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सहायता राशि न मिलने से दर-दर भटकने को मजबूर बाढ़ पीड़ित

बिहार के पश्चिमी चंपारण के कई हिस्सों में बाढ़ ने तबाही मचा दी थी. सरकार ने बाढ़ पीड़ितों को मुआवजा देने का ऐलान किया था. लेकिन कई माह बीत जाने के बाद भी अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के चक्कर लगाने के बावजूद नौतन प्रखंड के शिवराजपुर गांव के लोगों को सहायता राशि नहीं मिली.

बाढ़ पीड़ितों को सहायता की आस
बाढ़ पीड़ितों को सहायता की आस
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Published : Jan 11, 2021, 10:01 AM IST

पश्चिमी चंपारणः बाढ़ ने जिले के कई हिस्सों में तबाही मचायी थी. जिससे लोगों को खासी दिक्कत का सामना करना पड़ा था. बाढ़ की त्रासदी से निकले लोगों को 7 महीने बीत गए. लेकिन बाढ़ पीड़ितों को सहायता राशि नहीं मिली. घर का राशन खत्म हो गया अब खाने को लाले पड़े है. जिससे मजबूरन इन्हें अपने हक की लड़ाई के लिए प्रदर्शन करना पड़ रहा है. अधिकारियों से लेकर जनप्रतिनिधियों का दरवाजा नौतन प्रखंड के शिवराजपुर पंचायत के लोगों ने खटकाया लेकिन सिर्फ और सिर्फ आश्वासन मिला पर सहायता राशि नहीं मिली.

देखें रिपोर्ट

प्रशासन ने बाढ़ पीड़ितों की भेजी थी सूची

बता दें कि नौतन प्रखंड के शिवराजपुर में बाढ़ आए 7 महीने बीत गए. इन बाढ़ पीड़ितों की सूची बनाकर भेज दी गई थी. लेकिन इन बाढ़ पीड़ितों को अभी तक 7 महीने बाद भी सहायता राशि नहीं मिली. यह बाढ़ पीड़ित कई बार ब्लॉक के चक्कर भी काट चुके हैं. ब्लॉक का घेराव भी कर चुके हैं. बार-बार सिर्फ आश्वासन मिलता है, कि अगले हफ्ते आपका पैसा चला जाएगा. लेकिन अब यह बाढ़ पीड़ित थक हार चुके हैं और सहायता राशि की उम्मीद भी छोड़ चुके हैं. यह बाढ़ पीड़ित सरकार व जिला प्रशासन से गुहार लगा रहे हैं कि अगर उन्हें सहायता राशि मिल जाएगी तो वह उन पैसों से खेती कर सकेंगे.

सहायता राशि का इंतजार
सहायता राशि का इंतजार

नहीं मिली सहायता राशि

यह बाढ़ पीड़ित सरकार से जिला प्रशासन से गुहार लगा रहे हैं की हजूर हम बाढ़ पीड़ित है. सात महीने बीत गए लेकिन हमें कोई सहायता राशि नहीं मिली. इस बाढ़ में हमारे घर में रखा अनाज और हमारे खेत की फसल बर्बाद हो गयी. ऐसे में हम बाढ़ पीड़ित उस सहायता राशि का इंतजार कर रहे हैं. जो सहायता राशि हमें देने का वादा किया गया था उसे दीजिए. लेकिन कोई भी मदद नही मिली.

सहायता राशि का इंतजार
सहायता राशि का इंतजार

ये भी पढ़ें- गोबर को बनाया व्यवसाय, ऑर्गेनिक मटेरियल बनाकर कर रहे जीविकोपार्जन


सात महीने से है इंतजार
जिला मुख्यालय से 20 किलोमीटर की दूरी पर नौतन प्रखंड के शिवराजपुर पंचायत के बाढ़ पीड़ित हैं. ये बाढ़ पीड़ित सात महीने से सहायता राशि का इंतजार कर रहें हैं. इसमें शिवराजपुर पंचायत के वार्ड नंबर 7, 11,12,13,14,15 और 16 के बाढ़ पीड़ित हैं. इन बाढ़ पीड़ितों का कहना है कि हमारे पंचायत में बाढ़ आये 7 महीने बीत गए. लेकिन अभी तक हमें सहायता राशि नहीं मिली. जिसको लेकर हमने कई बार ब्लॉक से लेकर जिला तक चक्कर लगाया. लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है.

प्रदर्शन करते लोग
प्रदर्शन करते लोग

जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों से कर चुके शिकायत

दो से तीन बार बाढ़ पीड़ितों ने नौतन ब्लॉक का घेराव भी किया और अंचलाधिकारी से भी बात की. इसके बावजूद भी सिर्फ आश्वासन ही मिला. जब भी अधिकारियों से मिलने बाढ़ पीड़ित पहुंचे तो उन्हें सिर्फ आश्वासन मिलता रहा कि अगले हफ्ते आपका पैसा चला जाएगा. लेकिन उस पैसे का इंतजार ये लोग 7 महीने से कर रहे हैं. सिर्फ आश्वासन के सिवाय बाढ़ पीड़ितों को अब तक कुछ नहीं मिला. विधायक से लेकर सांसद तक से गुहार लगाई लेकिन बाढ़ सहायता राशि नहीं मिली. बाढ़ में इनका सब कुछ बर्बाद हो चुका है.

प्रदर्शन करते लोग
प्रदर्शन करते लोग

सहायता राशि से करते खेती

बाढ़ पीड़ितों का कहना है कि अगर हमें सहायता राशि मिल होती तो उस पैसे से हम अपनी खेती करते. अपने खेतों में फसल लगाते ताकि बाढ़ की त्रासदी में जो हमारी फसल का नुकसान हुआ है. उसकी कुछ भरपाई हो जाती. अब हम लोगों के खाने के भी लाले हो रहे हैं.

पश्चिमी चंपारणः बाढ़ ने जिले के कई हिस्सों में तबाही मचायी थी. जिससे लोगों को खासी दिक्कत का सामना करना पड़ा था. बाढ़ की त्रासदी से निकले लोगों को 7 महीने बीत गए. लेकिन बाढ़ पीड़ितों को सहायता राशि नहीं मिली. घर का राशन खत्म हो गया अब खाने को लाले पड़े है. जिससे मजबूरन इन्हें अपने हक की लड़ाई के लिए प्रदर्शन करना पड़ रहा है. अधिकारियों से लेकर जनप्रतिनिधियों का दरवाजा नौतन प्रखंड के शिवराजपुर पंचायत के लोगों ने खटकाया लेकिन सिर्फ और सिर्फ आश्वासन मिला पर सहायता राशि नहीं मिली.

देखें रिपोर्ट

प्रशासन ने बाढ़ पीड़ितों की भेजी थी सूची

बता दें कि नौतन प्रखंड के शिवराजपुर में बाढ़ आए 7 महीने बीत गए. इन बाढ़ पीड़ितों की सूची बनाकर भेज दी गई थी. लेकिन इन बाढ़ पीड़ितों को अभी तक 7 महीने बाद भी सहायता राशि नहीं मिली. यह बाढ़ पीड़ित कई बार ब्लॉक के चक्कर भी काट चुके हैं. ब्लॉक का घेराव भी कर चुके हैं. बार-बार सिर्फ आश्वासन मिलता है, कि अगले हफ्ते आपका पैसा चला जाएगा. लेकिन अब यह बाढ़ पीड़ित थक हार चुके हैं और सहायता राशि की उम्मीद भी छोड़ चुके हैं. यह बाढ़ पीड़ित सरकार व जिला प्रशासन से गुहार लगा रहे हैं कि अगर उन्हें सहायता राशि मिल जाएगी तो वह उन पैसों से खेती कर सकेंगे.

सहायता राशि का इंतजार
सहायता राशि का इंतजार

नहीं मिली सहायता राशि

यह बाढ़ पीड़ित सरकार से जिला प्रशासन से गुहार लगा रहे हैं की हजूर हम बाढ़ पीड़ित है. सात महीने बीत गए लेकिन हमें कोई सहायता राशि नहीं मिली. इस बाढ़ में हमारे घर में रखा अनाज और हमारे खेत की फसल बर्बाद हो गयी. ऐसे में हम बाढ़ पीड़ित उस सहायता राशि का इंतजार कर रहे हैं. जो सहायता राशि हमें देने का वादा किया गया था उसे दीजिए. लेकिन कोई भी मदद नही मिली.

सहायता राशि का इंतजार
सहायता राशि का इंतजार

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सात महीने से है इंतजार
जिला मुख्यालय से 20 किलोमीटर की दूरी पर नौतन प्रखंड के शिवराजपुर पंचायत के बाढ़ पीड़ित हैं. ये बाढ़ पीड़ित सात महीने से सहायता राशि का इंतजार कर रहें हैं. इसमें शिवराजपुर पंचायत के वार्ड नंबर 7, 11,12,13,14,15 और 16 के बाढ़ पीड़ित हैं. इन बाढ़ पीड़ितों का कहना है कि हमारे पंचायत में बाढ़ आये 7 महीने बीत गए. लेकिन अभी तक हमें सहायता राशि नहीं मिली. जिसको लेकर हमने कई बार ब्लॉक से लेकर जिला तक चक्कर लगाया. लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है.

प्रदर्शन करते लोग
प्रदर्शन करते लोग

जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों से कर चुके शिकायत

दो से तीन बार बाढ़ पीड़ितों ने नौतन ब्लॉक का घेराव भी किया और अंचलाधिकारी से भी बात की. इसके बावजूद भी सिर्फ आश्वासन ही मिला. जब भी अधिकारियों से मिलने बाढ़ पीड़ित पहुंचे तो उन्हें सिर्फ आश्वासन मिलता रहा कि अगले हफ्ते आपका पैसा चला जाएगा. लेकिन उस पैसे का इंतजार ये लोग 7 महीने से कर रहे हैं. सिर्फ आश्वासन के सिवाय बाढ़ पीड़ितों को अब तक कुछ नहीं मिला. विधायक से लेकर सांसद तक से गुहार लगाई लेकिन बाढ़ सहायता राशि नहीं मिली. बाढ़ में इनका सब कुछ बर्बाद हो चुका है.

प्रदर्शन करते लोग
प्रदर्शन करते लोग

सहायता राशि से करते खेती

बाढ़ पीड़ितों का कहना है कि अगर हमें सहायता राशि मिल होती तो उस पैसे से हम अपनी खेती करते. अपने खेतों में फसल लगाते ताकि बाढ़ की त्रासदी में जो हमारी फसल का नुकसान हुआ है. उसकी कुछ भरपाई हो जाती. अब हम लोगों के खाने के भी लाले हो रहे हैं.

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