बगहा: कोरोना संक्रमण में स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह से चरमराते नजर आ रही है. दरअसल हालात यह हो गया है कि अब परिजन मरीजों को ठेले पर लादकर अस्पताल पहुंचाने को विवश हैं. परिजनों का कहना है कि टेम्पो और अन्य वाहनों को पुलिस वाले रोकते हैं नतीजतन कोई अन्य साधन नहीं है. मामला बगहा अनुमंडल अस्पताल का है.
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ठेला पर हेल्थ सिस्टम
पटखौली थाना अंतर्गत मलकौली के नथुनी की पत्नी की तबीयत बहुत ज्यादा बिगड़ गई तब उसने टेम्पो व अन्य वाहन की खोज शुरू की ताकि पत्नी को अस्पताल पहुंचा सके. लेकिन जब कोई चारा नहीं दिखा तो उसने कचरा कचरा ढोने वाले ठेला से ही पत्नी कमली देवी को 7 किलोमीटर का सफर तय कर अस्पताल में भर्ती कराया. अभी नथुनी अपने पत्नी को अस्पताल लेकर पहुंचा ही था कि एक अन्य स्थानीय मरीज को लोग ठेला पर लादकर अस्पताल पहुंचे.
''लोगों में जागरूकता की कमी है. अस्पताल में एम्बुलेंस उपलब्ध है और यदि परिजन सूचना देते तो एम्बुलेंस से ही मरीजों को लाया जाता.'' - केबीएन सिंह, अस्पताल उपाधीक्षक
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महामारी में मदद से कतरा रहे लोग
दरअसल, इस महामारी के दौर में स्वास्थ्य व प्रशासनिक व्यवस्था बेपटरी नजर आ रही है. आमलोग भी इस तरह के मामलों में मदद को आगे नहीं आ रहे. यही वजह है कि जिन लोगों में जानकारी का अभाव है, वे एम्बुलेंस के लिए टॉल फ्री नम्बर पर कॉल नहीं कर पाते हैं. हाल में ही एक मृत बुजुर्ग को लोगों ने कंधा देने से इनकार कर दिया था तो बेटा ठेले पर शव लादकर श्मशान घाट पहुंचा और अंतिम संस्कार किया.