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बगहा: शहर के निचले इलाकों में घुसा बाढ़ का पानी, पीड़ितों ने रेलवे लाइन के किनारे तंबू में ली शरण - 4 लाख 40 हजार क्यूसेक पानी

गंडक नदी में 4 लाख 40 हजार क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद कैलाशनगर स्थित गोला घाट के पास से इस इलाके के कई वार्डों में पानी घुस गया है. जिससे लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं.

बगहा
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Published : Jul 22, 2020, 9:09 PM IST

Updated : Aug 18, 2020, 5:45 PM IST

बगहा: गंडक नदी में जलस्तर बढ़ने के बाद शहर के कैलाशनगर इलाके के कई मुहल्लों में बाढ़ का पानी घुस गया है. जिसके कारण अब तक कई लोगों के घरों मे चूल्हा भी नहीं जला है. दर्जनों पीड़ित परिवार बगहा-गोरखपुर रेल ट्रैक के किनारे शरण लिए हुए हैं, जबकि अब तक कोई प्रशासनिक मदद नहीं पहुंचाई गई है. वहीं इसकी वजह से ग्रामीण काफी परेशान है.

कई इलाकों में घुसा बाढ़ का पानी
बगहा अंतर्गत गंडक नदी के किनारे बसे कैलाशनगर में देर रात बाढ़ का पानी घुसने से लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं. दरअसल, गंडक नदी में 4 लाख 40 हजार क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद कैलाशनगर स्थित गोला घाट के पास से इस इलाके के कई वार्डों में पानी घुस गया है. ऐसे में कई घरों में अब तक चूल्हा नहीं जला है और लोग भूखे प्यासे प्रशासन के मदद की उम्मीद लगाए बैठे हैं.

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बाढ़ प्रभावित लोग

दर्जनों परिवारों ने रेल ट्रैक किनारे ली शरण
भले ही गंडक का जलस्तर लगातार घट रहा हो, लेकिन लोगों की मुश्किलें कम होती नजर नहीं आ रही हैं. वार्ड- 7 के वार्ड पार्षद नरेंद्र सिंह ने बताया कि जब पानी घुसना शुरू हुआ, तो उन्होंने बीडीओ को सूचित किया था. लेकिन अब तक कोई देखने तक नहीं आया है. वहीं पार्षद ने कहा कि पानी निकलने में समय लगेगा, ऐसे में कई परिवार अब तक भूखे हैं. प्रशासन को ब्लीचिंग पॉउडर, चूना इत्यादि सहित राशन का प्रबंध शीघ्र करना चाहिए.

देखें पूरी रिपोर्ट

घरों में नहीं जला अब तक चूल्हा
बाढ़ प्रभावित लोगों ने रेल ट्रैक किनारे तम्बू तानकर शरण ले रखा है. अभी भी कई परिवार तम्बू बना रहे हैं, ताकि रात में अपने बाल-बच्चों के साथ सुरक्षित रह सकें और भोजन पका सकें. ट्रैक किनारे शरण लिए किशोरी बताती हैं कि दो बजे रात में बाढ़ का पानी गांव में घुसा, तो सुबह रेलवे लाइन के किनारे परिवार के साथ पहुंच गई. लेकिन अब तक खाना नहीं बना पाइ हैं.

बगहा: गंडक नदी में जलस्तर बढ़ने के बाद शहर के कैलाशनगर इलाके के कई मुहल्लों में बाढ़ का पानी घुस गया है. जिसके कारण अब तक कई लोगों के घरों मे चूल्हा भी नहीं जला है. दर्जनों पीड़ित परिवार बगहा-गोरखपुर रेल ट्रैक के किनारे शरण लिए हुए हैं, जबकि अब तक कोई प्रशासनिक मदद नहीं पहुंचाई गई है. वहीं इसकी वजह से ग्रामीण काफी परेशान है.

कई इलाकों में घुसा बाढ़ का पानी
बगहा अंतर्गत गंडक नदी के किनारे बसे कैलाशनगर में देर रात बाढ़ का पानी घुसने से लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं. दरअसल, गंडक नदी में 4 लाख 40 हजार क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद कैलाशनगर स्थित गोला घाट के पास से इस इलाके के कई वार्डों में पानी घुस गया है. ऐसे में कई घरों में अब तक चूल्हा नहीं जला है और लोग भूखे प्यासे प्रशासन के मदद की उम्मीद लगाए बैठे हैं.

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बाढ़ प्रभावित लोग

दर्जनों परिवारों ने रेल ट्रैक किनारे ली शरण
भले ही गंडक का जलस्तर लगातार घट रहा हो, लेकिन लोगों की मुश्किलें कम होती नजर नहीं आ रही हैं. वार्ड- 7 के वार्ड पार्षद नरेंद्र सिंह ने बताया कि जब पानी घुसना शुरू हुआ, तो उन्होंने बीडीओ को सूचित किया था. लेकिन अब तक कोई देखने तक नहीं आया है. वहीं पार्षद ने कहा कि पानी निकलने में समय लगेगा, ऐसे में कई परिवार अब तक भूखे हैं. प्रशासन को ब्लीचिंग पॉउडर, चूना इत्यादि सहित राशन का प्रबंध शीघ्र करना चाहिए.

देखें पूरी रिपोर्ट

घरों में नहीं जला अब तक चूल्हा
बाढ़ प्रभावित लोगों ने रेल ट्रैक किनारे तम्बू तानकर शरण ले रखा है. अभी भी कई परिवार तम्बू बना रहे हैं, ताकि रात में अपने बाल-बच्चों के साथ सुरक्षित रह सकें और भोजन पका सकें. ट्रैक किनारे शरण लिए किशोरी बताती हैं कि दो बजे रात में बाढ़ का पानी गांव में घुसा, तो सुबह रेलवे लाइन के किनारे परिवार के साथ पहुंच गई. लेकिन अब तक खाना नहीं बना पाइ हैं.

Last Updated : Aug 18, 2020, 5:45 PM IST
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