पश्चिमी चंपारण: जिले के वाल्मीकि टाइगर रिजर्व अंतर्गत शिकारियों ने फिर से शनिवार को दो हिरण का शिकार बनाया. जिसमें एक हिरण की जान बच गई. जबकि दूसरे की मौत हो गई. शिकारियों ने हिरण के साथ काफी बर्बरता दिखाई. दरअसल, शिकारियों ने हिरण के पैर और सिर काट लिए.
लॉकडाउन होने के कारण बिहार के इकलौते वाल्मीकि टाइगर रिजर्व से जंगली जानवर सड़कों पर निकल रहे हैं. लेकिन, जानवरों के बाहर आने से उनकी आफत भी बढ़ती जा रही है. जानवर शिकारी के चंगुल में आ जा रहे हैं.
लौकरिया थाना क्षेत्र की घटना
जानकारी के मुताबिक शनिवार को दो हिरण शिकारियों के जाल में फंस गए. जिसमें एक हिरण जख्मी होकर भाग निकला. लेकिन दूसरा हिरण फंस गया. शिकारियों ने उसके पैर और सिर काट लिए. घटना जिले के लौकरिया थाना क्षेत्र के पिपराडिह के नवका सरेह की है. सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची. टीम के पहुंचते ही शिकारी मृत हिरण को छोड़कर भाग निकले. वहीं, वन विभाग की टीम ने दूसरे हिरण का इलाज कर उसे जंगल में छोड़ दिया.
नहीं थम रही शिकार की घटनाएं
बता दें कि वाल्मिकि टाइगर रिजर्व के जंगल से भटक कर जानवर हर रोज रिहायशी इलाके पहुंच रहे हैं. लेकिन, वे सभी जानवर शिकारियों का निशाना बन रहे हैं. यही वजह है कि भटके जंगली जानवरों की गंडक दियरा और रिहायशी इलाके में शिकार की घटनाएं थम नहीं रही है. लॉकडाउन में अब तक आधा दर्जन हिरणों का शिकार हो चुका है. बावजूद इसके वन विभाग की टीम की कार्रवाई कारगर नहीं दिख रही है.