बेतिया: बिहार ईंख काश्तकार संघ ने बुधवार को गन्ना के मूल्य वृद्धि को लेकर किसान भवन के सामने प्रदर्शन किया. सरकार द्वारा मांग पूरी नहीं किए जाने पर किसान संघ ने वोट बहिष्कार की चेतावनी दी है. किसानों का कहना है कि तीन वर्ष से गन्ना के मूल्य में वृद्धि नहीं की गई है. जिससे किसानों की हालत दयनीय है.
जिले के बगहा में अनुमंडल में पिछले तीन वर्षों से गन्ना के मूल्य में वृद्धि नहीं किए जाने से किसान नाराज हैं. किसानों की मांग है कि गन्ने का मूल्य बढ़ाया जाए और ट्रैक्टर-ट्रॉली पर लगने वाले व्यावसायिक टैक्स को खत्म किया जाए. इसी को लेकर जिले के किसानों ने बुधवार को किसान भवन के सामने विरोध प्रदर्शन किया. बता दें कि गन्ना किसान लंबे समय से मूल्य वृद्धि की मांग करते आ रहे हैं. लेकिन सरकार ने इनकी मांगों पर अब तक ध्यान नहीं दिया है.
नहीं निकल पाता गन्ना का लागत मूल्य
बता दें कि पश्चिमी चंपारण कृषि बहुल क्षेत्र है और अधिकांश लोग कैश क्रॉप यानी गन्ने का उत्पादन करते हैं. इसी गन्ने के भुगतान से किसानों के बच्चों की पढ़ाई से लेकर बेटियों के शादी तक का खर्च निकलता है. ऐसे में किसानों का कहना है कि जिस तरीके से लगातार महंगाई बढ़ती जा रही है. उसके अनुपात में गन्ना उत्पादन में खर्च ज्यादा आता है और उनकी लागत भी नहीं निकल पाती है.
ट्रैक्टर-ट्रॉली पर व्यावसायिक टैक्स से किसान परेशान
बता दें कि इलाके में चार चीनी मिलें हैं. धान और गेंहू के अलावा गन्ने का उत्पादन इस इलाके में बहुतायत मात्रा में होता है. ऐसे में किसान ट्रैक्टर ट्रॉली का उपयोग करते हैं. जबकि परिवहन विभाग द्वारा उनके ट्रैक्टर ट्रॉली पर भी व्यावसायिक टैक्स लगाया जाता है. इस टैक्स से भी किसान काफी त्रस्त हैं. किसनाों का कहना है कि साल के चार महीने में ट्रैक्टर का कोई खास उपयोग नहीं होता है. फिर भी इस पर टैक्स भरना पड़ता है.
वोट बहिष्कार की चेतावनी
जिले के किसनों का कहना है कि बिहार ईंख काश्तकार संघ अपने इन दोनो मांगो को लेकर अडिग है. किसान संघ के प्रदेश सचिव छोटे श्रीवास्तव ने बताया कि सीएम नीतीश कुमार ने 15 वर्ष पूर्व ही वादा किया था कि गन्ना का मूल्य अन्य राज्यों के मुकाबले बिहार में ज्यादा रहेगा. इसके बावजूद अभी भी यूपी से 25 रुपये कम दर किसानों को दिया जा रहा है. ऐसे में यदि सरकार उनके मांगो को पूरा नहीं करती है तो इस मर्तबा किसान समुदाय वोट बहिष्कार को बाध्य होगा.