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बेतिया: आमरण अनशन पर बैठे किसान की हालत बिगड़ी, प्रशासन पर तानाशाही करने का आरोप - किसान का अनशन

नौतन प्रखंड के शयामपुर कोतराहा पंचायत में अनशन पर बैठे किसान की हालत बिगड़ गई. इस कारण किसानों में आक्रोश का माहौल देखा गया.

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Published : Feb 9, 2021, 7:59 PM IST

बेतिया: भारतीय किसान संघ के बैनर तले शयामपुर कोतराहा ढाला चौक पर आमरन अनशन पर बैठे संघ अध्यक्ष नंदकिशोर पांडेय विकल्प की हालत खराब हो गई है. लेकिन उनकी खबर लेने अब तक कोई पदाधिकारी और चिकित्सक नहीं पहुंचे हैं. इस कारण किसानों में आक्रोश का माहौल देखा गया.

बता दें कि नौतन प्रखंड के शयामपुर कोतराहा पंचायत के किसानों ने अपने आठ सूत्री मांगों को लेकर चार दिनों तक सांकेतिक धरना दिया. इसके बाद किसी पदाधिकारी द्वारा सुध नहीं लिये जाने पर चार दिन बाद संघ अध्यक्ष नंदकिशोर पांडेय विकल्प ने आमरण अनशन करने की घोषणा कर दी.

पढ़ें: मंत्रिमंडल विस्तार के बाद नये मंत्रियों ने कहा- काम करना पहली प्राथमिकता

इधर, विगत सात दिनों से अनशन पर बैठे किसान की हालत बिगड़ने लगी है. अध्यक्ष ने बताया कि अगर पदाधिकारी उनके मांगों को पूरा नहीं करते हैं, तो वह कोतराहा चौक पर ही अमरण अनशन पर बैठे रहेंगे. किसान नेता सह जीपी सेनानी ने बताया कि वे हमेशा समाज के हक के लिए लड़ते आए है. लेकिन प्रशासन अंग्रेजों की याद दिला रही है.

ये भी पढ़ें: बिहार में औद्योगिक क्रांति के लिए करेंगे काम: शाहनवाज हुसैन

उन्होंने बताया कि भारत आज भी अफरसाही, गलत नीति और दलाली जैसी प्रथा से आजाद नहीं हुआ है. आज किसान कर्ज के बोझ तले दब कर बदहाली की जीवन जीने को मजबूर है और सरकार किसानों के साथ तानाशाही रवैया अपनाकर किसानों को आन्दोलन करने पर विवश कर रही है.

बेतिया: भारतीय किसान संघ के बैनर तले शयामपुर कोतराहा ढाला चौक पर आमरन अनशन पर बैठे संघ अध्यक्ष नंदकिशोर पांडेय विकल्प की हालत खराब हो गई है. लेकिन उनकी खबर लेने अब तक कोई पदाधिकारी और चिकित्सक नहीं पहुंचे हैं. इस कारण किसानों में आक्रोश का माहौल देखा गया.

बता दें कि नौतन प्रखंड के शयामपुर कोतराहा पंचायत के किसानों ने अपने आठ सूत्री मांगों को लेकर चार दिनों तक सांकेतिक धरना दिया. इसके बाद किसी पदाधिकारी द्वारा सुध नहीं लिये जाने पर चार दिन बाद संघ अध्यक्ष नंदकिशोर पांडेय विकल्प ने आमरण अनशन करने की घोषणा कर दी.

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इधर, विगत सात दिनों से अनशन पर बैठे किसान की हालत बिगड़ने लगी है. अध्यक्ष ने बताया कि अगर पदाधिकारी उनके मांगों को पूरा नहीं करते हैं, तो वह कोतराहा चौक पर ही अमरण अनशन पर बैठे रहेंगे. किसान नेता सह जीपी सेनानी ने बताया कि वे हमेशा समाज के हक के लिए लड़ते आए है. लेकिन प्रशासन अंग्रेजों की याद दिला रही है.

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उन्होंने बताया कि भारत आज भी अफरसाही, गलत नीति और दलाली जैसी प्रथा से आजाद नहीं हुआ है. आज किसान कर्ज के बोझ तले दब कर बदहाली की जीवन जीने को मजबूर है और सरकार किसानों के साथ तानाशाही रवैया अपनाकर किसानों को आन्दोलन करने पर विवश कर रही है.

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