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बेतिया: महिला सुपरवाइजर को 6 घंटे तक असामाजिक तत्वों ने बनाया बंधक, पुलिस ने कराया मुक्त

तधवानंदपुर पंचायत में आंगनबाड़ी सेविका सहायिका बहाली के दौरान एक महिला के साथ दुर्व्यवहार किया गया है. हालांकि इस मामले में 8 नामजद सहित 100 अज्ञात पर प्रथमिकी दर्ज की गई है.

बंधक बनाया
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Published : Mar 11, 2021, 7:07 AM IST

बेतिया: बैरिया प्रखंड के पंचायत तधवानंदपुर में वार्ड नम्बर-7 में एलएस सेविका सहायिका के सभी कागजात फाड़ देने और दुर्व्यवहार करने का मामला सामने आया है. जान बचाने के लिए एलएस एक घर मे छिप गई. जिसके बाद सैकड़ों ग्रामीणों ने घर को घेर लिया. एलएस ने इसकी सूचना पुलिस को दी. पांच थानों की पुलिस पहुंच एलएस को मुक्त कराया है.

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सुपरवाइजर का फाड़ा कागजात
महिला सुपरवाइजर ने बताया है कि वह आंगनबाड़ी सेविका सहायिका बहाली के लिए विभाग के आदेश पर तधवानंदपुर के वार्ड नंबर-7 में पहुंची. जहां अति विशेष बहाली के लिए एसडीएम के आदेश से नियुक्त बहाली के अध्यक्ष राजेश्वर कुमार की उपस्थिति में बहाली की प्रक्रिया शुरू की गई. जब बहाली की प्रक्रिया अंतिम चरण में थी तो उसी समय आवेदिका रेनू देवी के पति अजय प्रसाद और उनके समर्थकों ने उनके कागजात को छीन लिया. साथ ही पंजी का पेज नंबर-14 और 15 को फाड़ दिया.

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सुपरवाइजर को बनाया बंधक
आम लोगों के माध्यम से उस पंजी को वापस लाया गया. पंजी वापस आने के बाद एलएस पंजी को समेट कर अपनी गाड़ी में जाकर बैठ गई. इसके बाद बैरिया बाल विकास कार्यालय चलने को कहा. लेकिन आवेदिका मीना कुमारी के पति परशुराम प्रसाद और उनके समर्थकों के माध्यम से गाड़ी को रोक लिया गया. वहीं अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए गाड़ी को नहीं बढ़ने दिया गया. साथ ही रात्रि 11 बजे तक महिला सुपरवाइजर को बंधक बनाकर रखा गया. जिसके बाद प्रशासन की पहल पर उन्हें मुक्त कराकर बैरिया थाना लाया गया. इस मामले में एसडीएम के आदेश पर बैरिया थाना में 8 नामजद सहित 100 अज्ञात पर प्रथमिकी दर्ज की गई है.

बेतिया: बैरिया प्रखंड के पंचायत तधवानंदपुर में वार्ड नम्बर-7 में एलएस सेविका सहायिका के सभी कागजात फाड़ देने और दुर्व्यवहार करने का मामला सामने आया है. जान बचाने के लिए एलएस एक घर मे छिप गई. जिसके बाद सैकड़ों ग्रामीणों ने घर को घेर लिया. एलएस ने इसकी सूचना पुलिस को दी. पांच थानों की पुलिस पहुंच एलएस को मुक्त कराया है.

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सुपरवाइजर का फाड़ा कागजात
महिला सुपरवाइजर ने बताया है कि वह आंगनबाड़ी सेविका सहायिका बहाली के लिए विभाग के आदेश पर तधवानंदपुर के वार्ड नंबर-7 में पहुंची. जहां अति विशेष बहाली के लिए एसडीएम के आदेश से नियुक्त बहाली के अध्यक्ष राजेश्वर कुमार की उपस्थिति में बहाली की प्रक्रिया शुरू की गई. जब बहाली की प्रक्रिया अंतिम चरण में थी तो उसी समय आवेदिका रेनू देवी के पति अजय प्रसाद और उनके समर्थकों ने उनके कागजात को छीन लिया. साथ ही पंजी का पेज नंबर-14 और 15 को फाड़ दिया.

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सुपरवाइजर को बनाया बंधक
आम लोगों के माध्यम से उस पंजी को वापस लाया गया. पंजी वापस आने के बाद एलएस पंजी को समेट कर अपनी गाड़ी में जाकर बैठ गई. इसके बाद बैरिया बाल विकास कार्यालय चलने को कहा. लेकिन आवेदिका मीना कुमारी के पति परशुराम प्रसाद और उनके समर्थकों के माध्यम से गाड़ी को रोक लिया गया. वहीं अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए गाड़ी को नहीं बढ़ने दिया गया. साथ ही रात्रि 11 बजे तक महिला सुपरवाइजर को बंधक बनाकर रखा गया. जिसके बाद प्रशासन की पहल पर उन्हें मुक्त कराकर बैरिया थाना लाया गया. इस मामले में एसडीएम के आदेश पर बैरिया थाना में 8 नामजद सहित 100 अज्ञात पर प्रथमिकी दर्ज की गई है.

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