बेतिया: असम राइफल्स के 46वीं बटालियन में तैनात जवान सत्येंद्र कुमार श्रीवास्तव का कैंसर की वजह से देहांत हो गया. जवान का पार्थिव शरीर बेतिया के आईटीआई कॉलोनी पहुंचा. शव घर पहुंचते ही जवान को अंतिम बार देखने के लिए भीड़ उमड़ पड़ी. वहीं, परिजनों में चीख-पुकार मच गई. बेतिया वासियों ने जवान को नम आंखों से आखिरी विदाई दी.
दरअसल, असम राइफल्स में तैनात जवान सत्येंद्र कुमार श्रीवास्तव लम्बे समय से कैंसर से जूझ रहे थे. इलाज के लिए उन्हें कोलकाता आर्मी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जहां इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गई. जवान का शव उनके पैतृक निवास स्थल बेतिया के आईटीआई कॉलोनी लाया गया. पार्थिव शरीर पहुंचते ही चारों तरफ चित्कार मच गया. पूरे इलाके का माहौल गमगीन हो गया.
साथी जवानों ने दी आखिरी विदाई
अपने लाल का शव देख परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल था. वहीं, आसपास के लोगों की आंखें नम थी. अपने जवान की आखिरी विदाई देने के लिए असम राइफल्स की एक टुकड़ी भी मौजूद रही. असम राइफल्स के जवान ने नम आखों से सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी.
कोलकाता आर्मी अस्पताल में भर्ती थे जवान
बता दें कैलाश प्रसाद श्रीवास्तव का परिवार बेतिया में रहता है. उनके पुत्र सतेंद्र कुमार श्रीवास्तव असम राइफल्स बल के 46वीं बटालियन में तैनात थे. इसी दौरान उन्हें कैंसर ने जकड़ लिया. पिछले कई महीनों से बीमारी का इलाज कोलकाता आर्मी अस्पताल में चल रहा था. इलाज के दौरान जवान की मौत हो गई.
हालात बिगड़ने के बाद आईसीयू में किया गया था शिफ्ट
मृतक जवान को अंतिम विदाई देने के लिए असम राइफल्स बल की एक टुकड़ी बेतिया पहुंची. ईटीवी भारत से बातचीत में एक हवलदार ने बताया कि जवान को कैंसर का इलाज के लिए आर्मी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. इसी दौरान उनकी हालत बिगड़ गई. उन्हें आईसीयू में भर्ती कराया गया. हालांकि उन्हें बचाया नहीं जा सका.