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SSB को चकमा देकर नेपाल के रास्ते भारत में घुसे 40 प्रवासी मजदूर

बहगा के इंडो-नेपाल सीमा पर भारी सुरक्षा को धत्ता बताकर नेपाल के रास्ते 40 प्रवासी मजदूर भारत मेें प्रवेश कर गए हैं. हालांकि स्थानीय मुखिया की मदद से सभी को क्वारंटीन कर दिया गया है.

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Published : Apr 29, 2020, 8:48 AM IST

बगहा: राज्य के सभी इंडो-नेपाल सीमाओं पर विशेष चौकसी बरतने का दावा किया जा रहा है. लेकिन विगत तीन दिनों में तकरीबन 40 प्रवासी मजदूरों का समूह एसएसबी और सरकारी दावे को झुठलाते हुए नेपाल से भारतीय सीमा में प्रवेश किया और बिना रोक-टोक अपने गांव पहुंच गए. हालांकि मुखिया ने इन सभी मजदूरों को गांव के बाहर स्कूल में क्वारंटाइन कर प्रशासन को सूचित किया है. ताकि सभी की स्क्रीनिंग हो सके.

कोरोना संक्रमण को लेकर राज्य अंतर्गत सभी इंडो-नेपाल सीमाएं पूरी तरह सील हैं. यह दावा किया जा रहा कि किसी भी सीमाई क्षेत्र से कोई परिंदा भी भारतीय इलाके में पर नहीं मार सकता. बावजूद इसके एसएसबी के सुरक्षा चक्र को धत्ता बताते हुए नेपाल में मजदूरी करने गए तकरीबन 40 मजदूर तीन दिनों के अंतराल में भारतीय सीमा में प्रवेश कर गए और अपने घर तक पहुंच गए. ये सभी मजदूर नेपाल के कटेया धुरवाना गांव से पैदल इंडो-नेपाल सीमा के वाल्मीकिनगर अंतर्गत भेड़िहारी थारुटोला पंहुंचे.

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क्वारंटीन किए गए लोग

हाइ अलर्ट के बीच मजदूरों ने किया प्रवेश
इस पूरे प्रकरण में सबसे आश्चर्य की बात यह है कि ये सभी मजदूर उस इंडो-नेपाल सीमा से भारत मे आए हैं. जो काफी संवेदनशील सीमा माना जाता है. दरअसल अप्रैल महीने में ही एसएसबी 47 वीं बटालियन ने एक खुफिया रिपोर्ट के जरिये खुलासा किया था कि इसी सीमा क्षेत्र के रास्ते एक समुदाय विशेष के व्यक्ति की ओर से सैकड़ों कोरोना संक्रमित व्यक्तियों को भारत में प्रवेश दिलाकर कोरोना फैलाया जा सकता है. इस खुफिया रिपोर्ट के बाद देश में हड़कंप मच गया और सभी सीमाओं पर विशेष चौकसी बढ़ा दी गई थी. लेकिन इतनी सुरक्षा के बाद भी सीमा से मजदूर भारत में प्रवेश कर जाना सुरक्षा में एक बड़ी चूक मानी जा रही है.

गेहूं काटने नेपाल गए थे मजदूर
क्वारंटीन सेंटर में रखे गए नेपाल से आए मजदूरों ने बताया कि वे नेपाल में गेहूं काटने गए थे. जब गेहूं की फसल कट गई तो वहां के ग्रामीण अपने गांव और गांव के बाहर निकलने नहीं दे रहे थे. ऐसे में जब रहने खाने का संकट गहराने लगा तो घर लौटना उनकी मजबूरी हो गई और फिर उन्होंने पैदल ही इनरवा बॉर्डर पार कर नहर के रास्ते अपने गांव पहुंच गए.

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आने-जाने का रास्ता बंद

मुखिया ने किया क्वारंटीन
इन मजदूरों के आने की भनक जैसे ही वहां के मुखिया को लगी. उन्होंने तत्काल सभी को गांव के बाहर राजकीय मध्य विद्यालय भेड़िहारी थारुटोला में क्वारंटीन कर दिया और प्रशासन को इसकी सूचना दी. ताकि इन सभी की स्क्रीनिंग कर उनके घर भेजा जा सके. मुखिया ने बताया कि ये सभी मजदूर नेपाल से 24 अप्रैल के बाद से आए हैं और इनके लिए मास्क और साबुन सहित खाने-पीने का मुक्कमल इंतजाम किया गया है.

बगहा: राज्य के सभी इंडो-नेपाल सीमाओं पर विशेष चौकसी बरतने का दावा किया जा रहा है. लेकिन विगत तीन दिनों में तकरीबन 40 प्रवासी मजदूरों का समूह एसएसबी और सरकारी दावे को झुठलाते हुए नेपाल से भारतीय सीमा में प्रवेश किया और बिना रोक-टोक अपने गांव पहुंच गए. हालांकि मुखिया ने इन सभी मजदूरों को गांव के बाहर स्कूल में क्वारंटाइन कर प्रशासन को सूचित किया है. ताकि सभी की स्क्रीनिंग हो सके.

कोरोना संक्रमण को लेकर राज्य अंतर्गत सभी इंडो-नेपाल सीमाएं पूरी तरह सील हैं. यह दावा किया जा रहा कि किसी भी सीमाई क्षेत्र से कोई परिंदा भी भारतीय इलाके में पर नहीं मार सकता. बावजूद इसके एसएसबी के सुरक्षा चक्र को धत्ता बताते हुए नेपाल में मजदूरी करने गए तकरीबन 40 मजदूर तीन दिनों के अंतराल में भारतीय सीमा में प्रवेश कर गए और अपने घर तक पहुंच गए. ये सभी मजदूर नेपाल के कटेया धुरवाना गांव से पैदल इंडो-नेपाल सीमा के वाल्मीकिनगर अंतर्गत भेड़िहारी थारुटोला पंहुंचे.

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क्वारंटीन किए गए लोग

हाइ अलर्ट के बीच मजदूरों ने किया प्रवेश
इस पूरे प्रकरण में सबसे आश्चर्य की बात यह है कि ये सभी मजदूर उस इंडो-नेपाल सीमा से भारत मे आए हैं. जो काफी संवेदनशील सीमा माना जाता है. दरअसल अप्रैल महीने में ही एसएसबी 47 वीं बटालियन ने एक खुफिया रिपोर्ट के जरिये खुलासा किया था कि इसी सीमा क्षेत्र के रास्ते एक समुदाय विशेष के व्यक्ति की ओर से सैकड़ों कोरोना संक्रमित व्यक्तियों को भारत में प्रवेश दिलाकर कोरोना फैलाया जा सकता है. इस खुफिया रिपोर्ट के बाद देश में हड़कंप मच गया और सभी सीमाओं पर विशेष चौकसी बढ़ा दी गई थी. लेकिन इतनी सुरक्षा के बाद भी सीमा से मजदूर भारत में प्रवेश कर जाना सुरक्षा में एक बड़ी चूक मानी जा रही है.

गेहूं काटने नेपाल गए थे मजदूर
क्वारंटीन सेंटर में रखे गए नेपाल से आए मजदूरों ने बताया कि वे नेपाल में गेहूं काटने गए थे. जब गेहूं की फसल कट गई तो वहां के ग्रामीण अपने गांव और गांव के बाहर निकलने नहीं दे रहे थे. ऐसे में जब रहने खाने का संकट गहराने लगा तो घर लौटना उनकी मजबूरी हो गई और फिर उन्होंने पैदल ही इनरवा बॉर्डर पार कर नहर के रास्ते अपने गांव पहुंच गए.

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आने-जाने का रास्ता बंद

मुखिया ने किया क्वारंटीन
इन मजदूरों के आने की भनक जैसे ही वहां के मुखिया को लगी. उन्होंने तत्काल सभी को गांव के बाहर राजकीय मध्य विद्यालय भेड़िहारी थारुटोला में क्वारंटीन कर दिया और प्रशासन को इसकी सूचना दी. ताकि इन सभी की स्क्रीनिंग कर उनके घर भेजा जा सके. मुखिया ने बताया कि ये सभी मजदूर नेपाल से 24 अप्रैल के बाद से आए हैं और इनके लिए मास्क और साबुन सहित खाने-पीने का मुक्कमल इंतजाम किया गया है.

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