बेतिया: बिहार के पश्चिम चंपारण जिले के कई इलाकों में बाढ़ का पानी घुस गया है. नेपाल में लगातार हो रही भारी बारिश के कारण वहां से पानी छोड़ा जा रहा है. वाल्मीकि नगर में स्थित गंडक बराज से भारी मात्रा में पानी छोड़ा गया है. जिसके चलते गंडक नदी में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है. निचले इलाकों में बाढ़ का पानी घुस गया है. नौतन प्रखंड के रामपुर कला गांव पूरी तरह से डूब गया है. लगभग 50 घर बाढ़ के पानी में जल समाधि ले चुका है और सैकड़ों लोग चंपारण तटबंध पर पलायन कर चुके हैं.
ये भी पढ़ें- नींद में थे लोग और गांव में घुस गया बाढ़ का पानी, तभी देवदूत बनकर आये SSB जवान
गंडक नदी का रौद्र रूप: नौतन प्रखंड में हर बार की तरह इस बार भी बाढ़ आ गई है और यहां के लोग पलायन कर रहे हैं. बाढ़ पीड़ितों का दर्द ईटीवी भारत ने ग्राउंड जीरो से सरकार तक पहुंचाने की कोशिश की है. सरकार को और व्यवस्था को यह खबर देखनी चाहिए और बाढ़ पीड़ितों के बीच राहत सामग्री का वितरण करना चाहिए. मंगलपुर कला गांव में बाढ़ पीड़ित चूड़ा-गुड़ का इंतजार कर रहे हैं. प्लास्टिक का इंतजार कर रहे हैं.
निचले इलाके में घुसा बाढ़ का पानी: मंगलपुर कला गांव के बाढ़ पीड़ित राहत सामग्री का इंतजार कर रहे हैं. क्योंकि उनका घर पूरी तरह से डूब चुका है और यह सड़कों पर रहने को मजबूर हैं. सड़क के नीचे गंडक नदी का पानी भरा है और ऊपर से बारिश के कारण लोगों का हाल बेहाल है. ऐसी स्थिति में उनके पास प्लास्टिक तक नसीब नहीं हो रहा है. जिससे लोग काफी परेशान है.
मंगलपुर कला गांव में 50 घर डूबे: ईटीवी भारत की टीम ग्राउंड जीरो पर मंगलपुर कला गांव जाकर वहां की रिपोर्ट दिखाई है. गांव की स्थिति काफी भयावह है. गांव के 50 घर पूरी तरह से डूब गए हैं. नाव पर बैठी महिलाएं और बाढ़ पीड़ित अपना दर्द को बयां कर रहे हैं. बता रहे हैं कि 4 साल पहले उन लोगों को सीओ के द्वारा यहां पर बसाया गया और हर साल बाढ़ से जद्दोजहद करने के लिए छोड़ दिया गया है. पिछले 4 साल से इस गांव में हर साल बाढ़ आती है और गांव को जलमग्न कर देती है. बाढ़ पीड़ित काफी आक्रोशित हैं.
"4 साल पहले हम लोगों को बसाया गया था और आज तक सुध लेने कोई नहीं आया. देर रात यहां पर बाढ़ का पानी आ गया. इसको लेकर कोई अल्टीमेटम भी स्थानीय प्रशासन के द्वारा नहीं दिया गया. पानी बढ़ने लगा तो लोग गांव छोड़कर ऊंचे स्थान पर पलायन किए. जिससे घर में अनाज, कपड़ा सहित सब छूट गया और वह सब कुछ बर्बाद हो गया है."- बाढ़ पीड़ित
बाढ़ पीड़ितों को प्रशासन से मदद का इंतजार: ये दर्द कोई एक पीड़ित की नहीं है. जितने पीड़ित हैं, सभी का एक ही दर्द है. लोग बाढ़ से परेशान है और प्रशासन से राहत की उम्मीद कर रहे हैं. ईटीवी भारत के इस ग्राउंड रिपोर्ट को सरकार को देखना चाहिए और मंगलपुर काला के सैकड़ों बाढ़ पीड़ितों के बीच राहत सामग्री का वितरण करवाना चाहिए. गांव में आने-जाने के लिए सरकार को नाव की सुविधा बहाल करना चाहिए. ताकि, बाढ़ पीड़ितों के जख्म पर कुछ मलहम लगा सके.