बेतियाः बिहार के बेतिया में मझौलिया प्रखंड अंतर्गत डुमरी पंचायत के कोहड़ा हरिजन टोली में बाढ़ पीड़ितों के बीच आज सूखे राशन का वितरण किया गया. ईटीवी भारत की मदद से इनर व्हील क्लब (Inner Wheel Club) बेतिया कोहड़ा हरिजन टोली गांव पहुंची और बाढ़ पीड़ितों के बीच राशन का वितरण किया. ईटीवी भारत ने 14 जुलाई को डुमरी पंचायत के कोहरा हरिजन टोली की खबर "बेतिया का कोहरा हरिजन टोली बना टापू, प्रशासन से मदद की उम्मीद में बैठे हैं ग्रामीण" दिखाई थी.
जब इन बाढ़ पीड़ितों के बीच कोई सहायता नहीं पहुंची तो इनर व्हील क्लब की टीम बेतिया उस गांव में राशन लेकर पहुंची. बाढ़ पीड़ितों के बीच सूखा राशन का वितरण किया. सूखा राशन मिलने के बाद बाढ़ पीड़ित काफी खुश नजर आए और उन्होंने ईटीवी भारत का शुक्रिया किया.
यह भी पढ़ें- बाढ़ राहत शिविर में भूख से तड़प उठे बच्चे तो महिलाओं ने खोला मोर्चा, किया हाईवे जाम
मझौलिया प्रखंड के डुमरी पंचायत कोहड़ा हरिजन टोली में लगभग 50 परिवारों के बीच सूखा राशन का वितरण किया गया. सूखा राशन मिलने के बाद बाढ़ पीड़ितों के चेहरे पर खुशी दिखाई दी. बाढ़ पीड़ितों का कहना है कि हमारा गांव पूरी तरह से टापू बन चुका था. लेकिन अभी तक ना ही जिला प्रशासन की तरफ से और ना ही मुखिया की तरफ से किसी प्रकार की कोई सहायता दी गई, ना ही राशन का वितरण किया गया.
ईटीवी भारत ने खबर दिखाई तो कई एनजीओ ने ईटीवी भारत से संपर्क किया. बेतिया की इनर व्हील क्लब के सदस्यों ने भी संपर्क कर उस गांव के बारे में जानकारी मांगी. लगभग 50 परिवारों का राशन लेकर कोहड़ा हरिजन टोली गांव में पूरी टीम पहुंची. राशन देखकर बाढ़ पीड़ितों के चेहरे खिल उठे. बाढ़ पीड़ितों का कहना है कि पिछले साल भी ईटीवी भारत की खबर के कारण इस गांव में राशन का वितरण हुआ था. इस साल भी ईटीवी भारत के कारण हमें राशन मिला है.
यह भी पढ़ें: बेतिया से ग्राउंड रिपोर्ट: सड़क पर बह रहा है 4 फीट पानी, जान जोखिम में डालकर पार कर रहे हैं लोग
'ईटीवी भारत की मदद से हमारी टीम कोहड़ा हरिजन टोली पहुंची. जिस कारण आज बाढ़ पीड़ितों के बीच हमने राशन वितरण किया. इनर व्हील क्लब बेतिया जरूरतमंदों व बाढ़ पीड़ितों की सहायता के लिए हमेशा से आगे रही है और सामाजिक सरोकार से जुड़ी हुई संस्था है.' -पुष्प रेणु सिन्हा, अध्यक्ष, इनर व्हील क्लब
बता दें कि पश्चिम चंपारण जिले के कई गांव बाढ़ की चपेट में थे. खासकर मझौलिया प्रखंड के कई पंचायत टापू बने हुए थे. कई गांव ऐसे हैं, जहां पर जाने का कोई रास्ता नहीं था. डुमरी पंचायत का कोहड़ा हरिजन टोली और बिन टोली के लोग गांव में ही घिरे हुए थे.
बाढ़ पीड़ित आज भी जिला प्रशासन से मदद की गुहार लगा रहे हैं. क्योंकि इस गांव के मुखिया के द्वारा किसी प्रकार की उन्हें कोई सहायता नहीं दी गई. गांव के लोग मदद का इंतजार करते रह गए लेकिन इनकी सुध लेने कोई नहीं पहुंचा. इसे लेकर ग्रामीणों में नाराजगी है.
यह भी पढ़ें- बाढ़ पीड़ितों का दर्द: नहीं है राशन, कल शाम से ही बच्चे भूखे हैं