय में न तो जरूरत के मुताबिक कमरे हैं, ना ही शिक्षक. यहां तक कि मिड डे मील भी खुले आसमान के नीचे बनता है. इस विद्यालय की सबसे बड़ी विडंबना यह है कि उर्दू विद्यालय के नाम से मशहूर होते हुए भी इसमें उर्दू का शिक्षक नहीं हैं.
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बच्चों को पढ़ने में होती है परेशानी
इस उर्दू विद्यालय में पांचवी क्लास तक वर्ग संचालित हो रहा है. वहीं, इन पढ़ने वाले बच्चों को पढ़ाने के लिए सिर्फ तीन शिक्षक ही हैं. एक ही कमरे में तीसरी , चौथी और पांचवी कक्षा की पढ़ाई होती है. छात्र-छात्राओं का कहना है कि एक ही कमरे में तीन क्लास संचालित होती है. जिस वजह से बच्चों को पढ़ाई करने में परेशानी होती है. एक ही शिक्षक बारी-बारी से तीनों क्लास को पढ़ाते हैं.
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क्लास रूम बना रहता है स्टोर
इतना ही नहीं इस विद्यालय में मिड डे मील बनाने के लिए भी कमरा नहीं है. जिस कारण से क्लास रूम ही स्टोर बना रहता है. दोनों कमरों में मध्याह्न भोजन की सामग्रियों के साथ गैस सिलेंडर भी रखे जाते हैं. जो कभी भी किसी अनहोनी को दावत देते रहते हैं.
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स्कूल में है जगह का अभाव
विद्यालय की शिक्षिका नीतू कुमारी ने बताया कि संसाधनों और जगह के अभाव के कारण मध्याह्न भोजन खुले आसमान में बनाया जाता है. जब कभी बारिश होती है तो विद्यालय के गलियारे में ही भोजन पकाना पड़ता है. वहीं, स्कूल में दो कमरे होने के कारण बच्चों को पढ़ने में भी काफी परेशानी होती है.
स्कूल में शिक्षा व्यवस्था है बेपटरी
गौरतलब है कि इस विद्यालय को हाल ही में रेलगाड़ी की शक्ल दे काफी खूबसूरत बनाया गया है. ट्रेन के रंग रूप वाले इस विद्यालय को शिक्षा एक्सप्रेस नाम दिया गया है. लेकिन सरकार की शिक्षा एक्सप्रेस इस विद्यालय में बेपटरी होती दिख रही.
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