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बेतिया नप अविश्वास प्रस्ताव मामला : गरिमा सिकारिया को पटना हाईकोर्ट से मिली राहत - नप सभापति गरिमा देवी सिकारिया

11 महीने की लड़ाई के बाद बेतिया की नप सभापति गरिमा देवी सिकारिया (NP Chairman Garima Devi Sikaria ) के पक्ष में हाई कोर्ट ने फैसला सुनाया है. उन्हें सभापति के तौर पर बहाल कर दिया गया है. इसके बाद भी तकनीकि पेंच के कारण गरिमा देवी सभापति नहीं बन पायेंगी. पढ़ें पूरी खबर.

गरिमा देवी सिकारिया
गरिमा देवी सिकारिया
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Published : Nov 27, 2021, 1:51 PM IST

Updated : Nov 27, 2021, 4:45 PM IST

बेतियाः 11 माह बाद बेतिया नगर परिषद ( Bettiah Nagar Parishad ) की निवर्तमान सभापति गरिमा देवी सिकारिया के पक्ष में पटना हाईकोर्ट (Patna High court on Bettiah Nagar Parishad) ने फैसला दिया. गरिमा देवी सिकारिया के खिलाफ पहले लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को पटना हाई कोर्ट ने अवैधानिक करार दिया है. पटना हाइकोर्ट के चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली बेंच ने शुक्रवार को फैसला दिया. सुनवाई के बाद कोर्ट ने विशेष बैठक बुलाने और अविश्वास को पारित करने की पूरी प्रक्रिया को अवैधानिक बताकर रद्द कर पद पर बहाल करने का आदेश दिया है.

ये भी पढ़ें- ETV भारत से बोले सुरजेवाला, 'कांग्रेस का विकल्प नहीं बन सकतीं ममता, प्रियंका पर पार्टी को पूरा भरोसा'

निवर्तमान सभापति गरिमा देवी के पक्ष में फैसला के बाद भी सभापति के तौर पर बहाल होने में अब भी तकनीकि पेंच है. पूर्व में बेतिया नगर परिषद था. नगर विकास विभाग की ओर से बेतिया नगर निगम अधिसूचित कर दिया गया. इसके बाद बोर्ड को अवक्रमित कर दिया गया है. सिकारिया ने कहा कि प्रोन्नत नगर निकायों के बोर्ड को सरकार द्वारा भंग कर देने का एक अन्य मुकदमा चल रहा है. मुकदमा का फैसला आने के बाद ही वे अपनी कुर्सी फिर संभाल पाएंगी.

''सत्य परेशान हो सकता है लेकिन पराजित नहीं हो सकता है. करीब 11 माह की अथक लड़ाई के बाद मिली जीत वास्तव में पूरे नगर निगम क्षेत्र के जनता की जीत है. कुछ बड़े सफेदपोस के द्वारा इसमें षड्यंत्र भी किया गया था और वह कामयाब भी हो चुके थे. लेकिन कोर्ट ने न्याय देने का काम किया.'' - गरिमा देवी सिकारिया, निवर्तमान सभापति, बेतिया नगर परिषद

दरअसल पूरा मामला 16 दिसंबर 2020 का है. जब नगर परिषद की वर्तमान सभापति गरिमा देवी सिकारिया (Garima Devi Sikaria case) पर अविश्वास लाया गया था. जब उनकी मौजूदगी नहीं थी. उसके बाद वोटिंग की गई और कुछ पार्षदों के द्वारा षड्यंत्र कर उनको कुर्सी से हटा दिया गया. जिसके बाद गरिमा देवी सिकारिया ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और कोर्ट ने यह सत्य पाया की सभापति गरिमा देवी सिकारिया पर अविश्वास लाना गलत है और एक षड्यंत्र के तहत अविश्वास लाकर उनकी कुर्सी छीन ली गई.

ये भी पढ़ें- शराबबंदी और पुलिस एक्शन : पटनावासियों की राय सुनकर सरकार हो जाएगी परेशान

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बेतियाः 11 माह बाद बेतिया नगर परिषद ( Bettiah Nagar Parishad ) की निवर्तमान सभापति गरिमा देवी सिकारिया के पक्ष में पटना हाईकोर्ट (Patna High court on Bettiah Nagar Parishad) ने फैसला दिया. गरिमा देवी सिकारिया के खिलाफ पहले लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को पटना हाई कोर्ट ने अवैधानिक करार दिया है. पटना हाइकोर्ट के चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली बेंच ने शुक्रवार को फैसला दिया. सुनवाई के बाद कोर्ट ने विशेष बैठक बुलाने और अविश्वास को पारित करने की पूरी प्रक्रिया को अवैधानिक बताकर रद्द कर पद पर बहाल करने का आदेश दिया है.

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निवर्तमान सभापति गरिमा देवी के पक्ष में फैसला के बाद भी सभापति के तौर पर बहाल होने में अब भी तकनीकि पेंच है. पूर्व में बेतिया नगर परिषद था. नगर विकास विभाग की ओर से बेतिया नगर निगम अधिसूचित कर दिया गया. इसके बाद बोर्ड को अवक्रमित कर दिया गया है. सिकारिया ने कहा कि प्रोन्नत नगर निकायों के बोर्ड को सरकार द्वारा भंग कर देने का एक अन्य मुकदमा चल रहा है. मुकदमा का फैसला आने के बाद ही वे अपनी कुर्सी फिर संभाल पाएंगी.

''सत्य परेशान हो सकता है लेकिन पराजित नहीं हो सकता है. करीब 11 माह की अथक लड़ाई के बाद मिली जीत वास्तव में पूरे नगर निगम क्षेत्र के जनता की जीत है. कुछ बड़े सफेदपोस के द्वारा इसमें षड्यंत्र भी किया गया था और वह कामयाब भी हो चुके थे. लेकिन कोर्ट ने न्याय देने का काम किया.'' - गरिमा देवी सिकारिया, निवर्तमान सभापति, बेतिया नगर परिषद

दरअसल पूरा मामला 16 दिसंबर 2020 का है. जब नगर परिषद की वर्तमान सभापति गरिमा देवी सिकारिया (Garima Devi Sikaria case) पर अविश्वास लाया गया था. जब उनकी मौजूदगी नहीं थी. उसके बाद वोटिंग की गई और कुछ पार्षदों के द्वारा षड्यंत्र कर उनको कुर्सी से हटा दिया गया. जिसके बाद गरिमा देवी सिकारिया ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और कोर्ट ने यह सत्य पाया की सभापति गरिमा देवी सिकारिया पर अविश्वास लाना गलत है और एक षड्यंत्र के तहत अविश्वास लाकर उनकी कुर्सी छीन ली गई.

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Last Updated : Nov 27, 2021, 4:45 PM IST
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