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वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में जंगल सफारी सेवा की हुई शुरुआत, बढ़ी पर्यटकों की तादाद

इस पर्यटन स्थल में पर्यटकों को प्राकृतिक आंनद के साथ-साथ धार्मिक स्थल और जंगली जीवों के दीदार करने की हसरत पूरी हो जाती है. यहीं वजह है कि देश-विदेश से लोग यहां प्रकृति के मनोरम दृश्य का रोमांच लेने पहुंचते हैं.

वाल्मीकि टाइगर रिजर्व
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Published : Oct 22, 2019, 1:36 PM IST

पश्चिम चंपारण: जिले के वाल्मीकि टाइगर रिजर्व पर्यटन स्थल में 4 महीने की बरसात के बाद जंगल सफारी सेवा शुरू कर दी गई है. जिसके लिए भारी संख्या में पर्यटकों की भीड़ जुट रही है. इस बार यह पर्यटन स्थल पहले की अपेक्षा में काफी नए अंदाज में दिखेगा. लेकिन दूर-दराज से आए पर्यटकों का कहना है कि इस पर्यटन स्थल में इंफ्रास्ट्रक्चर का घोर अभाव दिखता है.

पर्यटकों के लिए बेहतर इंतजाम
वाल्मीकि व्याघ्र परियोजना में जंगल सफारी सेवा की शुरुआत हो गई है. यह पर्यटन स्थल पहले की अपेक्षा बिल्कुल नए अंदाज में दिखेगा. क्योंकि इस बार पर्यटकों के लिए पहले से बेहतर इंतजाम किये गए हैं. खासकर नवनिर्मित इको पार्क, टेंट कैम्प और राफ्टिंग सेवा की शुरुआत पर्यटकों को आकर्षित कर सकती है.

वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में जंगल सफारी सेवा शुरू

गेस्ट हाउस में बुकिंग फुल
कैंप के प्रबंधक संजीव कुमार ने कहा कि जंगल सफारी सेवा शुरू होने के साथ ही गेस्ट हाउस की फुल बुकिंग चल रही है. हमारी कोशिश है कि पिछले साल के मुकाबले इस साल पर्यटकों की संख्या में भारी इजाफा देखने को मिले. पर्यटकों के रहने के लिए यहां सरकार ने किफायती दाम पर बम्बू हट, ट्री हट, सुइट रूम और वाल्मीकि विहार जैसे गेस्ट हॉउस की व्यवस्था की है. साथ ही 4 नए टेंट कैंप भी बनवाए जा रहे है.

west champaran
बम्बू हट की सुविधा

पर्यटकों की संख्या में रोज हो रहा इजाफा
पर्यटकों के ठहरने वाले जगह पर सरकार ने सरकारी दर पर निर्धारित कैंटीन की भी बेहतर व्यवस्था की हैं. जिसमें पर्यटकों के मन मुताबिक सभी प्रकार के डिस सरकारी दर पर मिलेंगे. वहीं, कैंटीन के प्रबंधक शशिभूषण सहाय ने कहा कि जंगल कैम्प में बने बम्बू ट्री का चार्ज महज 1000 है, वहीं सुईट रूम का चार्ज 1200 है. भेड़िहारी कपार्ट में पर्यटकों के लिए 50 रुपए में रहने की व्यव्स्था की गई है, जिसमें 40 बेड लगाए गए है. ऐसे में पर्यटकों की संख्या रोज बढ़ती जा रही है.

west champaran
प्रकृति का मनोरम दृश्य

प्रकृति का है मनोरम दृश्य
इस पर्यटन स्थल में पर्यटकों को प्राकृतिक आनंद के साथ-साथ धार्मिक स्थल और जंगली जीवों के दीदार करने की हसरत पूरी हो जाती है. यही वजह है कि देश-विदेश से लोग यहां प्रकृति के मनोरम दृश्य का रोमांच लेने पहुंचते हैं. वहीं, इसके बावजूद पर्यटकों का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध इस पर्यटन स्थल पर सरकार ने इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा देने में थोड़ी कमी की है.

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बच्चों के लिए झूला की सुविधा

मोबाइल नेटवर्क नहीं करता काम
गोपालगंज से अपने मित्रों के साथ घूमने आए अधिवक्ता प्रदीप पाठक का कहना है कि यहां धार्मिक स्थल खासकर वाल्मीकि आश्रम, जटाशंकर स्थान और नरदेवी माता स्थान इत्यादि जगहों पर जाने के लिए सड़के ही नहीं है. साथ ही उन्होंने बताया कि यहां कोई भी मोबाइल नेटवर्क काम नहीं करता है.

पश्चिम चंपारण: जिले के वाल्मीकि टाइगर रिजर्व पर्यटन स्थल में 4 महीने की बरसात के बाद जंगल सफारी सेवा शुरू कर दी गई है. जिसके लिए भारी संख्या में पर्यटकों की भीड़ जुट रही है. इस बार यह पर्यटन स्थल पहले की अपेक्षा में काफी नए अंदाज में दिखेगा. लेकिन दूर-दराज से आए पर्यटकों का कहना है कि इस पर्यटन स्थल में इंफ्रास्ट्रक्चर का घोर अभाव दिखता है.

पर्यटकों के लिए बेहतर इंतजाम
वाल्मीकि व्याघ्र परियोजना में जंगल सफारी सेवा की शुरुआत हो गई है. यह पर्यटन स्थल पहले की अपेक्षा बिल्कुल नए अंदाज में दिखेगा. क्योंकि इस बार पर्यटकों के लिए पहले से बेहतर इंतजाम किये गए हैं. खासकर नवनिर्मित इको पार्क, टेंट कैम्प और राफ्टिंग सेवा की शुरुआत पर्यटकों को आकर्षित कर सकती है.

वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में जंगल सफारी सेवा शुरू

गेस्ट हाउस में बुकिंग फुल
कैंप के प्रबंधक संजीव कुमार ने कहा कि जंगल सफारी सेवा शुरू होने के साथ ही गेस्ट हाउस की फुल बुकिंग चल रही है. हमारी कोशिश है कि पिछले साल के मुकाबले इस साल पर्यटकों की संख्या में भारी इजाफा देखने को मिले. पर्यटकों के रहने के लिए यहां सरकार ने किफायती दाम पर बम्बू हट, ट्री हट, सुइट रूम और वाल्मीकि विहार जैसे गेस्ट हॉउस की व्यवस्था की है. साथ ही 4 नए टेंट कैंप भी बनवाए जा रहे है.

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बम्बू हट की सुविधा

पर्यटकों की संख्या में रोज हो रहा इजाफा
पर्यटकों के ठहरने वाले जगह पर सरकार ने सरकारी दर पर निर्धारित कैंटीन की भी बेहतर व्यवस्था की हैं. जिसमें पर्यटकों के मन मुताबिक सभी प्रकार के डिस सरकारी दर पर मिलेंगे. वहीं, कैंटीन के प्रबंधक शशिभूषण सहाय ने कहा कि जंगल कैम्प में बने बम्बू ट्री का चार्ज महज 1000 है, वहीं सुईट रूम का चार्ज 1200 है. भेड़िहारी कपार्ट में पर्यटकों के लिए 50 रुपए में रहने की व्यव्स्था की गई है, जिसमें 40 बेड लगाए गए है. ऐसे में पर्यटकों की संख्या रोज बढ़ती जा रही है.

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प्रकृति का मनोरम दृश्य

प्रकृति का है मनोरम दृश्य
इस पर्यटन स्थल में पर्यटकों को प्राकृतिक आनंद के साथ-साथ धार्मिक स्थल और जंगली जीवों के दीदार करने की हसरत पूरी हो जाती है. यही वजह है कि देश-विदेश से लोग यहां प्रकृति के मनोरम दृश्य का रोमांच लेने पहुंचते हैं. वहीं, इसके बावजूद पर्यटकों का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध इस पर्यटन स्थल पर सरकार ने इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा देने में थोड़ी कमी की है.

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बच्चों के लिए झूला की सुविधा

मोबाइल नेटवर्क नहीं करता काम
गोपालगंज से अपने मित्रों के साथ घूमने आए अधिवक्ता प्रदीप पाठक का कहना है कि यहां धार्मिक स्थल खासकर वाल्मीकि आश्रम, जटाशंकर स्थान और नरदेवी माता स्थान इत्यादि जगहों पर जाने के लिए सड़के ही नहीं है. साथ ही उन्होंने बताया कि यहां कोई भी मोबाइल नेटवर्क काम नहीं करता है.

Intro:मॉनसून बाद एक बार फिर बिहार के इकलौते वाल्मीकि टाइगर रिजर्व स्थित पर्यटन स्थल में पर्यटकों के लिए जंगल सफारी सेवा शुरू हो गई है। जंगल सफारी सेवा शुरू होने के साथ हीं पर्यटकों की भारी संख्या में भीड़ जुट रही है। वही दूर दराज के क्षेत्रों से आने वाले पर्यटकों का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर के इस रमणीक पर्यटन स्थल पर इंफ्रास्ट्रक्चर का घोर अभाव दिखता है।


Body:वाल्मीकि व्याघ्र परियोजना स्थित पर्यटन स्थलों की सैर के लिए 4 महीने की बरसात के बाद एक बार फिर जंगल सफारी सेवा की शुरुवात हो गई है।यह पर्यटन स्थल पहले की अपेक्षा बिल्कुल नए अंदाज में दिखेगा। क्योंकि इस मर्तबा पर्यटकों के लिए पहले से बेहतर इंतेजाम किये गए हैं। खासकर नवनिर्मित इको पार्क , टेंट कैम्प सहित राफ्टिंग सेवा की शुरुवात पर्यटकों को आकर्षित करने के लिहाज से मील का पत्थर साबित हो सकता है। जंगल कैम्प के प्रबंधक संजीव कुमार का कहना है कि जंगल सफारी सेवा शुरू होने के साथ ही गेस्ट हाउस की फूल बुकिंग चल रही है। हमारी कोशिश है कि पिछले वर्ष के मुकाबले इस साल पर्यटकों की संख्या में भारी इजाफा देखने को मिले। पर्यटकों के रहने के लिए यहां सरकार ने किफायती दर पर बम्बू हट, ट्री हट, सुइट रूम और वाल्मीकि विहार जैसे गेस्ट हॉउस की व्यवस्था की है। साथ ही साथ 4 नए टेंट कैम्प भी बनाये जा रहे हैं।
पर्यटकों के ठहरने वाले जगह पर सरकार ने सरकारी दर पर निर्धारित कैंटीन की भी बेहतर व्यवस्था की है। जिसमे पर्यटकों के मनमुताबिक सभी प्रकार के डिश सरकारी दर पर मिलते हैं। कैंटीन के प्रबंधक शशिभूषण सहाय का कहना है कि जंगल कैम्प में बने बम्बू ट्री का चार्ज महज 1000 है, वहीं सुईट रूम का चार्ज 1200। भेड़िहारी कपार्ट में पर्यटकों के बजट के लिहाज से सिर्फ 50 रुपया बेड पर ठहरने की व्यवस्था है। इसमें 40 बेड लगाए गए हैं। ऐसे में पर्यटकों की संख्या दिन ब दिन बढ़ रही है।
बता दें कि सूबे के वाल्मीकिनगर स्थित इस पर्यटन स्थल में पर्यटकों को प्राकृतिक छँटा का आनंद लेने के साथ साथ धार्मिक स्थलों सहित जंगली जीवों के दीदार करने का भी हसरत पूरा हो जाता है। यही वजह है कि यहां देश विदेश से पर्यटक प्रकृति के मनोरम दृश्यों का रोमांच लेने पहुचते हैं। बावजूद इसके पर्यटकों का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त इस पर्यटन स्थल पर सरकार ने इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा देने में थोड़ी कमी की है। गोपालगंज से अपने मित्रों के साथ घूमने आए अधिवक्ता प्रदीप पाठक का कहना है कि यहां धार्मिक स्थलों खासकर वाल्मीकि आश्रम, जटाशंकर स्थान और नरदेवी माता स्थान इत्यादि जगहों पर जाने के लिए सड़क ही नही है। साथ ही साथ यहां कोई भी मोबाइल नेटवर्क काम नही करता।


Conclusion:प्रकृति की सुंदर छटाओं के बीच बसे इस पर्यटन स्थल के बारे में कहने में कोई अतिशयोक्ति नही की हाल के एक दशक में यह स्थान अंतरराष्ट्रीय फलक पर तेजी से उभरा है। लेकिन फिर भी अभी कई मूलभूत सुविधाओं से महरूम है।
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