पं.चंपारण: जिले के एक बेटे ने अपने पिता की पुण्यतिथि पर चिकित्सा शिविर का आयोजन किया. इस चिकित्सा शिविर में लोगों की आंखों की नि:शुल्क जांच कर मुफ्त में दवाईयां उपलब्ध कराई गईं. इस दौरान वहां क्षेत्र के लोगों की भारी भीड़ उमड़ी. लोगों ने शिविर के आयोजनकर्ता को आशीर्वाद देते हुए कहा कि वर्तमान समय में जब पिता अपने ही पुत्र की हत्या कर रहा है, ऐसे में अपने दिवंगत पिता के लिए ऐसा प्रेम न केवल प्रदेश के लिए बल्कि पूरे देश के लिए एक प्रेरणा है.
अखंड ज्योति नेत्रालय के सौजन्य से हुआ आयोजन
शिविर के आयोजनकर्ता विद्यादित्य संजू ने बताया कि 8 नवंबर को हमारे पिता की पुण्य तिथि है. हमारे पिता हमेशा लोगों के लिए अपना जीवन जीया करते थे. उन्हीं के आदर्शों पर चलता हुआ आज 30 साल के बाद अपनी पत्नी अर्चना सिन्हा के साथ दिल्ली से गरीब-मजलुमों के सेवार्थ यहां आया हूं .
'वाल्मीकि वसुधा परिवार' के नाम से चलाते हैं संस्था
बता दें कि विद्यादित्य शोशल साईट पर वाल्मीकि वसुधा परिवार के नाम से एक पेज चलाते हैं. जिसके माध्यम से वे हमेशा से गरीबों की मदद किया करते हैं. विद्यादित्य बताते हैं कि इस आयोजन के लिए उनकी पत्नी अर्चना ने उन्हें काफी प्रोत्साहित किया. जिसके बाद उन्होंने अपने पिता के कर्म क्षेत्र वाल्मीकिनगर में इस नि:शुल्क जांच शिविर का आयोजन किया. मौके पर अखंड ज्योति नेत्रालय के नामचीन नेत्र विशेषज्ञों ने शिविर में आए लोगों की आंखों की जांच कर उन्हें मुफ्त में दवाईयां वितरित की.
'पिता को कर्मक्षेत्र से था लगाव'
इस मामले पर शिविर में आंखों की जांच करवाने आए शिवचंद्र बताते हैं कि हमने विद्यादित्य के पिता को इस क्षेत्र की सेवा करते देखा है. वे यहां पर काफी लंबे समय तक वन क्षेत्र पदाधिकारी के तौर पर कार्यरत थे. उन्होंने अपना पूरा जीवन इलाके के लोगों के लिए खपाया था.
हर माह नि:शुल्क जांच शिविर का होगा आयोजन
विद्यादित्य बताते हैं कि पिता की कर्मभूमि होने के वजह से इस क्षेत्र में हर माह की 7 तारीख को नि:शुल्क नेत्र जांच का शिविर का आयोजन होगा. उन्होंने बताया कि इस आयोजन के साथ भारत-नेपाल मैत्री फुटबॉल मैच का भी आयोजन किया जाएगा.