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बेतिया: पांच कमरों में हो रही 651 बच्चों की पढ़ाई, बरामदे में बैठते हैं छात्र - स्कूल संसाधन की कमी

बेतिया में पांच कमरों में 651 बच्चों की पढ़ाई हो रही है. सरकारी मानक के अनुसार, 40 बच्चों पर एक शिक्षक रखना है. लेकिन यहां 108 बच्चों पर एक शिक्षक की नियुक्ति हुई है.

children sit down in bettiah
children sit down in bettiah
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Published : Mar 4, 2021, 2:25 PM IST

बेतिया (वाल्मीकिनगर): पिपरासी प्रखंड स्थित विद्यालयों में संसाधनों की कमी के कारण बच्चों को शिक्षा ठीक से नहीं मिल पा रही है. वहीं सीमावर्ती क्षेत्र में पढ़ने पर नौकरी में भी समस्या हो रही है. पिपरासी प्रखंड स्थित राजकीय उत्क्रमित मध्य विद्यालय भरपटीया चनकुहवा में संसाधनों की कमी के कारण पढ़ाई समुचित रूप से नहीं हो पा रही है. वहीं कोरोना गाइड लाइन का भी पालन नहीं किया जा रहा है.

ये भी पढ़ें: सरकारी स्कूलों में गंदा पानी पीने को मजबूर नौनिहाल, अब तो जागो सरका

बरामदे में बैठते हैं बच्चे
विद्यालय में नामांकित बच्चों की संख्या 651 है. इन बच्चों के बैठने के लिए मात्र पांच कमरे हैं. इस कारण बच्चे कमरों के हिसाब से बैठ नहीं पाते हैं. इस कारण मजबूरन शिक्षकों को बच्चों को बरामदे या कमरे में ही नीचे बैठाना पड़ता है. वहीं सरकारी मानक के अनुसार 40 बच्चों पर एक शिक्षक रखना है. लेकिन यहां 108 बच्चों पर एक शिक्षक की नियुक्ति हुई है.

children sit down in bettiah
कोरोना गाइडलाइन का नहीं हो रहा पालन

डेस्क और बेंच की कमी
प्रधान शिक्षक मोतीलाल लोनिया ने बताया कि विद्यालय में कुल आठ शिक्षकों की नियुक्ति की गई है. लेकिन एक शिक्षक को बीआरसी और एक शिक्षक को उच्च विद्यालय सुगौली में प्रतिनियुक्त कर दिया गया है. इस कारण कठिनाई हो रही है. विद्यालय में कमरों की कमी के कारण डेस्क और बेंच की भी कमी है. वहीं बच्चों की संख्या उपलब्ध संसाधनों से दुगुनी है. इस कारण बच्चे बैठ नहीं पाते हैं और एक डेस्क पर जहां कोरोना काल से पूर्व तीन बच्चे बैठते थे, वहीं आज कोरोना गाइडलाइन के बावजूद चार से पांच बच्चे बैठ रहे हैं.

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विद्यालय में आठ शिक्षकों की नियुक्ति

मास्क देने का प्रावधान
उसके बाद भी जगह नहीं होने के कारण मजबूरन बच्चे दोनों डेस्क के बीच की जगह में जमीन पर बैठ रहे हैं. उसके बाद भी संख्या अधिक होने पर बच्चों को बाहर बैठाया जा रहा है. एक मार्च से सरकार के निर्देशानुसार बच्चों को दो-दो मास्क देने का प्रावधान रखा गया है. लेकिन अभी तक न तो विभाग के तरफ से मास्क ही उपलब्ध कराए गए हैं और न ही विद्यालयों का सेनेटाइजेशन ही कराया गया है.

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बरामदे में बैठते हैं बच्चे

ये भी पढ़ें: संसाधनों की कमी से जूझ रहा है पटना नगर निगम, केमिकल के अभाव में नहीं हो रही फॉगिंग

प्रधान शिक्षक ने बताया कि चहारदीवारी नहीं होने के कारण विद्यालय की जमीन का अतिक्रमण किया जा रहा है. इसके लिए कई बार पत्रचार किया गया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई.

बेतिया (वाल्मीकिनगर): पिपरासी प्रखंड स्थित विद्यालयों में संसाधनों की कमी के कारण बच्चों को शिक्षा ठीक से नहीं मिल पा रही है. वहीं सीमावर्ती क्षेत्र में पढ़ने पर नौकरी में भी समस्या हो रही है. पिपरासी प्रखंड स्थित राजकीय उत्क्रमित मध्य विद्यालय भरपटीया चनकुहवा में संसाधनों की कमी के कारण पढ़ाई समुचित रूप से नहीं हो पा रही है. वहीं कोरोना गाइड लाइन का भी पालन नहीं किया जा रहा है.

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बरामदे में बैठते हैं बच्चे
विद्यालय में नामांकित बच्चों की संख्या 651 है. इन बच्चों के बैठने के लिए मात्र पांच कमरे हैं. इस कारण बच्चे कमरों के हिसाब से बैठ नहीं पाते हैं. इस कारण मजबूरन शिक्षकों को बच्चों को बरामदे या कमरे में ही नीचे बैठाना पड़ता है. वहीं सरकारी मानक के अनुसार 40 बच्चों पर एक शिक्षक रखना है. लेकिन यहां 108 बच्चों पर एक शिक्षक की नियुक्ति हुई है.

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कोरोना गाइडलाइन का नहीं हो रहा पालन

डेस्क और बेंच की कमी
प्रधान शिक्षक मोतीलाल लोनिया ने बताया कि विद्यालय में कुल आठ शिक्षकों की नियुक्ति की गई है. लेकिन एक शिक्षक को बीआरसी और एक शिक्षक को उच्च विद्यालय सुगौली में प्रतिनियुक्त कर दिया गया है. इस कारण कठिनाई हो रही है. विद्यालय में कमरों की कमी के कारण डेस्क और बेंच की भी कमी है. वहीं बच्चों की संख्या उपलब्ध संसाधनों से दुगुनी है. इस कारण बच्चे बैठ नहीं पाते हैं और एक डेस्क पर जहां कोरोना काल से पूर्व तीन बच्चे बैठते थे, वहीं आज कोरोना गाइडलाइन के बावजूद चार से पांच बच्चे बैठ रहे हैं.

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विद्यालय में आठ शिक्षकों की नियुक्ति

मास्क देने का प्रावधान
उसके बाद भी जगह नहीं होने के कारण मजबूरन बच्चे दोनों डेस्क के बीच की जगह में जमीन पर बैठ रहे हैं. उसके बाद भी संख्या अधिक होने पर बच्चों को बाहर बैठाया जा रहा है. एक मार्च से सरकार के निर्देशानुसार बच्चों को दो-दो मास्क देने का प्रावधान रखा गया है. लेकिन अभी तक न तो विभाग के तरफ से मास्क ही उपलब्ध कराए गए हैं और न ही विद्यालयों का सेनेटाइजेशन ही कराया गया है.

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बरामदे में बैठते हैं बच्चे

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प्रधान शिक्षक ने बताया कि चहारदीवारी नहीं होने के कारण विद्यालय की जमीन का अतिक्रमण किया जा रहा है. इसके लिए कई बार पत्रचार किया गया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई.

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