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Bagaha: 15 दिन में करोड़ों का काम बहा ले गई गंडक, शहर पर अब भी खतरा बरकरार

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Published : Aug 1, 2021, 6:57 PM IST

जलस्तर कम होने के साथ ही गंडक नदी (Gandak River) का कटाव तेज हो गया है. पश्चिम चंपारण के बगहा के मिर्जा टोली और अशोक वाटिका के पास नदी तेजी से कटाव कर रही है. कटाव रोकने के लिए जल संसाधन विभाग द्वारा पिछले 15 दिन से काम कराया जा रहा है, लेकिन कटाव नहीं रुक रहा.

Gandak river
गंडक नदी

पश्चिम चंपारण: बिहार के पश्चिम चंपारण (West Champaran) जिले के बगहा शहर के कई मुहल्लों पर गंडक नदी से (Gandak River) आने वाले बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है. जलस्तर घटने के साथ नदी तेजी से कटाव कर रही है. इसके चलते बगहा (Bagaha) शहर को बचाने के लिए बना बांध भी कटाव की जद में है. पिछले 15 दिन से यहां लगातार कटाव रोकने के लिए काम चल रहा है, लेकिन गंडक करोड़ों रुपये की लागत का काम अपने साथ बहा ले गई.

यह भी पढ़ें- यहां छिप-छिपाकर चल रहा था बालू माफियाओं का 'खेल', पुलिस पहुंची तो...

बगहा के मिर्जा टोली (Mirza Toli) और अशोक वाटिका (Ashok Vatika) के पास गंडक नदी तेजी से कटाव कर रही है. बांध बचाने के लिए यहां लगातार जल संसाधन विभाग द्वारा कटावरोधी सुरक्षात्मक कार्य कराया जा रहा है. इसके बावजूद खतरा अब भी बरकरार है. करोड़ों रुपये की लगात से हो रहे काम लगातार गंडक में समा रहे हैं. गंडक के कटाव के चलते आसपास के ग्रामीणों में दहशत है.

देखें रिपोर्ट

जल संसाधन विभाग के अभियंताओं की टीम यहां रोस्टर के हिसाब से लगातार कैम्प कर रही है. जियो बैग और हाथी पांव के सहारे कटाव पर नियंत्रण की कोशिश की जा रही है. यहां काम कर रहे मजदूरों और स्थानीय लोगों का कहना है कि अब तक करीब 20 मीटर कटाव हो चुका है. एक तरफ से कटाव रोकने के लिए प्रयास होता है तो दूसरी ओर से कटाव शुरू जाता है.

मजदूर निर्दय सहनी ने कहा, '15 दिन हो गए यहां काम करते हुए. हमलोग कटाव रोकने के लिए जियो बैग और हाथी पांव रखते हैं. नदी उसे अपने साथ बहा ले जाती है'. स्थानीय ग्रामीण विजय शाह ने कहा, 'बांध बचाने के लिए लगातार काम हो रहा है, लेकिन कटाव नहीं रुक रहा. नदी की धारा में बदलाव हुआ है, इसके चलते यहां तेजी से कटाव हो रहा है.'

बता दें कि फिलहाल गंडक नदी का जलस्तर भले ही कम हुआ है, लेकिन खतरा कम होता नहीं दिख रहा है. नदी के जलस्तर में गिरावट होने पर कटाव का खतरा बढ़ जाता है. इसके चलते कटाव को पूरी तरह रोकना जल संसाधन विभाग के लिए लोहे के चने चबाने जैसा है. तेजी से हो रहे कटाव के चलते ग्रामीण और जल संसाधन विभाग के अधिकारियों की नींद उड़ी हुई है. शहर वासियों का कहना है कि जिस तरह से कटाव हो रहा है शहर पर बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है.

दूसरी ओर गंडक नदी की धारा में बदलाव होने से बगहा के धनहा-रतवल पुल के पास दायां गाइड बांध का तेजी से कटाव हो रहा है. बांध बचाने के लिए अभियंताओं की टीम कैम्प कर रही है. बांध पर तेज गति से कार्य किया जा रहा है. कटाव के कारण गाइड बांध के निचले हिस्से में बसे नौका टोला के ग्रामीण दहशत में हैं.

यह भी पढ़ें- धनरूआ में जलप्रलय: 3 तटबंध टूटने से सैकड़ों गांव प्रभावित, 1500 एकड़ में लगी फसल बर्बाद

पश्चिम चंपारण: बिहार के पश्चिम चंपारण (West Champaran) जिले के बगहा शहर के कई मुहल्लों पर गंडक नदी से (Gandak River) आने वाले बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है. जलस्तर घटने के साथ नदी तेजी से कटाव कर रही है. इसके चलते बगहा (Bagaha) शहर को बचाने के लिए बना बांध भी कटाव की जद में है. पिछले 15 दिन से यहां लगातार कटाव रोकने के लिए काम चल रहा है, लेकिन गंडक करोड़ों रुपये की लागत का काम अपने साथ बहा ले गई.

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बगहा के मिर्जा टोली (Mirza Toli) और अशोक वाटिका (Ashok Vatika) के पास गंडक नदी तेजी से कटाव कर रही है. बांध बचाने के लिए यहां लगातार जल संसाधन विभाग द्वारा कटावरोधी सुरक्षात्मक कार्य कराया जा रहा है. इसके बावजूद खतरा अब भी बरकरार है. करोड़ों रुपये की लगात से हो रहे काम लगातार गंडक में समा रहे हैं. गंडक के कटाव के चलते आसपास के ग्रामीणों में दहशत है.

देखें रिपोर्ट

जल संसाधन विभाग के अभियंताओं की टीम यहां रोस्टर के हिसाब से लगातार कैम्प कर रही है. जियो बैग और हाथी पांव के सहारे कटाव पर नियंत्रण की कोशिश की जा रही है. यहां काम कर रहे मजदूरों और स्थानीय लोगों का कहना है कि अब तक करीब 20 मीटर कटाव हो चुका है. एक तरफ से कटाव रोकने के लिए प्रयास होता है तो दूसरी ओर से कटाव शुरू जाता है.

मजदूर निर्दय सहनी ने कहा, '15 दिन हो गए यहां काम करते हुए. हमलोग कटाव रोकने के लिए जियो बैग और हाथी पांव रखते हैं. नदी उसे अपने साथ बहा ले जाती है'. स्थानीय ग्रामीण विजय शाह ने कहा, 'बांध बचाने के लिए लगातार काम हो रहा है, लेकिन कटाव नहीं रुक रहा. नदी की धारा में बदलाव हुआ है, इसके चलते यहां तेजी से कटाव हो रहा है.'

बता दें कि फिलहाल गंडक नदी का जलस्तर भले ही कम हुआ है, लेकिन खतरा कम होता नहीं दिख रहा है. नदी के जलस्तर में गिरावट होने पर कटाव का खतरा बढ़ जाता है. इसके चलते कटाव को पूरी तरह रोकना जल संसाधन विभाग के लिए लोहे के चने चबाने जैसा है. तेजी से हो रहे कटाव के चलते ग्रामीण और जल संसाधन विभाग के अधिकारियों की नींद उड़ी हुई है. शहर वासियों का कहना है कि जिस तरह से कटाव हो रहा है शहर पर बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है.

दूसरी ओर गंडक नदी की धारा में बदलाव होने से बगहा के धनहा-रतवल पुल के पास दायां गाइड बांध का तेजी से कटाव हो रहा है. बांध बचाने के लिए अभियंताओं की टीम कैम्प कर रही है. बांध पर तेज गति से कार्य किया जा रहा है. कटाव के कारण गाइड बांध के निचले हिस्से में बसे नौका टोला के ग्रामीण दहशत में हैं.

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